Rang Panchami Special Recipes | रंगपंचमी पर बनाएं 9 तरह की स्पेशल स्वीट्‍स

Webdunia
Holi Recipes 2023 
होली और रंगपंचमी के खास पर्व पर यहां आपके लिए प्रस्तुत हैं नौ तरह की खास मिठाइयां बनाने की सरल रेसिपी। तो आइए होली के त्योहार का आनंद उठाएं। 
 
1. चॉकलेट गुझिया
 
सामग्री :
250 ग्राम मैदा, 1 टी स्पून घी, 1/4 टी स्पून बैकिंग पाउडर, चुटकीभर नमक व कोको पाउडर, तलने के लिए घी व दूध। भरावन सामग्री: 100-100 ग्राम मावा व पिसी शक्कर, काजू-बादाम कतरन, किशमिश, इलायची पाउडर, 1 चॉकलेट किसी हुई व चॉकलेट सॉस। 
 
विधि :
चॉकलेट सॉस को छोड़कर गुझिया की सभी भरावन सामग्री मिक्स करें। अब मैदे में घी का मोयन देकर दूध की सहायता से सख्त गूंथ लें। थोड़ी देर ढंककर रखें। मैदे की छोटी-छोटी पूरी बेलें व बीच में भरावन का तैयार मिश्रण दो छोटे चम्मच भरें और फोल्ड करके सब तरफ से पानी की सहायता से बंद कर लें। अब घी गर्म करें व सभी गुझियों को धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तल लें। थोड़ा ठंडा होने ऊपर से चॉकलेट सॉस से डिजाइन बना लें। यह चॉकलेट गुझिया देखने में सुंदर व खाने में नया स्वाद देगी।
 

2. लजीज मालपुए
 
सामग्री : 
मैदा 500 ग्राम, दूध 300 ग्राम, रवा या सूजी 250 ग्राम, खोया 250 ग्राम, शक्कर 250 ग्राम, बारीक सौंफ 10 ग्राम, पिस्ता के टुकड़े 50 ग्राम, बादाम (बारीक कटे) 100 ग्राम, बारीक इलायची 10 ग्राम, पानी आवश्यकतानुसार, देसी घी डीप फ्राई के लिए, शीरा एक किलो ग्राम
 
विधि : 
एक कटोरे में खोया हाथ से गूंथ लें। अब इसमें मैदा व सूजी मिलाएं। गूंथते समय इसमें दूध डालती रहें और गाढ़े घोल की तरह धीरे-धीरे फेंटे। जब दूध डाले लें तो एक ही दिशा में फेंटें। अब गाढ़ा घोल तैयार कर लें जिसमें थोड़ी भी गांठ न बनी हो।
 
अब बची हुई सामग्रियां (शीरा और कुछ पिस्ता) भी मिलाएं। घोल को चार से छह घंटे तक अलग रख दें। एक पैन में घी गर्म करें। सर्विस स्पून से थोड़ी मात्रा में घोल लेकर पैन में अच्छी तरह से फैलाएं। धीमी आंच पर पकाएं जब तक किनारे से पुआ थोड़ा कुरकुरा न हो जाए। आंच से हटाकर अब उसे शीरे में दो से तीन मिनट तक रखें। पिस्ते के बचे हुए टुकड़ों की गार्निश करके गर्मागर्म परोसें। 

3. मैंगो मालपुआ 
 
सामग्री : 
500 ग्राम ताजे आम, 250 ग्राम मैदा, 100 ग्राम मावा, 300 ग्राम शक्कर, केशर व इलायची चुटकीभर, तलने के लिए घी। 
 
विधि : 
सबसे पहले आम को छील लें एवं रस निकालकर मैदा व मावा डालकर मिक्स कर लें। शक्कर में पानी डालकर चाशनी बना लें। इसमें केशर व इलायची पाउडर डाल दें। फ्राइंग पैन में घी गरम करें व चम्मच से घोल को थोड़ा-थोड़ा डालें। धीमी आंच पर गुलाबी होने तक तलें। तलकर चाशनी में डालें। चाशनी में से निकालकर सर्व करें। 

 
4. केसरी श्रीखंड 
 
सामग्री :
500 ग्राम फ्रेश चक्का, 400 ग्राम चीनी, चुटकी भर मीठा पीला रंग, 5-6 केसर के लच्छे, 1 चम्मच इलायची पाउडर, मेवे की कतरन पाव कटोरी, 1 ताजे लाल गुलाब की पंखुड़ियां।
 
विधि :
सबसे पहले श्रीखंड के चक्के में चीनी मिला कर एक-दो घंटे रख दें। शक्कर पूरी तरह घुल जाने पर चक्के को अच्छी तरह मिलाएं और स्टील की छलनी या कॉटन के कपड़े से छान लें। तत्पश्चात इलायची पाउडर, केसर और मेवे की कतरन मिलाएं।
 
मीठे रंग को एक अगल कटोरी में थोड़े-से पानी या दूध में घोल लें। यह अपनी सुविधानुसार श्रीखंड में मिलाएं। जितना गहरा रंग आप श्रीखंड का रखना चाहते है, उतना ही कलर मिलाएं। सभी को अच्छी तरह मिक्स कर लें। ऊपर से गुलाब की पंखुड़ियां बिखेरें। तैयार श्रीखंड को फ्रिज में रखें। ठंडा होने पर लाजबाव केसरिया श्रीखंड का लुत्फ उठाएं। 

5. रंगरंगी‍ली रसभरी गुझिया
 
सामग्री :
500 ग्राम मैदा, 250 ग्राम शक्कर, 125 ग्राम चने की दाल, 250 ग्राम दूध, 100 ग्राम मावा (सिंका हुआ), बादाम, काजू, किशमिश, पिस्ता, चारोली 10 ग्राम, मीठा रंग चुटकीभर, केसर 2 चुटकी, 6-7 पिसी छोटी इलायची, घी एवं वर्क।
 
विधि :
चने की दाल को दूध में रा‍त को गलने रख दीजिए और सुबह चार सीटी देकर कुकर में पका ली‍जिए। अब मिक्सी में बारीक कर लें। कड़ाही में पीसी दाल और 100 ग्राम शक्कर मिलाकर मध्यम आंच पर पकने रखिए। गाढ़ा होने पर इसमें सिंका मावा मिला दीजिए और मेवे की सारी सामग्री डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें।
 
अब मैदे में थोड़ा-सा नमक एवं एक बड़ा चम्मच घी का मोयन देकर गुनगुने पानी से गूंथिए। छोटी-छोटी लोइयां बनाइए, पूरियां  बेलिए। तत्पश्चात गुझिया बनाने वाले सांचे में पूरी रखिए, आवश्यकतानुसार मिश्रण रखिए, पूरी के किनारों पर पानी अंगुली में लगाकर फेरिए। गुझिया चिपकाइए।
 
एक कड़ाही में घी गरम करके सब गुझियों को खस्ता होने तक तल लीजिए। अब बची शक्कर की चाशनी बनाकर इसमें केशरिया रंग घोलिए। गुझियों को एक-एक कर इस चाशनी में डुबो-डुबो कर एक थाली में निकालिए। चांदी का वर्क चिपकाकर सजावट कीजिए और परोसें। 

 
6. कलरफुल बर्फी  
 
सामग्री : 
2 कप कटा पाइनापल, 1 कप मावा, 1 कप शक्कर, इलायची, केसर, कुछेक बूंद मीठा रंग और अन्य कलर। 
 
विधि : 
सबसे पहले कटे पाइनापल को एक बाउल में भर लें व ऊपर से शक्कर बुरका कर रख लें। अब कुकर के तले में 200 मि.मी. पानी रखकर पाइनापल वाला बाउल रखें। 20 से 25 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं, ठंडा करें व मिक्सी में पीसकर सूप की छलनी से छानिए, पल्प तैयार है। 
 
इसे नानस्टिक या स्टील की कड़ाही में ही बनाएं। कड़ाही में पाइनापल का पल्प व शक्कर डालें और उसको चलाते हुए धीमी आंच पर गाढ़ा करें। दूसरी कड़ाही में मावे को गोली बनने तक सेंकिए और पाइनापल पल्प डालिए। फिर इकट्ठा होने तक सेंकें। अब तैयार सामग्री को ट्रे में फैलाएं। कटे पिस्ता व केसर डालें। अलग-अलग रंगों की कुछेक बूंदे ऊपर से छिड़क कर कलरफुल बर्फी काटें और सर्व करें। 

7. नारियल बर्फी  
 
सामग्री :
1 बड़ा गीला नारियल, डेढ़ लीटर मलाईयुक्त दूध, 200 ग्राम शक्कर का बूरा, पाव छोटी चम्मच केसर, पाव छोटी चम्मच इलायची पाउडर, कुछेक बूंद गुलाब जल, चांदी का वर्क।  
 
विधि :
सर्वप्रथम नारियल को फोड़कर उसमें से निकले पानी को डेढ़ लीटर दूध में मिलाए और तेज आंच पर मोटे तल वाली कड़ाही में औटाने के लिए रख दें। तत्पश्चात नारियल के टुकड़े करके मिक्सी में महीन होने तक पीस लें। इसमें शक्कर का बूरा मिलाए। 
 
अब दूध को तेज आंच पर औटाते हुए जो मलाई की परत बनती जाए उसे कड़ाही के चारों ओर फैलाते जाइए। इस प्रकार दूध के कई लच्छे तैयार होते जाएंगे। आधा दूध बाकी रहने पर इसमें थोड़ा-थोड़ा करके नारियल का पेस्ट मिलाते रहिए। इसी प्रकार पूरे दूध के लच्छे तैयार करके दूध को अच्छी तरह औटा लें। फिर केसर, इलायची पाउडर, गुलाब जल डालकर आंच बंद कर दीजिए। 
 
अब एक बड़े पटिए या बड़ी परात पर पॉलीथिन बिछाकर उसके ऊपर मिश्रण रखें। फिर दूसरी पॉलीथिन इस पर रखकर हल्के हाथ से बेलन फेरिए, जब तक उसकी पतली तह न बन जाएं। अब ऊपर वाली पॉलीथिन धीरे से हटाइए। मिश्रण अच्छी तरह ठंडा होने पर अपने मनपसंद आकार में बर्फी काट कर ऊपर से चांदी के वर्क से सजाकर पेश करें।

8. श्रीखंड
 
सामग्री :
2 किलो ताजा दही, मेवे की कतरन, जायफल पाउडर चुटकी भर, कुछेक लच्छे केसर, इलायची पाउडर एक छोटा चम्मच, शक्कर स्वादानुसार, ताजे और साफ किए हुए अंगूर (इच्छानुसार)। 
 
विधि :
सबसे पहले ताजा दही को एक दिन पहले मलमल के कपड़े में बांधकर लटका दें। दूसरे दिन पूरा पानी निथर जाने पर उतार लें। अब इसमें शक्कर मिलाकर कुछ देर के लिए रख दें। शक्कर घुल जाने पर किसी बर्तन पर मलमल का बारीक कपड़ा बांधकर इसे छान लें। 
 
आधे चम्मच दूध में केसर डालकर कुछ देर भीगे दो, फिर घोट लें। अब इलायची पाउडर, मेवे की कतरन, जायफल पाउडर और घोंटी हुई केसर मिलाकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब अंगूर डालकर फ्रिज में ठंडा होने के लिए रखें। अच्छी तरह ठंडा हो जाने पर श्रीखंड पेश करें। श्रीखंड पश्चिम भारत की पारंपरिक मिठाई है, जो हर किसी को पसंद आती है। 

9. रंगबिरंगा आइस्क्री‍म शेक
 
सामग्री :
4 छोटी कटोरी आइस्क्रीम, दूध 4 प्याले, पाइनापल ज्यूस आधा प्याला, चीनी एक प्याला, एक छोटा पैकेट रंग-बिरंगी चॉकलेट बॉल्स, क्रीम आधा प्याला, वेनिला सत आधा छोटा चम्मच, हरा व लाल रंग एक-एक बूंद, कुटी बर्फ आवश्यकतानुसार।
 
विधि :
सबसे पहले दूध, चीनी व वेनिला को मिक्सी में पीसकर उसमें क्रीम व ज्यूस मिला दें। कुल मिश्रण के 3 भाग करें। 
 
एक भाग में हरा रंग, दूसरे में लाल तथा तीसरा यूं ही छोड़ दें। अब 6 गिलासों में इस मिश्रण को भरें। ऊपर से कुटी हुई बर्फ थोड़ी-थोड़ी डालें। 3-4 रंगीन बॉल प्रत्येक गिलास में डालें। ऊपर से आइस्क्रीम डालें और चम्मच से थोड़ा-सा मिलाकर रंगबिरंगा आइस्क्री‍म शेक पेश करें। 

Holi gujiya

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

विवाह के बाद गृह प्रवेश के दौरान नई दुल्हन पैर से क्यों गिराती है चावल से भरा कलश? जानिए क्या है इस रस्म के पीछे का कारण

सावधान! धीरे धीरे आपको मार रहे हैं ये 6 फूड्स, तुरंत जानें कैसे बचें

Easy Feetcare at Home : एल्युमिनियम फॉयल को पैरों पर लपेटने का ये नुस्खा आपको चौंका देगा

जानिए नवजोत सिद्धू के पत्नी के कैंसर फ्री होने वाले दावे पर क्या बोले डॉक्टर्स और एक्सपर्ट

Winter Fashion : सर्दियों में परफेक्ट लुक के लिए इस तरह करें ओवरसाइज्ड कपड़ों को स्टाइल

सभी देखें

नवीनतम

बॉडी पॉलिशिंग का है मन और सैलून जाने का नहीं है टाइम तो कम खर्च में घर पर ही पाएं पार्लर जैसे रिजल्ट

मजेदार बाल गीत : गुड़िया रानी क्या खाएगी

क्या बच्‍चों का माथा गर्म रहना है सामान्य बात या ये है चिंता का विषय?

आपकी ये फेवरेट चीज, बच्चों के लिए है जहर से भी ख़तरनाक , तुरंत संभल जाइए वरना बच्चों को हो सकते हैं ये नुकसान ...

कितना सच है महिलाओं को लेकर आचार्य चाणक्य का ये दावा, चाणक्य नीति में मिलता है विशेष उल्लेख

अगला लेख