'टाइम फॉर्मेट' में हार गए क्यू स्पोर्ट्स के उम्दा खिलाड़ी अजय रस्तोगी

नरेन्द्र भाले
शनिवार, 3 अक्टूबर 2020 (03:11 IST)
File photo : Ajay Rastogi 
क्यू स्पोर्ट्स अर्थात बिलियर्ड्स-स्नूकर। ऐसा खेल जो कभी रईस ही खेला करते थे। वर्तमान में ऐसा नहीं है जिसे खेल के प्रति लगाव हैं वो खेल सकता है। विशेष रुप से बिलियर्ड खेल विश्व स्तर पर दो फॉर्मेट में खेला जाता है। टाइम फॉरमैट तथा पॉइंट फॉर्मेट। अर्थात अंकों की बंदी एवं समय की बाध्यता। आज विशेष रूप से इसकी चर्चा इसलिए क्योंकि लगभग 2 दशकों से राष्ट्रीय स्तर पर इस खेल के मुख्य निर्णायक अजय रस्तोगी सेवानिवृत्ति से 2 वर्ष पूर्व ही कोरोना से परास्त हो गए।
 
इस खेल के जानकार मुंबईकर अजय रस्तोगी से अच्छे से परिचित रहे लेकिन वे जो इन से अनजान है उन्हें बताना चाहता हूं कि विश्व स्तरीय खिलाड़ियों की टेबल पर परीक्षा लेने वाला यह शख्स अपने फन में उस्ताद तो था लेकिन दुर्भाग्य से टाइम फॉरमैट से मात खा गया।
 
ऐसा कहते हैं कि समय बड़ा बलवान होता है और इसी के समक्ष अजय ऐसा फाउल कर बैठे जिसकी पूर्ति कोई भी नहीं कर सकता। आखिर सवाल उठता है कि कौन है यह अजय? रेलवे विभाग में कार्यालय अधीक्षक के रूप में कार्यरत अजय भी इस खेल के उम्दा खिलाड़ी रहे लेकिन बाद में उन्होंने रैफरी के रूप में इसे अपना लिया। भले ही वे रेलवे में कार्यरत थे लेकिन रेलयात्रा से ज्यादा हवाईयात्रा इसका प्रिय शगल था। 
 
राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में निर्णायक के रूप में इसकी शिरकत देश का गौरव रही। दो दशक से ज्यादा समय हो गया अजय से मिलते हुए। पहली बार जब वे इस खेल की राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए इंदौर आए थे तो मेरे बालमित्र तथा मध्यप्रदेश बिलियर्ड्स स्नूकर एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष विश्वेश पुराणिक ने परिचय करवाया था।
 
उसके बाद से इंदौर में आयोजित अंतिम राष्ट्रीय स्पर्धा तक अजय इंदौर आते रहे। फक्कड़ तथा मुंहफट अजय हर मौके पर मुझे याद करते थे और मिलते ही सवाल करते थे कि रजनीगंधा है क्या? अशोक शांडिल्य और अजय का खिलाड़ी के रूप में बरसों साथ रहा तथा अशोक उन्हें अपना गाइड मानते थे। ऐसे बिंदास फनकार का असमय जाना मन को झकझोर गया। 
 
ईश्वर ही जाने की अजय को उम्दा स्कॉच, क्यू स्पोर्ट्स या फिर रजनीगंधा में से क्या अधिक पसंद था? शायद तीनों ही उनके प्रिय शगल थे और उनकी कमी को झेलना इस खेल की नियति। मध्यप्रदेश के मुख्य निर्णायक सुजीत गेहलोत बताते हैं कि अजय सर इतने मस्त मौला थे की मैच के पश्चात शाम को सहायक निर्णायक, मार्कर या फिर स्कोरर के साथ उन्हें बैठने में कभी परहेज नहीं था। यह संभव नहीं है लेकिन ऐसा लगता है कि अजय कभी भी आवाज देंगे की आ जा बैठते हैं... 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Mumbai Indians : 5 बार की चैंपियन मुंबई 5 मैच जीतने के लिए तरसी, जानिए 5 कारण

PCB चीफ का बड़ा ऐलान, विश्वकप जीते तो हर पाकिस्तानी खिलाड़ी खेलेगा करोड़ों से

BCCI Press Conference : विराट कोहली के स्ट्राइक रेट के बारे में चिंता करने वाले लोगों को चयनकर्ता ने दिया करारा जवाब

MS Dhoni ने CSK के इस खिलाड़ी के लिए निभाया है एक पिता का रोल

हार्दिक पंड्या के T20 World Cup में उपकप्तान होने से खुश नहीं है इरफान पठान

आखिर में मिला पहला मैच, 14 गेंदो में 22 रन लुटाकर चोटिल हुए अर्जुन तेंदुलकर

वानखेड़े में पूरन ने बनाया मुंबई का चूरन, लखनऊ ने बनाए 214 रन

IPL Playoff के लिए Knock out बना CSK vs RCB मैच, पर मौसम है खराब

IPL 2024: मुंबई ऩे टॉस जीतकर लखनऊ के खिलाफ चुनी गेंदबाजी (Video)

जब छेत्री ने संन्यास के ऐलान से पहले दोस्त विराट कोहली को बताया

अगला लेख