भोलेनाथ को क्यों नहीं चढ़ती है मेहंदी, हल्दी और तुलसी सहित 10 चीजें

Webdunia
बुधवार, 20 जुलाई 2022 (12:03 IST)
Shiv ji ko kya nahi chadana chahiye : श्रावण मास में शिवलिंग की पूजा का खासा महत्व और पुण्य रहता है। हालांकि शिवलिंग पर कोई भी चीज अर्पित करने या चढ़ाने से पहले जान लें कि क्या नहीं चढ़ाना चाहिए अन्यथा शिवजी नाराज हो सकते हैं। आओ जानते हैं 10 वर्जित पूजा सामग्री।
 
 
1. फूल : केतकी, मदंती, केवड़ा, जूही, कुंद, शिरीष, कंद, अनार के फूल, कदंब के फूल, सेमल के फूल, सारहीन/ कठूमर के फूल, कपास के फूल, पत्रकंटक के फूल, गंभारी के फूल, बहेड़ा के फूल, तिंतिणी के फूल, गाजर के फूल, कैथ के फूल, कोष्ठ के फूल, कनेर, कमल और धव के फूल। लाल रंग के फूल भी नहीं चढ़ाते हैं। 
 
2. हल्दी : हल्दी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। हल्दी उपयोग मुख्य रूप से सौंदर्य प्रसाधन में भी किया जाता है। इसीलिए हल्दी को शिवलिंग पर नहीं चढ़ता हैं। ले‍किन साल में सिर्फ एक बार महाशिवरात्रि के दूसरे दिन शिव जी को हल्दी चढ़ाई जाती है जब उनका विवाह हुआ था।
 
3. मेहंदी : मेहंदी का उपयोग भी सौंदर्य प्रसाधन में किया जाता है और यह भी सुहाग का प्रतीक भी है। इसलिए शिवजी को यह अर्पित नहीं करते हैं।
 
4. कुमकुम या रोली: कुमकुम और रोली भी शिवलिंग पर नहीं लगायी जाती है। यह विष्णुप्रिया लक्ष्मी और सुहाग का प्रतीक है। इसलिए इसे भी अर्पित नहीं किया जाता है।
5. तुलसी : तुलसी पहले वृंदा के रूप में जालंधर की पत्नी थी, जिसका शिवजी ने वध किया था। वृंदा इससे दु:खी होकर बाद में तुलसी का पौधा बन गई थी। इसलिए भगवान शिव को उन्होंने अपने आलौकिक और देवीय गुणों वाले तत्वों से वंचित कर दिया। दूसरा भगवान विष्णु ने तुलसी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया है इसलिए भी शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।
 
6. तिल : कई लोग जल या दूध अर्पित करते वक्त उसमें काले तिल मिलाकर अर्पित करते हैं। तिल को भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता और इसे शनिदेव एवं पितरों को ही अर्पित किया जाता है। इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाना चाहिए।
 
7. चावल : कुछ मौकों को छोड़कर शिवजी को चावल भी अर्पित नहीं करते हैं। खासकर टूटे चावल तो भूलकर भी अर्पित नहीं करते हैं।
 
8. नारियल : शिवजी को नारियल या नारियल का पानी भी अर्पित नहीं किया जाता, क्योंकि हरियल को श्रीफल कहते हैं। श्रीफल यानी की लक्ष्मी माता का स्वरूप। माता लक्ष्मी को शिवजी को कैसे अर्पित कर सकते हैं? शिव पर अर्पित होने के बाद नारियल या नारियल पानी ग्रहण योग्य नहीं रह जाता है और शिवजी नाराज हो जाते हैं।
 
9. शंख या शंख से जल : भगवान विष्णु को प्रिय है शंख। शिवजी ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था इसलिए शंख भगवान शिव की पूजा में वर्जित माना गया है। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान विष्णु का भक्त था।
 
10. सिंदूर : शिव पुराण में महादेव को विनाशक बताया गया हैं। कारण यह है कि भगवान शिव वैरागी हैं और वैरागी लोग अपने माथे पर राख डालते हैं, सिंदूर नहीं। सिंदूर सुगाह का प्रतीक है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Vasumati Yog: कुंडली में है यदि वसुमति योग तो धनवान बनने से कोई नहीं रोक सकता

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम जयंती पर कैसे करें उनकी पूजा?

मांगलिक लड़की या लड़के का विवाह गैर मांगलिक से कैसे करें?

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम का श्रीकृष्ण से क्या है कनेक्शन?

Akshaya-tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन क्या करते हैं?

Aaj Ka Rashifal: पारिवारिक सहयोग और सुख-शांति भरा रहेगा 08 मई का दिन, पढ़ें 12 राशियां

vaishkh amavasya 2024: वैशाख अमावस्या पर कर लें मात्र 3 उपाय, मां लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न

08 मई 2024 : आपका जन्मदिन

08 मई 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Akshaya tritiya : अक्षय तृतीया का है खास महत्व, जानें 6 महत्वपूर्ण बातें

अगला लेख