वाशिंगटन। तालिबान ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा विमान के जरिये अफगानिस्तान से लोगों को ले जाने की कार्रवाई 31 अगस्त तक खत्म हो जानी चाहिए। इससे, पहले ही निकासी के लिए बना अफरा-तफरी का माहौल और गंभीर हो सकता है क्योंकि उत्पीड़न की नई खबरों से देश छोड़कर जाने के इच्छुक हजारों लोगों की धड़कनें और बढ़ गई हैं।
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन भी समय सीमा को लेकर प्रतिबद्ध हैं लेकिन यूरोपीय नेता और अधिक समय के लिए दबाव बना रहे हैं।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि 7 देशों का समूह जी-7 तालिबान को तब तक मान्यता नहीं देगा जब तक वह देश छोड़ने के इच्छुक लोगों को उनकी इच्छानुसार समय सीमा से पहले और अगस्त के बाद भी निकासी की गारंटी नहीं देता।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि उनका समूह समय सीमा बढ़ाए जाने की बात नहीं स्वीकार करेगा और उसके बाद अफगानों को विमानों से निकासी की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उसने कहा कि तालिबान हवाई अड्डे को जाने वाले रास्तों पर अफगानों को रोकेगा ताकि भीड़ वहां जमा नहीं हो लेकिन विदेशियों को जाने की अनुमति देगा। हालांकि, तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो सका कि वे विदेशियों की सुरक्षा में जा रहे अफगानों को रोकेंगे या पश्चिमी देशों के निकासी अभियान को।
मुजाहिद ने कहा कि देश में जनजीवन सामान्य हो रहा है लेकिन हवाईअड्डे पर अव्यवस्था की समस्या बनी हुई है। कई अफगान देश पर तालिबान का कब्जा होने के बाद बाहर भागने के लिए बेचैन हैं।
मुजाहिद ने कहा कि निर्धारित समय के बाद हवाई अड्डे की सुरक्षा तालिबान अपने हाथ में ले लेगा। हालांकि उसने कहा कि अब तक स्पष्ट नहीं है कि काबुल से कब तक वाणिज्यिक उड़ानें बहाल होंगी। इस बीच व्हाइट हाउस ने मंगलवार सुबह बताया कि गत 24 घंटे के दौरान 21,600 लोग अफगानिस्तान से बाहर आए हैं।
मुजाहिद ने कहा कि उन्हें तालिबान और सीआईए के बीच किसी भी बैठक की जानकारी नहीं है। हालांकि मुजाहिद ने इस तरह की बैठक से इनकार नहीं किया।
एक अधिकारी का कहना है कि अमेरिकी एजेंसी के निदेशक ने सोमवार को काबुल में तालिबान के शीर्ष राजनीतिक नेता से मुलाकात की।