विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मलेरिया रोग के विरुद्ध लड़ाई में बच्चों के लिए एक नई वैक्सीन को इस्तेमाल में लाए जाने मंज़ूरी दी है, जोकि संगठन की स्वीकृति पाने वाला दूसरा टीका है। पहले टीके की उपलब्धता सीमित साबित हुई है, मगर अब उम्मीद जताई गई है कि दूसरी वैक्सीन की कम क़ीमत और सरल सुलभता से बच्चों को जल्द सुरक्षा चक्र के दायरे में लाया जा सकेगा।
मलेरिया, जीवन के लिए घातक साबित हो सकने वाली एक बीमारी है, जोकि कुछ प्रकार के मच्छरों से मनुष्यों में फैलती है। मुख्यत: इसके मामले उष्णकटिबन्धीय देशों में सामने आते हैं और इसकी रोकथाम व इलाज सम्भव है। इसके मामूली लक्षणों में बुखार, कंपकंपी और सिरदर्द हैं, जबकि गम्भीर हालत होने पर सांस लेने में दिक़्कत, दौरे, थकान समेत अन्य लक्षण देखे जाते हैं।
ब्रिटेन की ऑक्सफ़र्ड युनिवर्सिटी ने R21/Matrix-M नामक इस वैक्सीन को विकसित किया है। और मलेरिया पर पार पाने के लिए यह दूसरी वैक्सीन है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस्तेमाल में लाने की सिफ़ारिश की है।