Hariyali Teej 2025: हरतालिका तीज पर पूजा में उपयोग करते हैं 16 तरह की पत्तियां, जानिए इसका राज और लाभ

WD Feature Desk
सोमवार, 25 अगस्त 2025 (17:59 IST)
Hartalika Teej Vrat Puja 2025 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखकर पर्व मनाया जाता है। वर्ष 2024 में 26 अगस्त 2025 को दिन मंगलवार को यह व्रत रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा और आराधना करती हैं। भाद्रपद तीज के दिन मिट्टी के शिवलिंग, गणेश और माता पार्वती की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा की जाती है। पूजा के दौरान 16 तरह की पत्तियां अर्पित की जाती हैं। आइए इस जानते हैं कि आखिर कौनसी हैं वे सोलह तरह की पत्तियां।
 
हरतालिका तीज की 16 पत्तियां: 16 types of leaves
1. बिल्वपत्र : सौभाग्य
2. जातीपत्र : संतान
3. सेवंतिका : दांपत्य सुख
4. बांस : वंश वृद्धि
5. देवदार पत्र : ऐश्वर्य
6. चंपा : सौंदर्य और सेहत
7. कनेर : यश और सुख
8. अगस्त्य : वैभव
9. भृंगराज : पराक्रम
10. धतूरा : मोक्ष प्राप्ति
11. आम के पत्ते : मंगल कार्य
12. नीम : चरित्र
13. अशोक के पत्ते : शांति प्रिय जीवन
14. पान के पत्ते : परस्पर प्रेम में वृद्धि
15. केले के पत्ते : सफलता
16. शमी के पत्ते : धन और समृद्धि।
 
1. 16 प्रकार की पत्तियों से शिव जी की षोडश उपचार पूजा की जाती है।
 
2. पौराणिक मतानुसार भगवान शिव, माता पार्वती और श्री गणेश जी को बिल्वपत्र, जातीपत्र, सेवंतिका, बांस, देवदार पत्र, चंपा, कनेर, अगस्त्य, भृंगराज, धतूरा, आम पत्ते, नीम, अशोक पत्ते, पानपत्ते, केले के पत्ते और शमी पत्ते अर्पित किए जाते हैं। 
 
3. बालू के शिवलिंग पर इस पत्तियों को एक-एक करके उल्टा अर्पित किया जाता है। पत्ते उलटे चढ़ाना चाहिए तथा फूल व फल सीधे चढ़ाना चाहिए।
 
4. अन्य पूजा सामग्री में सूखा नारियल, कलश, बेलपत्र, शमी का पत्ता, केले का पत्ता, धतूरे का फल, घी, शहद, अबीर, चन्दन, मंजरी, कलावा, इत्र, पांच प्रकार के फल, सुपारी, अक्षत, धूप, दीप, आक का फूल, कपूर, कुमकुम, गंगाजल, गणेश जी को अर्पित करने के लिए दूर्वा, जनेऊ, सुहाग की पिटारी जिसमें होती है 16 श्रृंगार की सामग्री।
 
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