लखीमपुर खीरी : प्रियंका गांधी बोलीं- हिम्मत है तो मुझे छूकर दिखाओ, किसानों को कुचल रही है UP सरकार

अवनीश कुमार
सोमवार, 4 अक्टूबर 2021 (12:30 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के लखनऊ से लखीमपुर पहुंचने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर कड़ा संघर्ष करना पड़ा है और कड़े संघर्ष के बाद उनका काफिला आखिरकार लखीमपुर के लिए रवाना हो गया है। निजी गाड़ी से लखीमपुर के लिए निकलीं राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने एक वीडियो जारी करते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा है और उन्होंने कहा है कि जिस तरह से इस देश में किसान को कुचला जा रहा है, उसके लिए लफ्ज ही नहीं है। आज जो हुआ, वो दिखाता है कि यह सरकार किसानों को कुचलने और खत्म करने की राजनीति कर रही है। ये देश किसानों का देश है, बीजेपी विचारधारा की जागीर नहीं है। प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर सीतापुर के PAC गेस्ट हाउस ले जाया गया। कमरे में झाड़ू लगाते प्रियंका का वीडियो वायरल हुआ है। यहां जहां प्रियंका को रोका गया वो कमरा काफी गंदा था।

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उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश में किसानों को कुचला जा रहा है, उसके लिए तो शब्द ही नहीं है। कई महीनों से किसान आवाज उठा रहे हैं कि उनके साथ गलत हो रहा है। आज जो कुछ हुआ है, वह यह साफ कर देता है कि सरकार किसानों को कुचलने की राजनीति कर रही है और किसानों को खत्म करने की राजनीति कर रही है। लेकिन यह देश किसानों का देश है। यह बीजेपी की विचारधारा की जागीर का देश नहीं है। यह देश किसानों ने बनाया है, किसानों ने सींचा है और किसानों का देश है।

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नैतिक अधिकार सरकार और पुलिस खो चुकी है : कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि लखनऊ से जब मैं लखीमपुर के लिए निकली तो मुझे एक बात समझ में आ गई, जब बलप्रयोग करना पड़ता है तो आप मान लीजिए पुलिस और सरकार नैतिक अधिकार खो चुकी है। मैं अपने घर से निकलकर कोई अपराध करने नहीं जा रही हूं। मैं सिर्फ उन पीड़ित परिवारों से मिलने जा रही हूं और उनके आंसू पोंछने जा रही हूं। अब आप ही बताइए कि इसमें कौन सी बुराई है? और मैं क्या गलत कर रही हूं और अगर गलत कर रही हूं तो आपके पास आदेश होना चाहिए। नहीं तो आपके पास वॉरंट है, फिर भी आप मुझे रोक रहे हैं, मेरी गाड़ी को रोक रहे हैं और जब मैं सीओ को बुला रही हूं लेकिन वे सामने नहीं आ रहे हैं। अगर वे सही काम कर रहे हैं तो फिर वे मुझसे छुप क्यों रहे हैं?

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