गुरु हरकिशन जयंती : जानिए 10 तथ्य

Webdunia
Guru Har Krishan Jyanati
 
 
- राजश्री कासलीवाल
 
1. सिखों धर्म के आठवें गुरु, गुरु हर किशन सिंह जी का जन्म श्रावण मास, कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को सन् 1656 ई. में कीरतपुर साहिब में हुआ था। 
 
2.गुरु हर किशन सिंह के पिता सिख धर्म के सातवें गुरु, गुरु हरि राय जी थे और उनकी माता का नाम किशन कौर था।
 
3. बचपन से ही गुरु हर किशन जी बहुत ही गंभीर और सहनशील प्रवृत्ति के थे। वे 5 वर्ष की उम्र में भी आध्यात्मिक साधना में लीन रहते थे। उनके पिता अकसर हर किशन जी के बड़े भाई राम राय और उनकी कठीन से कठीन परीक्षा लेते रहते थे। 
 
4. जब हर किशन जी गुरुबाणी पाठ कर रहे होते तो वे उन्हें सुई चुभाते, किंतु बाल हर किशन जी गुरुबाणी में ही रमे रहते।
 
5. उनके पिता गुरु हरि राय जी ने गुरु हर किशन को हर तरह से योग्य मानते हुए सन् 1661 में गुरुगद्दी सौंपी। उस समय उनकी आयु मात्र 5 वर्ष की थी। इसीलिए उन्हें बाल गुरु कहा गया है। 
 
6. गुरु हर किशन जी ने अपने जीवन काल में मात्र तीन वर्ष तक ही सिखों का नेतृत्व किया।
 
7. गुरु हर किशन जी ने बहुत ही कम समय में जनता के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार करके लोकप्रियता हासिल की थी। 
 
8. ऊंच-नीच और जाति का भेदभाव मिटाकर उन्होंने सेवा का अभियान चलाया, लोग उनकी मानवता की इस सेवा से बहुत प्रभावित हुए और उन्हें बाला पीर कहकर पुकारने लगे।
 
9. नई दिल्ली में कई ऐतिहासिक गुरुद्वारे हैं। जिसमें गुरुद्वारा बंगला साहिब का महत्व अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की तरह है। कहा जाता है कि सिख धर्म के आठवें गुरु, गुरु हर किशन जी महाराज ने यहां विश्राम किया था। तब यह राजा जय सिंह का बंगला हुआ करता था। उस समय दिल्ली में चेचक की बीमारी फैली हुई थी। गुरु हर किशन महाराज ने सभी पीड़ितों का इलाज किया। जिसकी चपेट में आने से इनकी मृत्यु हो गई थी। 
 
10. सन् 1664 ई. में सिर्फ आठ वर्ष की उम्र में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष चौदस के दिन 'वाहेगुरु' शबद् का उच्चारण करते हुए ज्योति-जोत में समा गए। गुरु हर किशन जी का जीवन काल केवल आठ वर्ष का ही था।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Astrology : किस राशि के लोग आसानी से जा सकते हैं आर्मी में?

Vastu Tips : वास्तु के अनुसार इन 4 जगहों पर नहीं रहना चाहिए, जिंदगी हो जाती है बर्बाद

Mangal Gochar : मंगल का मीन राशि में प्रवेश, 12 राशियों का राशिफल जानें

Shani Sade Sati: 3 राशि पर चल रही है शनिदेव की साढ़ेसाती, 2 पर ढैया और किस पर कब लगेगा शनि?

Vastu Tips : वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में 2 वास्तु यंत्र रखने से होता है वास्तु दोष दूर

बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा नुकसान, जानें उपाय

Sabse bada ghanta: इन मंदिरों में लगा है देश का सबसे वजनी घंटा, जानें क्यों लगाते हैं घंटा

अब कब लगने वाले हैं चंद्र और सूर्य ग्रहण, जानिये डेट एवं टाइम

वर्ष 2025 में क्या होगा देश और दुनिया का भविष्य?

वैष्णव संत रामानुजाचार्य के बारे में 5 खास बातें

अगला लेख