Biodata Maker

Solar Eclipse 2021 : ग्रहण काल में कैसे और कब करें शनि पूजा, शुभ मुहूर्त, मंत्र और सरल विधि

Webdunia
शनिवार, 4 दिसंबर 2021 (11:41 IST)
Surya Grahan 2021: साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर शनिवार शनि अमावस्या को लगेगा। यह सूर्य ग्रहण शनि अमावस्या के दिन देखा जाएगा। शनिवार को जब भी अमावस्या आती है तो उसे शनि अमावस्या कहते हैं जिसका ज्योतिष में खासा महत्व रहता है। आओ जानते हैं कि ग्रहण काल में शनि पूजा, शुभ मुहूर्त, मंत्र और सरल विधि।
 
ALSO READ: Solar Eclipse 2021 : इन 6 राशियों पर पड़ेगा सूर्य ग्रहण का शुभ प्रभाव, हो जाएंगे वारे-न्यारे
शनि अमावस्या के शुभ मुहूर्त- पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष कृष्ण अमावस्या का प्रारंभ शुक्रवार, 03 दिसंबर को शाम 04.55 मिनट से शुरू हो रहा है और शनिवार, 04 दिसंबर 2021 को दोपहर 01.12 मिनट पर अमावस्या समाप्त होगी। शनिचरी अमावस्या की उदयातिथि की वजह से 04 दिसंबर को मान्य है। 
 
राहुकाल : सुबह 09:0 से 10:3 तक।
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:55 से दोपहर 2:38 तक।
दिन का चौघड़िया : शुभ सुबह 08:17 09:37 तक। अमृत दोपहर 02:56 से 04:16 तक।
 
शनि पूजा : शनि अमावस्या के दिन स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें। शनि अमावस्या के दिन शनि मंदिर में जाकर वहां की साफ-सफाई करें। इसके बाद शनिदेव की विधि-विधानपूर्वक पूजा करें। शनिदेव का सरसों के तेल में काले तिल मिलाकर अभिषेक करें। उन्हें नीले पुष्‍प अर्पित करें। शनिदेव के दर्शन करके उनसे शनि दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें। शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण वाले दिन शनिदोष की पीड़ा से मुक्ति के लिए शमी वृक्ष का पूजन करें। ग्रहण की समाप्ति के बाद सायंकाल के समय शमी और पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल दीपक जलाएं। शिव सहस्त्रनाम, शनि चालीसा, शनि स्तोत्र और उनके मंत्रों का पाठ करें।
Shani Jayanti Amavasya 2021
सूर्य ग्रहण का मंत्र ( Surya grahan ka mantra ) : ॐ रं रवये नमः या ॐ घृणी सूर्याय नमः 108 बार (1 माला) जाप करें। आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें या गायत्री मंत्र का जाप करें।
ALSO READ: Surya Grahan : सूर्यग्रहण किन राशियों के लिए है भाग्यशाली, जानिए Solar Eclipse का 12 राशियों पर असर
धन प्राप्ति के लिए : 
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये
प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।
 
बुरी शक्तियों से बचने के लिए :
“विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥
 
शांति प्राप्त करने के लिए : 
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

वर्ष 2026 में होंगे भारत में ये 5 बड़े काम, जिनकी हो गई है अभी से शुरुआत

वर्ष 2026 कैसा रहेगा देश और दुनिया की 12 राशियों के लिए, सोना चांदी पर क्या होगा प्रभाव

January 2026: जनवरी 2026 के प्रमुख ग्रह गोचर राशि परिवर्तन

Horoscope 2026: नया साल आपकी किस्मत कैसे बदलेगा? जानें महत्वपूर्ण मौके, चुनौतियां और उपाय (वार्षिक राशिफल 2026)

Dhanu Rashi 2026: पराक्रम का राहु और अष्टम का गुरु मिलकर करेंगे भविष्य का निर्माण

सभी देखें

नवीनतम

न्यू ईयर राशिफल 2026: किस राशि के लिए शुभ और किसके लिए है अशुभ?

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (26 दिसंबर, 2025)

26 December Birthday: आपको 26 दिसंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 26 दिसंबर, 2025: शुक्रवार का पंचांग और शुभ समय

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (25 दिसंबर, 2025)

अगला लेख