Sawan somwar 2024: सावन माह में किए जाने वाले विभिन्न तरह के व्रत उपवास

Sawan somwar vrat 2024: सावन सोमवार के व्रत कौन से करें, जानिए उपवास के दिन

WD Feature Desk
सोमवार, 22 जुलाई 2024 (12:40 IST)
Sawan somwar 2024: 22 जुलाई से श्रावण मास के सावन सोमवार व्रत प्रारंभ हो गए हैं जो 19 अगस्त तक चलेंगे। यदि आप भी सावन माह में व्रत उपवास कर रहे हैं तो क्या आप जानते हैं कि किस तरह के किस प्रकार के व्रत रखें जाते हैं? नहीं जानते है जो जल्दी से जान लीजिये क्योंकि जानकर नियम से किए गए व्रतों का ही फल मिलता है।ALSO READ: sawan somwar 2024: सावन के प्रथम सोमवार पर कर लें ये 6 उपाय, पैसों की तंगी हो जाएगी दूर
 
श्रावण के महीने में भक्त कई तरह के उपवास करते हैं। कुछ सिर्फ सोमवार को उपवास करते हैं तो कुछ भक्त एकादशी, प्रदोष और चतुर्दशी के साथ ही अमावस्या एवं पूर्णिमा के उपवास भी करते हैं।
 
1. सोमवार : श्रावण के प्रति सोमवार को कई भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं तो बहुत से सिर्फ एक समय का ही उपवास रखते हैं। अधिकतर ऐसे हैं तो एक समय खाना खाना हैं और दूसरे समय भरपेट खिचड़ी का सेवन करते हैं और कुछ ऐसे भी हैं जो दोनों ही समय भरपेट खिचड़ी खाते हैं। लेकिन असली उपवास को पूर्णोपवास ही होता है।
 
2. एकादशी व्रत: श्रावण माह में कृष्‍ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी मिलाकर 2 एकादशी होती है। इस दिन उपवास किया जाता है। इस दिन अनाज, दाल या खिचड़ी का सेवन नहीं करते हैं केवल फल और दूध का सेवन करते हैं। एकाशना में एक समय सात्विक भोजन भी किया जाता है। ALSO READ: Hariyali teej 2024 : सावन मास में हरियाली तीज कब है, नोट कर लें पूजा के शुभ मुहूर्त
 
3. प्रदोष व्रत: यह व्रत श्रावण मास के दोनों पक्षों की तेरस यानी 13वें दिन किया जाता है। इस दौरान भक्त सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास करते हैं और शाम को भगवान शिव की पूजा करके व्रत खोलते हैं।
 
4. निर्जला व्रत: यह उपवास सबसे कठिन होता हैं क्योंकि इसमें पूरे दिन अन्न और जल का सेवन नहीं करते हैं। इस उपवास का अधिक लाभ मिलता है। सभी मनोकामना पूर्ण होती है। 
 
5. फलाहारी व्रत: इस उपवास में भक्त केवल फलों का सेवन करते है। एक समय या दोनों समय ही फल खाए जाते हैं। इस में अन्न, अनाज या दाल का सेवन नहीं करते हैं।
 
6. सात्विक व्रत: इस व्रत में सिर्फ सात्विक भोजन ही ग्रहण करते हैं। इस भोजन में किसी भी तरह से प्याज, लहसुन या मसालों का उपयोग नहीं करते हैं। यह उपवास शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए जाना जाता है।ALSO READ: Sawan 2024: सावन के महीने में ऐसे करें एक ही राज्य के इन दो ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, जानिए कैसे करना है प्लानिंग

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