नई दिल्ली:टोक्यो ओलंपिक खेलों 2020 में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रौशन करने वाले एथलीट नीरज चोपड़ा सहित अन्य भारतीय ओलंपिक दल का यहां सोमवार को दिल्ली के हवाई अड्डे पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया।
हवाई अड्डे के अंदर और बाहर दोनों जगह भीड़ ने देश के नायकाें का स्वागत किया। भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएफआई) के महानिदेशक संदीप प्रधान की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने एथलीटों का स्वागत किया। उनके साथ एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख आदिल सुमरीवाला भी मौजूद रहे। एथलीटों को माला पहना कर और गुलदस्ते भेंट कर स्वागत किया गया।
हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने इस दौरान सक्रियता दिखाई और समर्थकों और मीडिया कर्मियों की भारी उपस्थिति के बावजूद अराजकता नहीं फैलने दी, हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया, क्योंकि लोग अपने नायकों को देखने के लिए बेहद उत्साहित दिखे।
ओलंपिक के इतिहास में भारत के लिए टोक्यो 2020 सबसे खास रहा। भारत ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया और पदकों की संख्या के मामले में 48वें स्थान पर रहा। एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक के साथ भारत ने कुल सात पदक जीते जो लंदन ओलंपिक में पदकों की संख्या एक अधिक है।
भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ही टोक्यो ओलंपिक में भारत के एकमात्र स्वर्ण पदक विजेता रहे, जबकि भारोत्तोलक मीराबाई चानू और पहलवान रवि कुमार दहिया ने रजत पदक जीता। मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु, पुरुष हॉकी टीम और पहलवान बजरंग पुनिया को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि चानू और सिंधु अपने खेलों की समाप्ति और पदक प्राप्त करने के बाद देश लौट आए थे, क्योंकि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पदक समारोह के 48 घंटों के अंदर एथलीटों का टोक्यो छोड़ना अनिवार्य था।
भारत ने इस बार ओलंपिक खेलों के लिए 120 से अधिक एथलीटों सहित 228 सदस्यों का मजबूत दल टोक्यो भेजा था। कोरोना महामारी के कारण एक वर्ष देर से हुए ओंलपिक में यह देश की अब तक की सबसे बड़ी उपस्थिति थी।(वार्ता)