गंगा दशहरा भोग : पारंपरिक शाही मीठे चूरमे से प्रसन्न होंगी गंगा मैया, नोट करें रेसिपी

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सामग्री : 
 
500 ग्राम आटा, 400 ग्राम पिसी शकर का बूरा, 100 ग्राम मावा, 100 ग्राम मिश्री, 1/2 चम्मच केसर, 2 चम्मच पिसी छोटी इलायची, 1/4 कप पिस्ता, 1 चम्मच गुलाब जल, घी आवश्यकतानुसार।
 
विधि :
 
Step 1 : सबसे पहले गेहूं के आटे में घी का अच्छा मोयन देकर कड़ा सान लें। और इसकी मुठियां बना लें। 
 
Step 2 : एक कढ़ाई में घी गर्म करके तैयार मुठियां को बादामी तल लें। इन्हें इमाम दस्ते में साथ-साथ कूट लें। फिर मोटी चलनी से छान लें। मोटे टुकड़ों को फिर से कूटकर छान लें। 
 
Step 3 : अब पिस्ता उबलते पानी में 2-3 मिनट रखकर निकाल लें। इन्हें छीलकर लंबे-लंबे महीन काट लें। मिश्री को दरदरा दल लें।
 
Step 4 : केसर को गुलाब जल में घोटकर चीनी में मिला दें। 
 
Step 5 : मावे को मोटी चलनी से छानकर, मंदी आंच पर गुलाबी होने तक सेक लें। 
 
Step 6 : फिर इसमें गर्म करके ठंडा किया हुआ (100 ग्राम) घी मिला दें। 
 
Step 7 : अब छने हुए मुठियां के बूरे में मावा, चीनी, पिसी इलायची व पिस्ता की कतरन मिला दें। 
 
Step 8 : लीजिए तैयार हो गया आपका पारंपरिक शाही मीठा चूरमा, अब इसका भोग लगाएं। 
 
Step 9 : यदि चाहें तो इसके लड्डू की बांधकर इसका नैवेद्य चढ़ा सक‍ती है।

Churma ki vidhi 
 


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