यौन संचारित संक्रमण मामलों में इजाफा, WHO ने जताई चिंता

UN
गुरुवार, 23 मई 2024 (12:11 IST)
एचआईवी, वायरल हेपेटाइटिस और यौन संचारित संक्रमण, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती है और हर साल 25 लाख मौतों के लिए ज़िम्मेदार है। इस बीमारी के कारण सबसे अधिक मौतें अमेरिका क्षेत्र और अफ़्रीकी महाद्वीप पर स्थित देशों में हुई हैं।

रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि यौन संचारित संक्रमण में वृद्धि और एचआई व वायरल हेपेटाइटिस संक्रमण मामलों में पर्याप्त गिरावट ना होने के कारण, टिकाऊ विकास लक्ष्यों के अन्तर्गत तयशुदा स्वास्थ्य लक्ष्यों पर जोखिम है।

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि सिफ़लिस के मामलों का बढ़ना एक बड़ी चिन्ता का विषय है।

‘भाग्यवश, अनेक अन्य मोर्चों पर महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जिनमें महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों, जैसेकि निदान व उपचार की सुलभता में तेज़ी आई है’

सिफ़लिस उन चार यौन संचारित संक्रमणों में है, जिनके हर दिन 10 लाख से अधिक मामले सामने आते हैं मगर इनका उपचार किया जा सकता है। तीन अन्य इस प्रकार हैं: गोनोर्रिया, क्लामिड्या और ट्रिकोमोनियासिस।कोविड-19 महामारी के दौरान कई देशों में वयस्क और मातृत्व सिफ़लिस के मामलों में उभार देख गया और 11 लाख मामले दर्ज किए गए।

हेपेटाइटिस व एचआईवी: वर्ष 2022 में हेपेटाइटिस बी के 12 लाख और हेपेटाइटिस सी के क़रीब 10 लाख नए मामले दर्ज किए गए। वायरल हेपेटाइटिस से होने वाली मौतों की संख्या वर्ष 2019 में 11 लाख थी, जो 2022 में बढ़कर 13 लाख हो गई।

इन बीमारियों की रोकथाम, निदान व उपचार के लिए किए जा रहे प्रयासों के बावजूद ऐसा हुआ है। वहीं, नए एचआईवी संक्रमण मामलों में मामूली गिरावट आई है। ये 2020 में 15 लाख से घटकर 2022 में 13 लाख तक पहुंचे हैं।

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने बताया कि पांच प्रमुख समूह– पुरुषों के साथ यौन सम्बन्ध बनाने वाले पुरुष, इंजेक्शन के ज़रिये ड्रग्स लेने वाले लोग, यौनकर्मी, ट्रांसजैंडर व्यक्ति, कारागार व अन्य बन्दीगृहों में लोगों में अब भी, आम आबादी की तुलना में एचआईवी संक्रमण की दर अधिक देखी गई है।

एचआईवी के कारण अब भी बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं। 2022 में छह लाख 30 हज़ार मौतें हुईं, जिनमें 13 फ़ीसदी 15 वर्ष या उससे कम आयु के बच्चे हैं।

उम्मीद की किरण: रिपोर्ट दर्शाती है कि यौन संचारित संक्रमण, एचआईवी और हेपेटाइटिस बीमारियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने में सफलता मिली है।

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने पुष्टि की है कि 19 देशों में मां से बच्चे को होने वाले एचआईवी या सिफ़लिस संचारण के उन्मूलन को हासिल कर लिया गया है। इसके लिए गर्भवती महिलाओं में इन बीमारियों के परीक्षण और उपचार की कवरेज के लिए निवेश किए जाने पर बल दिया गया है।

संगठन का कहना है कि नामीबिया ऐसा पहला देश बनने के रास्ते पर बढ़ रहा है, जहां मां से बच्चे में एचआईवी, हेपेटाइटिस और सिफ़लिस के संक्रमण के उन्मूलन सम्भव होगा।

सम्बंधित जानकारी

RJD में कौन है जयचंद, जिसका लालू पु‍त्र Tej Pratap Yadav ने अपने मैसेज में किया जिक्र

Floods in Northeast India : उफनती बोमजीर नदी में फंसे 14 लोगों को IAF ने किया रेस्क्यू

शिवसेना UBT ने बाल ठाकरे को बनाया 'सामना' का एंकर, निकाय चुनाव से पहले AI पर बड़ा दांव

विनाशकारी बाढ़ से असम अस्त व्यक्त, गौरव गोगोई के निशाने पर हिमंता सरकार

डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा एक्शन, मस्क के करीबी इसाकमैन नहीं बनेंगे NASA चीफ

Salman Khurshid : कांग्रेस नेताओं के बर्ताव से क्यों दुखी हुए सलमान खुर्शीद, कह दी चुभने वाली बात

इंदौर से लेकर कोलंबो तक, जानिए कहां कहां होंगे ICC महिला वनडे विश्व कप 2025 के मुकाबले

BSE का नया APP बनेगा आपका दोस्त, Free मिलेगी investment की ट्रेंनिंग

Realme C73 5G लॉन्च, सस्ती कीमत में महंगे फोन के फीचर्स

मिस वर्ल्ड ओपल सुचाता अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन को हैं उत्सुक, जानिए थाईलैंड की रामायण 'रामकियेन' के बारे में

अगला लेख