रामनवमी पर पंचामृत क्यों बनाते हैं, जानें इसे बनाने की आसान विधि

WD Feature Desk
शनिवार, 5 अप्रैल 2025 (07:08 IST)
Panchamrit In Hindi : राम नवमी के दिन भगवान राम को पंचामृत का भोग लगाया जाता है। पंचामृत का शाब्दिक अर्थ है 'पांच अमृत'। यह पांच पवित्र पदार्थों का मिश्रण है: दूध, दही, घी, शहद और चीनी। पंचामृत को देवताओं को अर्पित करने के लिए एक पवित्र मिश्रण माना जाता है। यह शुद्धता और सकारात्मकता का प्रतीक है।

रामनवमी पर भगवान राम को पंचामृत का भोग लगाने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। पंचामृत को स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद दूध, दही और घी कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जबकि शहद और चीनी ऊर्जा प्रदान करते हैं। पंचामृत न केवल एक स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक पेय है, बल्कि यह भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने का एक तरीका भी है।ALSO READ: राम नवमी पर कैसे बनाएं प्रभु श्रीराम की पसंदीदा पंजीरी का प्रसाद

आइए जानते हैं यहां पंचामृत बनाने की सबसे आसान विधि...
 
पंचामृत बनाने की विधि:
सामग्री:
- 1 कप दूध (गाय का दूध सबसे अच्छा माना जाता है)
- 1/2 कप दही
- 1 चम्मच घी
- 1 चम्मच शहद
- 1 चम्मच चीनी
- कुछ तुलसी के पत्ते 
 
विधि:
1.एक साफ बाउल में, दूध और दही मिलाएं।
2. घी, शहद और चीनी डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
3. तुलसी के पत्ते डालें और धीरे से मिलाएं।
4. पंचामृत को भगवान राम को अर्पित करें।
 
नोट : पंचामृत बनाते समय सभी सामग्री ताजी और शुद्ध होनी चाहिए। आप अपनी पसंद के अनुसार सामग्री की मात्रा ले सकते हैं। पंचामृत को ठंडा या कमरे के तापमान पर परोसा जा सकता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

रानी अहिल्याबाई के पति की मौत कैसे हुई थी?

लोकमाता देवी अहिल्याबाईः सुशासन और महिला स्वावलंबन की प्रणेता

ट्रंप क्यों नहीं चाहते Apple अपने प्रोडक्ट भारत में बनाए?

क्यों पद्मश्री से नवाजे गए ब्राजील के वेदांत आचार्य जोनास मसेट्टी? जानिए एक विदेशी आचार्य की प्रेरणादायक कहानी

जैव विविधता पर कविता : मैं अब भी प्रतीक्षा में हूं

अगला लेख