आचार्य सतेन्द्र दास ने मां सरयू की गोद में ली समाधि, अयोध्यावासियों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

संदीप श्रीवास्तव
शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2025 (01:25 IST)
Acharya Satendra Das : रामलला की सेवा में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किए आचार्य सतेन्द्र दास, जिन्होंने जब उनके आराध्य प्रभु रामलला जब विवादित ढांचा में रहे हों या टेंट में रहे हों या फिर राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हुए हों, हमेशा मुख्य पुजारी के रूप में आचार्य सतेन्द्र दास ही प्रभु की सेवा में सक्रिय रहे, जो कि विगत काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और इसी बीच 3 फरवरी को उन्हें ब्रेन स्टोक आया जिसके बाद उन्हें लख़नऊ पीजीआई के न्यूरोलाजी डिपार्टमेंट में भर्ती कराया गया जहां 12 फरवरी माघ पूर्णिमा की तिथि को उन्‍होंने प्रातः 7 बजे अंतिम सांस ली।

उनकी 87 वर्ष की आयु थी। उनके पार्थिव शरीर को अयोध्या उनके आश्रम लाया गया जहां अयोध्यावासियों व साधु-संतों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 13 फरवरी को आचार्य सतेन्द्र दास की शवयात्रा को अयोध्या नगर भ्रमण कराते हुए सिद्धपीठ हनुमान गढ़ी, रामजन्मभूमि का दर्शन कराते हुए अयोध्या के मुख्य मार्गों से होते हुए मां सरयू की बीच धारा में जल समाधि दी गई।

आचार्य को श्रद्धांजलि देने वालों में प्रमुख रूप से जगतगुरु रामदिनेचार्य ने कहा कि यह साधु समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है और पूरे समाज के लिए पुजारी जी का न रहना एक युग का अंत है। जिस प्रकार से जो युग चल रहा था धार्मिकता का और सामाजिकता का, उस युग का आज अंत हो गया है। अब ऐसे महापुरुष हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनसे हम प्रेरणा लें और वर्तमान में संत समाज उनसे प्रेरणा लें। जब भी हम राम मंदिर को याद करेंगे तो पुजारी जी को याद करेंगे।

महंत धर्मदास ने कहा कि आचार्य जी पूर्ण रूप से संत थे, सभी अयोध्यावासियों को उनके न रहने का बड़ा दुख है। उन्‍होंने कहा कि आचार्य ने प्रभु की सेवा जब प्रभु ढांचे मे थे तब से लेकर आज तक कर रहे थे।  रामलला उनकी आत्मा को शांति दें। वे हमारे बड़े गुरु भाई भी थे।

अयोध्या नगर निगम के मेयर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने कहा कि आचार्य जी का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है, आर्थिक संकटों के बाद भी कभी भी रामलला की सेवा में कोई कमी नहीं होने दी और अपना सम्पूर्ण जीवन अपने आराध्य प्रभु रामलला के लिए समर्पित कर दिया। एक युग का अंत हो गया जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।

अयोध्या विधानसभा के विधायक वेदप्रकाश गुप्ता ने कहा कि उनका पूरा जीवन श्रीराम के प्रति समर्पित रहा और ईश्वर उन्हें निश्चित रूप से अपने चरणों मे स्थान देंगे। व्यापार अधिकार मंच के संयोजक सुशील जायसवाल ने आचार्य जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि विषम व विपरीत परिस्थिति में भी जिस प्रकार से आचार्य जी रामलला की सेवा में लीन रहे, यह बहुत बड़ी बात है। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के कई उतार-चढ़ाव देखे और वे बड़े ही भाग्यशाली थे कि उनके जीवनकाल में राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ और रामलला अपने भव्य-दिव्य भवन के गर्भगृह में विराजमान हुए।

आचार्य जी को श्रीचरणों में स्थान मिले। आचार्य जी को श्रद्धांजलि देने वालों में आचार्य मंदिर के महंत विवेक आचार्य, राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य महंत दिनेन्द्र दास, कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, कांग्रेस नेता राजेंद्र प्रताप सिंह, वेद कमल, अखिलेश यादव, गौरव तिवारी प्रमुख रूप से रहे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

एप्पल, फेसबुक, गूगल, टेलीग्राम के 16 अरब यूजरनेम और पासवर्ड लीक, बचना है तो तुरंत यह करें

Nitin Gadkari : असली फिल्म अभी आना बाकी, नितिन गडकरी ने किया 2029 के आम चुनाव के प्लान का खुलासा

पुरानी बीवी लाए, नई ले जाए, ये विज्ञापन सोशल मीडिया में मचा रहा है धूम, ऑफर में होम सर्विस सुविधा भी

बिहार सरकार ने वृद्धावस्था व विधवा पेंशन में की बढ़ोतरी, अब मिलेंगे 400 की जगह 1100 रुपए प्रतिमाह

इजराइल या ईरान: किसकी करेंसी है ज्यादा ताकतवर?, जानें करेंसी का शहंशाह कौन है?

सभी देखें

नवीनतम

Air India Plane Crash : डीएनए से हुई 247 मृतकों की पहचान, 8 का नहीं हो सका मिलान, परिजनों को सौंपे 232 शव

Brazil Hot Air Balloon Fire : ब्राजील में दर्दनाक हादसा, हॉट एयर बैलून क्रैश में कम से कम 8 लोगों की मौत, कई घायल

UP : चलती ट्रेन में युवक की हत्या, पीट-पीटकर ली जान, 5 आरोपी गिरफ्तार

Operation Sindhu : ईरान से लौटे 256 और भारतीय छात्र, चिंतित परिजनों को मिली राहत

Iran-Israel war : इजराइली हमलों के बाद ईरान में भूकंप, परमाणु ठिकानों पर रहस्यमय झटकों से मचा हड़कंप, क्यों उड़ी परीक्षण की अफवाहें

अगला लेख