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गुरू और ताऊ महावीर फोगाट ने नहीं किया विनेश का बचाव, कहा गलती की है तो सस्पेंशन भुगतो

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, बुधवार, 11 अगस्त 2021 (22:11 IST)
नई दिल्ली: विनेश फोगाट को अस्थायी तौर पर निलंबित किए जाने पर उनके परिजनों ने बुधवार को कहा कि यदि इस स्टार पहलवान ने टोक्यो ओलंपिक  के दौरान वास्तव में अनुशासनहीनता दिखाई तो फिर भारतीय कुश्ती महासंघ  का फैसला सही है। डब्ल्यूएफआई ने मंगलवार को बताया था कि उसने टोक्यो ओलंपिक खेलों में अभियान के दौरान अनुशासनहीनता के लिए विनेश को ‘अस्थाई रूप से निलंबित’ कर दिया है। विनेश के बचपन के कोच और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता महावीर फोगाट ने कहा कि खेलों में अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। महावीर विनेश के ताऊ भी हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘‘विनेश ने खेल के दौरान दूसरी कंपनी की टी-शर्ट पहनी थी, जिसे महासंघ ने अनुशासनहीनता माना है। यदि यह अनुशासनहीनता है तो उसका विनेश को सबक मिलना चाहिए। अब विनेश भी अपना पक्ष रखेगी।’’ टोक्यो खेलों के क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हुई विनेश को नोटिस का जवाब देने के लिए 16 अगस्त तक का समय दिया गया है। इसमें अनुशासनहीनता के तीन आरोप लगाए गए हैं। जवाब नहीं देने तक वह किसी राष्ट्रीय या अन्य घरेलू प्रतियोगिता में प्रतिस्पर्धा पेश नहीं कर पाएगी और डब्ल्यूएफआई अंतिम फैसला करेगा।
 
महावीर ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘खेलों में कोई भी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करता है। मैंने भी अपने बच्चों को खेलों के दौरान अनुशासन में रहने की प्रेरणा दी है। ’’ उन्होंने इसके साथ ही बताया कि टोक्यो ओलंपिक में दूसरे मुकाबले के दौरान विनेश का ब्लडप्रेशर नीचे चला गया था, जिसके कारण वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाई।
 
विनेश के भाई हरविंदर ने कहा कि विनेश को निलंबित किये जाने की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है। मेरी विनेश से भी बात नहीं हुई है यदि महासंघ ने विनेश को नोटिस दिया है तो उसका जवाब देगी और विनेश भविष्य में अपना श्रेष्ठ खेल दिखाकर देश के लिए पदक जीतेगी।’’
 
बता दें कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने मंगलवार को कहा कि उसने टोक्यो ओलंपिकमें अभियान के दौरान अनुशासनहीनता के लिए स्टार पहलवान विनेश फोगाट को ‘अस्थाई रूप से निलंबित’ कर दिया है और साथ ही दुर्व्यवहार के लिए युवा सोनम मलिक (Sonam Malik) को नोटिस जारी किया है। पता चला है कि टोक्यो खेलों के क्वॉर्टर फाइनल में हारकर बाहर हुई विनेश को नोटिस का जवाब देने के लिए 16 अगस्त तक का समय दिया गया है। इसमें अनुशासनहीनता के तीन आरोप लगाए गए हैं।
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कोच वोलेर एकोस के साथ हंगरी में ट्रेनिंग कर रही विनेश वहां से सीधे टोक्यो पहुंची थी, जहां उसने खेल गांव में रहने और भारतीय टीम के अन्य सदस्यों के साथ ट्रेनिंग करने से इनकार कर दिया था। साथ ही उन्होंने भारतीय दल के आधिकारिक प्रायोजक शिव नरेश की पोशाक पहनने से इनकार करते हुए अपने मुकाबलों के दौरान नाइकी की पोशाक पहनी।
 
डब्ल्यूएफआई सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘‘यह अनुशासनहीनता है। उसे अस्थाई रूप से निलंबित किया गया है और कुश्ती से जुड़ी सभी गतिविधियों से प्रतिबंधित किया गया है। जवाब नहीं देने तक वह किसी राष्ट्रीय या अन्य घरेलू प्रतियोगिता में प्रतिस्पर्धा पेश नहीं कर पाएगी और डब्ल्यूएफआई अंतिम फैसला करेगा।’’
 
सूत्र ने कहा, ‘‘डब्ल्यूएफआई को आईओए ने फटकार लगाई है कि वे अपने खिलाड़ियों को नियंत्रित क्यों नहीं कर पाते। आईओए से संदर्भ में डब्ल्यूएफआई को नोटिस जारी कर रहा है।’’ टोक्यो में मौजूद अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि विनेश को जब भारतीय टीम की उनकी साथियों सोनम, अंशु मलिक और सीमा बिस्ला के करीब कमरा आवंटित किया गया तो उन्होंने हंगामा कर दिया और कहा कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकती है, क्योंकि ये पहलवान भारत से टोक्यो आई हैं।
 
अधिकारी ने कहा, ‘‘उसने किसी भारतीय पहलवान के साथ ट्रेनिंग नहीं की। ऐसा लगा कि वह हंगरी की टीम के साथ आई है और भारतीय दल के साथ उसका कोई लेना देना नहीं है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘एक दिन उसकी ट्रेनिंग का समय भारतीय लड़कियों के समय से टकरा रहा था और उसने उनके साथ एक ही जगह ट्रेनिंग नहीं करने का फैसला किया।’’
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अधिकारी ने कहा, ‘‘यह स्वीकार्य नहीं है। सीनियर पहलवानों से इस तरह के बर्ताव की उम्मीद नहीं की जाती।’’ विनेश को खेलों में स्वर्ण पदक का दावेदार माना जा रहा था लेकिन बेलारूस की वेनेसा ने उन्हें चित्त कर दिया। उन्नीस साल की सोनम को दुर्व्यवहार के लिए नोटिस जारी किया गया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘इन बच्चों को लगता है कि वे स्टार पहलवान बन गए हैं और कुछ भी कर सकते हैं।

टोक्यो रवाना होने से पहले सोनम या उनके परिवार को डब्ल्यूएफआई कार्यालय से पासपोर्ट लेना था। लेकिन उसने साइ अधिकारियों को उसके लिए पासपोर्ट लाने का आदेश दिया। यह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कुछ भी हासिल नहीं किया है और वे जो कर रहे हैं वे स्वीकार्य नहीं है।’’
 

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