सरकार की वित्तीय स्थिति अच्छी, करदाताओं को राहत की उम्मीद

वृजेन्द्रसिंह झाला
Union Budget 2024-25: टैक्स प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर के पूर्व अध्यक्ष सीए गोविन्द अग्रवाल का कहना है‍ कि सरकार की आर्थिक स्थिति काफी अच्छी है। दरअसल, इस वर्ष प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के संग्रह में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भी डिविडेंड के रूप में सरकार को बड़ी रकम दी गई है। इसके चलते बजट 2024-25 को लेकर करदाताओं को काफी उम्मीदें भी हैं। 
 
अग्रवाल ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि इस दशा में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आम आयकर करदाताओं के साथ ही वेतनभोगी आयकर दाताओं को दी जाने वाली स्टेंडर्ड डिडक्शन की छूट में वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी करदाताओं पर प्रभावशाली इनकम टैक्स की दर 25 प्रतिशत है और भागीदारी फर्मों पर यह दर 30 प्रतिशत है। ऐसे में वित्त मंत्री भागीदारी फर्मों की टैक्स दर भी कंपनी करदाताओं की तरह 25 प्रतिशत कर सकते हैं। 
छोटे व्यापारियों को मिले राहत : सीए अग्रवाल कहते हैं कि वर्तमान में अधिकांश छोटे व्यापारी प्रिंजेम्टिव टैक्सेशन के अंतर्गत अपना आयकर रिटर्न पेश करते हैं। लेकिन, इसके अंतर्गत प्रतिबंध भी लागू होते हैं। इसमें शामिल होने और बाहर होने की स्थिति में 5 वर्ष के प्रतिबंध लागू होते हैं, इसे खत्म करने की जरूरत है। पूर्व में यह प्रतिबंध लागू नहीं थे। बीच कुछ वर्षों के लिए यह 5 वर्ष के प्रतिबंध लगाए गए थे। इससे छोटे करदाताओं को अनावश्यक परेशानी होती है। ALSO READ: Union Budget 2024-25 : क्या इन समस्याओं की ओर ध्यान देंगी वित्त मंत्री?
 
इस कानून को खत्म करने की जरूरत : दूसरी ओर, 1 अप्रैल 2024 से एक नया कानून लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत छोटे और लघु व्यापारियों को वस्तु एवं सेवाओं के बदले यदि अनुबंध नहीं है तो 15 दिन में भुगतान करना होता है और यदि अनुबंध है तो 45 दिन में भुगतान करना अनिवार्य है। देर से भुगतान करने की स्थिति में ब्याज की राशि साल के अंत में करदाता की आय में जोड़े जाने का प्रावधान है, इसे खत्म करने की आवश्यकता है। 
आयकर दरों में हो कटौती : अग्रवाल कहते हैं कि इसके साथ ही वित्त मंत्री आयकर दरों में कटौती की घोषणा कर करदाताओं को राहत प्रदान कर सकती हैं। पिछले कुछ वर्षों में आयकर अधिकारियों द्वारा निकाली गई अनुचित आयकर की मांगों के विरुद्ध आयकरदाताओं की गई अपीलों का डिस्पोजल नहीं हो पाया है। डिमांड पेंडिंग है। आयकर विभाग द्वारा पेमेंट के लिए दबाव डाला जाता है। पेंडिंग अपील के डिस्पोजल के संबंध में उचित व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता है। इससे आयकर दाताओं को राहत मिलेगी। अत: इस बात की पूरी उम्मीद है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण करदाताओं को बजट में राहत जरूर प्रदान करेंगी। 
 

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