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क्या छोटे निवेशकों की मुश्किल बढ़ा रहे हैं ओवर वैल्यूड शेयर, किस तरह रहें सावधान?

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नृपेंद्र गुप्ता

मुंबई , गुरुवार, 4 दिसंबर 2025 (12:32 IST)
Share market and Over valued shares : नवंबर के अंत में भारतीय शेयर बाजार के सेंसेक्स और निफ्टी जैसे इंडेक्स एक बार फिर ऑल टाइम हाई के करीब पहुंच गए। यह इंडेक्स भले ही उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गए हो लेकिन इसमें ट्रेड हो रहे सभी शेयरों का हाल ऐसा नहीं है। इस वजह से इंडेक्स की तरक्की देख शेयरों में निवेश कर रहे निवेशकों के हाथ खाली नजर आ रहे हैं। हालांकि दिसंबर के पहले हफ्ते में यह इंडेक्स भी दबाव में दिखाई दे रहे हैं।
 
शेयर बाजार से कई एक्सपर्टस का मानना है कि बाजार इंडेक्सों में आए इस उछाल का दायरा बेहद संकीर्ण है। यह सिर्फ 10-15 बड़ी कंपनियों तक सीमित है, जो निफ्टी/सेंसेक्स का 70-80% वजन रखती हैं। ये उच्च गुणवत्ता वाली कंपनियां अभी भी निवेशकों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं और कमाई कर रही हैं। इससे सूचकांक लगातार नए उच्चतम स्तरों को छू रहा है।
 
दूसरी ओर, शेयर बाजार से जुड़ी 5,000 से ज्यादा कंपनियां विशेष रूप से मिड-कैप, स्मॉल-कैप, PSU, उच्च-PE ग्रोथ और मोमेंटम स्टॉक्स 10 -60% तक गिर चुकी हैं। शेयरों के ओवल वैल्यू होने, वैश्विक जोखिम बढ़ने और उम्मीद से कम रिर्टन की वजह से 2025 में एफपीआई द्वारा 1.2 लाख करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री हुई है।
 
 परिणामस्वरूप पिछले एक साल में 61% स्टॉक्स में गिरावट आई है। इसमें बाजार की चमक के पीछ निवेशकों के लिए कई सबक छिपे हुए हैं। 
 
क्या होते हैं ओवरवैल्यूड शेयर : शेयर बाजार में निवेश से पहले P/E रेशो (प्राइस-टू-अर्निंग्स रेश्यो) समझना बेहद जरूरी है। इससे पता चलता है कि किसी कंपनी का शेयर उसकी कमाई के मुकाबले महंगा है या सस्ता। यदि किसी स्टॉक का P/E रेशो इंडस्ट्री औसत से ज्यादा है, तो यह उसके ओवरवैल्यूड होने का संकेत है। इसका मतलब है कि निवेशक भविष्य की उम्मीदों पर ज्यादा भुगतान कर रहे हैं।
 
अगर किसी कंपनी का P/E रेशो इंडस्ट्री के औसत से कम है, तो यह बताता है कि शेयर अंडरवैल्यूड है और उसमें भविष्य में बढ़ने की संभावना है। इस समय बाजार में ऐसे कई शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है तो ओवरवैल्यूड है।
 
क्या कहती नोमुरा की रिपोर्ट : ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने 2026 में 3 तरह के शेयरों से दूरी बनाकर रखने की चेतावनी दी है। उसका कहना है कि अधिकतर नैरेटिव स्टॉक्स इस समय बेहद ऊंचे वैल्यूएशन पर हैं। ऐसे में इन्हें खरीदना एक बड़ी गलती हो सकती है। अब इन स्टॉक्स में आगे तेजी की संभावना बहुत सीमित हो सकती है। अगर ये कंपनियां उम्मीद से कम प्रदर्शन करती है, तो इनमें बड़ी गिरावट आ सकती है। लेकिन अगर कंपनी उम्मीद से थोड़ा भी बेहतर करती है, तो इनके शेयर प्राइस में फिर से तेज उछाल भी आ सकता है। 
 
ब्रोकरेज ने निवेशकों को उन कंपनियों को ध्यान से चुनने की सलाह दी है, जिनका बिजनेस सरकारी सपोर्ट पर टिका है। इनमें ऐसे सेक्टर्स जहां सरकार टैक्स, ड्यूटी या इंसेंटिव के जरिए बड़ा रोल निभाती है। उसने 2026 में निवेशकों को थोड़ा एक्सपोजर उन कंपनियों में रखने की सलाह दी है जिनका कारोबार विदेशी बाजारों से जुड़ा है।हालांकि नोमुरा ने 2026 में मौजूदा स्तरों से लगभग 12% की तेजी का अनुमान लगाया है।
 
क्या कहते हैं एक्स्सपर्ट : शेयर बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा ने भी कहा कि छोटे निवेशकों को फिलहाल शेयर बाजार में काफी सोच समझकर निवेश करना चाहिए। इन्हें ओवर वैल्यूड शेयरों में निवेश करने से बचना चाहिए। उनका कहना है कि इंडेक्स का बढ़ना इस बात की गारंटी नहीं है कि शेयरों के दाम भी बढ़ेंगे। अत: किसी भी शेयर में निवेश सोच समझकर ही किया जाना चाहिए। 
 
उन्होंने कहा कि निफ्टी 50, बैंक निफ्टी जैसे इंडेक्स कुछ हाई वेटेज वाले परफॉर्मेंस की वजह से चमक रहे हैं। इस स्थिति में अगर किसी कारण उन कंपनियों के शेयर गिरते हैं तो बाजार में बड़ी गिरावट आने का अंदेशा रहता है। इस स्थिति में स्मॉल और मिडकैप कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट आती है। 
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।

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