Hanuman Chalisa

पितृपक्ष में कर लीजिए ये 10 अच्छे कर्म, श्राद्ध से ज्यादा मिलेगा शुभ फल

अनिरुद्ध जोशी
गुरुवार, 23 सितम्बर 2021 (12:04 IST)
इस बार पितृ पक्ष ( Pitru Paksha 2021 Start Date) 20 सितंबर 2021, सोमवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होंगे। पितृ पक्ष का समापन 6 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि ( Sarva pitru amavasya ) को होगा। आओ जानते हैं श्राद्ध पक्ष की 16 काम की बातें।
 
 
1. दान : इस दौरान दान-पुण्य का कार्य करना चाहिए। गरीबों या जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री, वस्त्र आदि दान करनी चाहिए। श्राद्ध में 10 तरह के दान दिए जाते हैं। 1.जूते-चप्पल, 2.वस्त्र, 3.छाता, 4.काला‍ तिल, 5.घी, 6.गुड़, 7.धान्य, 8.नमक, 9.चांदी-स्वर्ण और 10.गौ-भूमि।
 
2. अमान्य दान : श्राद्ध में जो लोग भोजन कराने में अक्षम हों, वे आमान्न दान देते हैं। आमान्न दान अर्थात अन्न, घी, गुड़, नमक आदि भोजन में प्रयुक्त होने वाली वस्तुएं इच्छा‍नुसार मात्रा में दी जाती हैं।
 
3. पंचबलि कर्म : श्राद्ध में पंचबलि कर्म किया जाता है। अर्थात पांच जीवों को भोजन दिया जाता है। बलि का अर्थ बलि देने नहीं बल्कि भोजन कराना भी होता है। श्राद्ध में गोबलि, श्वान बलि, काकबलि, देवादिबलि और पिपलिकादि कर्म किया जाता है। अर्थात गाय, कौआ, कुत्ता, देव और पीपल को अन्न जल से तृप्त किया जाता है। सर्वपितृ अमावस्या पर पीपल की सेवा और पूजा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। स्टील के लोटे में, दूध, पानी, काले तिल, शहद और जौ मिला लें और पीपल की जड़ में अर्पित कर दें। पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें और 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का जाप करें।
 
4. गीता का पाठ : श्राद्ध पक्ष में 16 दिन गीता का पाठ करना चाहिए। आप चाहे तो संपूर्ण गीता का पाठ करें नहीं तो पितरों की शांति के लिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए और उन्हें मुक्ति प्रदान का मार्ग दिखाने के लिए गीता के 2रे और 7वें अध्याय का पाठ जरूर करें। 
 
 
6. ब्राह्मण भोज : पंचबलि कर्म के बाद ब्राह्मण भोज कराया जाता है। इस दिन सभी को अच्छे से पेटभर भोजन खिलाकर दक्षिणा दी जाती है। ब्राह्मण का निर्वसनी होना जरूरी है और ब्राह्मण नहीं हो तो अपने ही रिश्तों के निर्वसनी और शाकाहार लोगों को भोजन कराएं। खासकर जमाई, भांजा, मामा, गुरु और नाती को भोजन करूर कराएं।
 
7. दीप जलाएं : पितृ पक्ष के दौरान प्रतिदिन अपने द्वारा पर पितरों के निमित्त एक दीप जरूर जालाएं। दक्षिण दिशा में पितरों के निमित्त 2, 5, 11 या 16 दीपक जरूर जलाएं। आप अपनी गैलरी में भी जला सकते हैं या आप प्रतिदिन पीपल के पेड़ के पास भी दीप जलाकर पितरों की मुक्ति हेतु प्रार्थना कर सकते हैं। 
 
8. इन सभी लोगों का करें तर्पण : आप सिर्फ अपने पितरों का ही नहीं बल्कि देव, ऋषि, दिव्य मानव, यम और पितरों के देव अर्यमा के लिए भी तर्पण करें। माता, माता पक्ष (नाना नानी), पत्नि, बहन और बेटी आदि यदि ये लोग किसी कारणवश देवलोक चले गए हैं तो इनका श्राद्ध विशेषरूप से करना चाहिए करना चाहिए।
 
9. गरीबों को भोजन : पंचमी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा को पितरों के नाम से गरीबों, जरूरतमंदों और कन्याओं को भोजन करवाएं।  नलकूप, धर्मशाला, वृद्धाश्रम आदि में दान करें।
 
10. धूप दें : गुड़ घी को मिलाकर सुगंधित धूप दें, जब तक वह जले तब तक 'ॐ पितृदेवताभ्यो नम': का जप करें और इसी मंत्र से आहुति दें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Margashirsha Month 2025: आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं तो मार्गशीर्ष माह में करें ये 6 उपाय

बाबा वेंगा भविष्यवाणी 2026: महायुद्ध, आर्थिक संकट और सोने के दाम? जानें बुल्गारियाई भविष्यवक्ता की 4 सबसे बड़ी चेतावनियां

Money Remedy: घर के धन में होगी बढ़ोतरी, बना लो धन की पोटली और रख दो तिजोरी में

Margashirsha month: धर्म कर्म के हिसाब से मार्गशीर्ष महीने का महत्व और मोक्ष मार्ग के उपाय

वक्री बृहस्पति: 11 नवंबर से अगले 25 दिन इन 5 राशियों के लिए बेहद कठिन रहेंगे

सभी देखें

धर्म संसार

Budh vakri gochar 2025: बुध ग्रह ने चली वक्री चाल, जानिए क्या होगा 12 राशियों का राशिफल

Vrishchik Sankranti 2025 : वृश्चिक संक्रांति पर इन 15 चीजों में से करें कोई भी दान, जीवन में होगा सकारात्मक परिवर्तन

Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी व्रत के 5 चमत्कारी उपाय, मिलेगा धन, सुख और समृद्धि

Utpanna Ekadashi Katha Kahani: उत्पन्ना एकादशी व्रत की संपूर्ण पौराणिक कथा कहानी

Utpanna Ekadashi 2025: उत्पन्ना एकादशी का महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और पारण समय

अगला लेख