भारत के चोटी के पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक कथित तौर पर यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष न बन पाएं।अध्यक्ष पद की दौड़ में दो उम्मीदवार- बृजभूषण के करीबी संजय सिंह और 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण – हैं।
बृजभूषण पर महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगाकर जंतर-मंतर पर दो महीने तक विरोध प्रदर्शन करने वाले छह पहलवान अनीता श्योराण का पक्ष ले रहे हैं। अनीता भाजपा नेता के खिलाफ लगाए गए यौन शोषण के आरोपों में गवाह भी है।
बजरंग, विनेश और साक्षी गुट के करीबी सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि इन पहलवानों ने सुबह खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की और उन्हें गृह मंत्री अमित शाह से बैठक के लिए समय मिलने की उम्मीद है।सूत्रों ने कहा, कुछ मध्यस्थ ने उन्हें आश्वासन दिया है कि आज संसद सत्र के बाद गृहमंत्री उनसे मिल सकते हैं। उन्होंने सुबह खेल मंत्री से मुलाकात की और उनसे इस मामले पर गौर करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा,पहलवानों ने बृजभूषण गुट के संजय सिंह के अध्यक्ष चुने जाने को लेकर अपनी आशंकाएं व्यक्त की। पहलवानों ने कहा कि उन्होंने बृजभूषण के किसी रिश्तेदार के डब्ल्यूएफआई चुनाव में नहीं उतारने की मांग की थी और इसका मतलब यह भी था कि उनका कोई करीबी भी चुनाव न लड़े।सूत्रों ने कहा,संजय सिंह बृजभूषण के बेहद करीबी हैं। वह शायद भाजपा नेता के व्यावसायिक साझेदार हैं। उनके डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बनने पर उन्हें आपत्ति है । यदि ऐसा ही मामला है तो फिर बृजभूषण का बेटा भी चुनाव लड़ सकता है। इसमें क्या अंतर है।
उन्होंने कहा,पहलवानों ने मंत्री के पास सारी बातें विस्तार से रखी। वे चाहते हैं कि अनीता श्योराण (हरियाणा में पुलिस अधिकारी और ओड़ीसा की प्रतिनिधि) डब्ल्यूएफआई की अध्यक्ष बने और इसलिए वह गृहमंत्री से भी मिलना चाहते हैं।इस बीच बृजभूषण गुट के एक करीबी सूत्र ने कहा कि अगर संजय सिंह चुनाव नहीं लड़ते हैं तो क्या पहलवान भाजपा नेता के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों को वापस ले लेंगे।उन्होंने कहा,क्या इसका मतलब यह है कि बृज भूषण के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के सभी मामले वापस चले जाएंगे। अब दौड़ से हटना संभव ही नहीं है। हम डब्ल्यूएफआई चुनाव जीतने के प्रति आश्वस्त हैं।(भाषा)