यूपी के बरेली में मासूम से हैवानियत करने के बाद आरोपी कोर्ट को किन्नर बताकर गुमराह कर रहा था। जब कोर्ट के आदेश पर लिंग की जांच की गई तो वह पुरुष निकला। पोल खुलने के बाद आरोपी को सजा सुनाई गई। वह दहाड़ मारकर रोने लगा और सजा कम करने की गुहार करने लगा। कोर्ट ने उसे 20 साल की सजा सुनाई।
थाना मीरगंज इलाके में 2 साल पहले यह घटना हुई। फरीन नाम का किन्नर अपने पड़ोस में रहने वाली 7 साल की मासूम बच्ची को खीरा, टॉफी और चॉकलेट देने के बहाने अपने घर ले गया। इस दौरान फरीन किन्नर ने मासूम से हैवानियत की हदें पार कर दी। जब मासूम घर पहुंची तो उसके प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी।
मासूम को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसकी हालत गंभीर होने पर उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर किन्नर फरीन के खिलाफ पॉक्सो और दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी फरीन खुद को किन्नर बताकर गुमराह करता रहा। इस पर कोर्ट के आदेश पर आरोपी के लिंग जांच के आदेश दिया गया। फरीन खुद को फीमेल किन्नर बताकर आरोपों से इंकार करता रहा। इसके बाद लखनऊ एसजीपीजीआई में जब उसका लिंग परिक्षण हुआ तो उसमें X और Y क्रोमोज़ोम की पुष्टि हुई। इससे यह साबित हुआ कि फरीन किन्नर नहीं बल्कि पुरुष है। इसके बाद कोर्ट ने फरीन को दोषी करार देते हुए 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। Edited by : Sudhir Sharma