नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक खेलों 2020 में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रौशन करने वाले एथलीट नीरज चोपड़ा सहित अन्य भारतीय ओलंपिक दल का यहां सोमवार शाम को एक अभिनन्दन समारोह में भव्य स्वागत किया गया।
इससे पहले खिलाड़ियों का दिल्ली के हवाई अड्डे पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने के बाद भारत के चैंपियन स्वदेश लौटे। दिल्ली एयरपोर्ट पर ढोल-नगाड़ों और भारत माता की जय के नारे के साथ उनका भव्य स्वागत हुआ। एयरपोर्ट के बाहर ओलंपिक विजेताओं के इंतजार में प्रशंसक जश्न मनाते दिखे। भारतीय दल में गोल्ड विजेता नीरज चोपड़ा, कांस्य विजेता पहलवान बजरंग पूनिया और रवि दहिया शामिल थे।
भारतीय हॉकी टीम भी दिल्ली लौटी। स्टार बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन भी देश लौटीं। एयरपोर्ट पर खिलाड़ियों की अगवानी के लिए खेल मंत्रालय के अधिकारी मौजूद रहे। भारतीय युवा मोर्चा के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने नीरज चोपड़ा का गुलदस्ता देकर स्वागत किया।
प्रशंसकों ने बजरंग पूनिया को कंधे पर उठा लिया। उन्होंने हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया। लोगों के हाथों में वेलकम बजरंग पूनिया के प्लेकार्ड्स थे । प्रशंसकों ने फूलों की बारिश की।सरकार द्वारा यहाँ अशोक होटल में आयोजित अभिनन्दन समारोह में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, खेल राज्य मंत्री निशिथ प्रामाणिक और पूर्व खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने सभी खिलाड़ियों का एक एक करके भव्य स्वागत किया।
भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ही टोक्यो ओलंपिक में भारत के एकमात्र स्वर्ण पदक विजेता रहे, जबकि भारोत्तोलक मीराबाई चानू और पहलवान रवि कुमार दहिया ने रजत पदक जीता। मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु, पुरुष हॉकी टीम और पहलवान बजरंग पुनिया को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि चानू और सिंधु अपने खेलों की समाप्ति और पदक प्राप्त करने के बाद देश लौट आए थे, क्योंकि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पदक समारोह के 48 घंटों के अंदर एथलीटों का टोक्यो छोड़ना अनिवार्य था।भारत ने इस बार ओलंपिक खेलों के लिए 120 से अधिक एथलीटों सहित 228 सदस्यों का मजबूत दल टोक्यो भेजा था। कोरोना महामारी के कारण एक वर्ष देर से हुए ओंलपिक में यह देश की अब तक की सबसे बड़ी उपस्थिति थी।हवाई अड्डे के अंदर और बाहर दोनों जगह भीड़ ने देश के नायकाें का स्वागत किया। भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएफआई) के महानिदेशक संदीप प्रधान की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने एथलीटों का स्वागत किया। उनके साथ एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख आदिल सुमारिवाला भी मौजूद रहे। एथलीटों को माला पहना कर और गुलदस्ते भेंट कर स्वागत किया गया।
हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने इस दौरान सक्रियता दिखाई और समर्थकों और मीडिया कर्मियों की भारी उपस्थिति के बावजूद अराजकता नहीं फैलने दी, हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया, क्योंकि लोग अपने नायकों को देखने के लिए बेहद उत्साहित दिखे।
ओलंपिक के इतिहास में भारत के लिए टोक्यो 2020 सबसे खास रहा। भारत ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया और पदकों की संख्या के मामले में 48वें स्थान पर रहा। एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक के साथ भारत ने कुल सात पदक जीते जो लंदन ओलम्पिक में जीते छह पदकों से एक ज्यादा थे।
भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ही टोक्यो ओलंपिक में भारत के एकमात्र स्वर्ण पदक विजेता रहे, जबकि भारोत्तोलक मीराबाई चानू और पहलवान रवि कुमार दहिया ने रजत पदक जीता। मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु, पुरुष हॉकी टीम और पहलवान बजरंग पुनिया को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि चानू और सिंधु अपने खेलों की समाप्ति और पदक प्राप्त करने के बाद देश लौट आए थे, क्योंकि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पदक समारोह के 48 घंटों के अंदर एथलीटों का टोक्यो छोड़ना अनिवार्य था।भारत ने इस बार ओलंपिक खेलों के लिए 120 से अधिक एथलीटों सहित 228 सदस्यों का मजबूत दल टोक्यो भेजा था। कोरोना महामारी के कारण एक वर्ष देर से हुए ओंलपिक में यह देश की अब तक की सबसे बड़ी उपस्थिति थी।(वार्ता)