पोते ने दादी का शव पहुंचाया मर्च्युरी में, भक्तिभूषण महाराज ने किया अंतिम संस्कार

हिमा अग्रवाल
सोमवार, 12 जून 2023 (19:10 IST)
Muzaffarnagar News: उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर से मानवीय संवेदना और रिश्तों के मर्म को छलनी करने की तस्वीर सामने आई है। यहां शहर स्थित लक्ष्मण विहार में 75 वर्षीय कमला गुप्ता अपने बेटे नरेन्द्र के परिवार के साथ रहती थीं। नरेन्द्र के छोटे बेटे की शादी समारोह की घर में तैयारी चल रही थी, 11 जून को शिवम की बारात जानी थी, लेकिन उससे पहले ही कमला की तबीयत बिगड़ गई।
 
बुजुर्ग दादी को पोता गौरव गुप्ता ईवान अस्पताल लेकर पहुंचा। उपचार के दौरान दादी की मौत हो गई। नरेन्द्र के बेटे गौरव ने दादी के प्यार और दुलार को नजरअंदाज करते हुए निर्णय लिया कि वह मृतका के शव को 3 दिन के लिए अस्पताल की मर्च्युरी में रखेगा। इसके लिए उसने अस्पताल प्रबंधन को राजी करते हुए पत्र लिखकर दिया कि 'मैं गौरव गुप्ता पुत्र नरेन्द्र गुप्ता अपनी दादी कमला गुप्ता, जो मृतक है, के मृत शरीर को इवान हॉस्पिटल की मर्च्युरी में रख रहा हूं। हमारे यहां शादी होने के कारण मैं मृतक शरीर को 12 जून 2023 को सुबह ले जाऊंगा।'
 
ईवान हास्पिटल में दादी के शव रखे होने की सूचना को परिवार ने गुप्त रखने की कोशिश की। लेकिन कमला का छोटा बेटा महाराज भक्तिभूषण, जो शुक्रताल में संत और कथावाचक है, उसे पता चला कि मां नहीं रहीं और उसका शव अस्पताल की मर्च्युरी में रखा गया है तो वह शव को लेने नर्सिंग होम पहुंच गया।
 
मां के शव को हासिल करने के लिए महाराज भक्तिभूषण का अस्पताल प्रबंधन से झगड़ा हो गया। काफी कहासुनी के बाद महाराज ने अस्पताल में शव को मर्च्युरी में रखकर गए लोगों को बुलाया। अंत में शव महाराज भक्तिभूषण को सौंपने की सहमति बनी। महाराज ने नर्सिंग होम को मर्च्युरी की फीस के रूप में 10 हजार रुपए देते हुए पत्र लिखा कि 'वे अपनी मां कमला गुप्ता का शव अंतिम संस्कार के लिए श्रीधाम शुक्रताल ले जा रहे हैं।'
 
इसी बीच मृतक कमला के पुत्र नरेन्द्र को आसपास और रिश्तेदारों की भली-बुरी सुनने को मिली तो उन्होंने अपने बेटे शिवम् की शादी फिलहाल स्थगित कर दी है। संत बेटे ने मां का अंतिम संस्कार कर दिया है और उनका रो-रोकर बुरा हाल है। भक्तिभूषण महाराज अपनी मां कमला को बेहद प्यार करते थे। मां के शव को भाई के परिवार ने शादी समारोह के कारण मर्च्युरी में रखा, उससे वे आहत हैं।
 
कमला गुप्ता मूल रूप से सिसौली गांव की रहती थीं। मृतका के साथ उनका बड़ा बेटा नरेन्द्र रहता था। नरेन्द्र के बच्चे गांव से शहर में आ गए जिसके चलते दादी भी बेटे के साथ शहर आ गईं। अपने पोतों पर सबकुछ न्योछावर करने वालीं दादी को यह नहीं पता था कि वे पत्थर के टुकड़ों को कलेजे से लगा रही हैं। अंतिम समय में उसकी देह 3 दिन के लिए मुर्दाघर में इसलिए रखी जाएगी कि पोते की शादी में खलल न पड़ जाए। यह खबर जैसे ही मुजफ्फरनगर समेत आसपास के जिलों में पहुंची तो लोगों के मुंह से निकल पड़ा कि 'कलयुग में बेटों ने बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में पहुंचाया और अब पोतों ने मर्च्युरी में!'
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India-Pakistan War : पाकिस्तान पर काल बनकर बरसीं ये स्वदेशी मिसाइलें, आतंक के आका को सदियों तक रहेगा भारतीय हमले का सदमा

डोनाल्ड ट्रंप ने दिया संकेत, भारत ने की अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क घटाने की पेशकश

भारत और PAK के बीच मध्यस्थता वाले बयान से पलटे Donald Trump, बोले- मैंने मदद की

कर्नल सोफिया कुरैशी के बाद अब विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर विवादित बयान, जानिए रामगोपाल यादव ने क्या कहा

Donald Trump ने Apple के CEO से कहा- भारत में बंद करें iPhone बनाना, सबसे ज्यादा टैरिफ वाला देश, बेचना मुश्किल

सभी देखें

नवीनतम

हरियाणा में पकड़ाया पाकिस्तानी जासूस, ISI को भेज रहा था खुफिया जानकारी

MP : सरकारी कार्यशाला में विजय शाह की फोटो पर भड़के अफसर, मंत्री की जगह लगाई PM मोदी की तस्वीर

Ceasefire को लेकर भारत और पाक के DGMO ने की बात, Pakistan के विदेश मंत्री डार ने किया यह दावा

Tahawwur Rana : तहव्वुर राणा को मिलेगी उसके हर गुनाह की सजा, बनी 5 वकीलों की टीम, जनरल तुषार मेहता अध्यक्ष

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में मुठभेड़, 3 आतंकी ढेर, 3 राइफल और 3 ग्रेनेड बरामद

अगला लेख