CWG 2018 : स्वर्णिम हैट्रिक के लिए उतरेंगे पहलवान सुशील

Webdunia
बुधवार, 11 अप्रैल 2018 (17:22 IST)
गोल्ड कोस्ट। लगातार 2 ओलंपिक में पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी पहलवान सुशील कुमार 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में गुरुवार से शुरू हो रहे कुश्ती मुकाबलों में स्वर्णिम हैट्रिक बनाने के लक्ष्य के साथ उतरेंगे। भारत ने पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 5 स्वर्ण, 6 रजत और 2 कांस्य सहित कुल 13 पदक जीते थे।


भारत ने ग्लास्गो में 15 स्वर्ण हासिल किए थे जिनमें एक तिहाई हिस्सा कुश्ती का था। ग्लास्गो में सुशील के अलावा अमित कुमार, विनेश, बबीता कुमारी और योगेश्वर दत्त ने स्वर्ण पदक जीते थे। बबीता इस बार भी टीम का हिस्सा हैं। सुशील ने 2010 के दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में 66 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में और 2014 के ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में 74 किग्रा फ्रीस्टाइल के नए वजन वर्ग में स्वर्ण पदक जीते थे।

सुशील इस बार भी 74 किग्रा में अपनी चुनौती पेश करेंगे और उनके वर्ग के पदक का फैसला गुरुवार को ही हो जाएगा। सुशील के अलावा अन्य स्वर्ण पदक दावेदारों में ओलंपिक कांस्य विजेता साक्षी मालिक, बजरंग, विनेश फोगाट, पूजा ढांडा और दिव्या काकरान शामिल हैं।

राष्ट्रमंडल खेलों के लिए ट्रॉयल जीतने वाले सुशील ने एशियाई चैंपियनशिप में अपने घुटने की चोट के चलते हिस्सा नहीं लिया था ताकि वे इन खेलों में उतरकर लगातार तीसरा स्वर्ण पदक जीत सकें। सुशील ने इन खेलों से पहले जॉर्जिया में 10 दिन का कड़ा प्रशिक्षण लिया था और वे पूरी फिटनेस के साथ गोल्ड कोस्ट में स्वर्णिम हैट्रिक बनाने के लिए तैयार हैं।

ग्लास्गो में स्वर्ण जीतने के बाद सुशील 3 साल तक अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों से बाहर रहे थे। उन्होंने 2017 के आखिर में जोहानसबर्ग में हुई राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में वापसी करते हुए स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी स्वर्ण हासिल किया था लेकिन अपनी चोट के कारण वे प्रो कुश्ती लीग और एशियाई चैंपियनशिप से हट गए थे।

2014 में आयोजित 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय पहलवानों ने 5 स्वर्ण, 6 रजत और 2 कांस्य सहित कुल 13 पदक जीते थे। ग्लासगो में कनाडा 7 स्वर्ण, 2 रजत और 3 कांस्य सहित कुल 12 पदक जीतकर ओवरऑल चैंपियन बना जबकि भारत दूसरे पायदान पर रहा। भारतीय पहलवान सहित 100 से अधिक पहलवान राष्ट्रमंडल खेलों में मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख