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हरियाली तीज पर कौन कौन से कार्य करते हैं, जानिए महत्व और अचूक उपाय

WD Feature Desk
शनिवार, 26 जुलाई 2025 (16:54 IST)
Importance of Hariyali Teej: हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार हर साल हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। यह त्योहार मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है, जबकि कुंवारी कन्याएं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए इस व्रत को रखती हैं। साल 2025 में यह व्रत 27 जुलाई को मनाया जा रहा है। इसे सिंधारा तीज, छोटी तीज, श्रावण या सावन तीज भी कहा जाता है। आइए जानते हैं यहां हरियाली तीज व्रत के बारे में विशेष जानकारी...ALSO READ: हरियाली तीज का व्रत कब रखा जाएगा, पूजा का समय क्या है?
 
जानें हरियाली तीज पर किए जाने वाले प्रमुख कार्य:
 
1. निर्जला व्रत: हरियाली तीज के त्योहार पर महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं, यानी अन्न और जल का त्याग करती हैं।
 
2. सोलह श्रृंगार: इस दिन महिलाएं विशेष रूप से सोलह श्रृंगार करती हैं। हरे रंग का विशेष महत्व होता है, इसलिए हरे रंग के वस्त्र, चूड़ियां और मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है।
 
3. मेहंदी लगाना: हरियाली तीज से एक दिन पहले सिंजारा पर्व मनाया जाता है, जिसमें मायके से बहू-बेटियों के घर मिठाई, वस्त्र, आभूषण और मेहंदी भेजी जाती है। इस दिन महिलाएं अपने हाथों और पैरों पर विभिन्न कलात्मक रीति से मेहंदी रचाती हैं।
 
4. शिव-पार्वती की पूजा: सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
- महादेव का गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। 
- माता पार्वती को 16 श्रृंगार की चीजें, जिसमें खास तौर पर कुमकुम, सिंदूर, साड़ी, चुनरी, मेहंदी, महावर आदि अर्पित करें।
- फल, फूल, धूप-दीप, अक्षत, दूर्वा चढ़ाएं।
- घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जाप करें।
- भगवान शिव और माता पार्वती से सुख, समृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए कामना करें।
 
5. तीज कथा: पूजा के दौरान हरियाली तीज की व्रत कथा का पाठ या श्रवण करना अनिवार्य माना जाता है।
 
6. झूला झूलना और लोकगीत गाना: इस अवसर पर महिलाएं झूला झूलती हैं, लोकगीत गाती हैं और आनंद मनाती हैं।
 
7. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद ककड़ी और हलवे का भोग लगाएं और सभी में प्रसाद वितरित करें।
 
हरियाली तीज का महत्व: यह त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए 108 जन्मों तक कठोर तपस्या की थी। इस व्रत को रखने से वैवाहिक जीवन में प्रेम, सुख और शांति बनी रहती है। कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए इस व्रत को रखती हैं।
 
हरियाली तीज के अचूक उपाय:
 
• सौभाग्य प्राप्ति के लिए:
- सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करके शिव मंदिर जाएं और मां पार्वती को लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं।
- पूजा के दौरान 'ॐ गौरी शंकराय नमः' मंत्र का जाप करें।
- मंदिर में सुहाग का सामान, जैसे- चूड़ी, बिंदी, कंगन आदि मां पार्वती को अर्पित करें।
- किसी कन्या को हरी चूड़ियां, मेहंदी, वस्त्र व मिठाई दान करें।
- सुहागन महिलाओं को सुहाग का सामान भेंट करें।
 
• वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए:
- पति-पत्नी मिलकर भगवान शिव-पार्वती के मंदिर में जाएं और लाल रंग के फूल चढ़ाएं।
- शिवालय जाकर मां पार्वती के स्वरूप का दूध और केसर से अभिषेक करें।
- पत्नी घर में चावल की खीर बनाए, फिर पति-पत्नी मिलकर भोग लगाएं और प्रसाद ग्रहण करें।
- मेहंदी रचे हाथों की छाप दीवार पर लगाएं।
 
• करियर में सफलता के लिए:
- हरियाली तीज पर भगवान शिव को घर में बनी खीर या मालपुए का भोग लगाएं।
 
• शीघ्र विवाह के लिए (कुंवारी कन्याएं):
- प्रदोष काल में शिवजी और माता पार्वती के सामने घी का दीपक जलाएं।
- भोलेनाथ को पीला और पार्वती जी को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें।
- इसके बाद शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें।
- श्री पार्वती चालीसा का पाठ करें।
 
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