प्राण प्रतिष्ठा को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बिगड़े बोल, फिर मुर्दे क्यों नहीं चल सकते..

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 24 जनवरी 2024 (11:27 IST)
swami prasad maurya on pran pratistha : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पत्थर में प्राण प्रतिष्ठा करने से वह सजीव हो सकता है तो फिर मुर्दे क्यों नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि यह सब पाखंड ढ़ोंग और आडंबर है।
 
कर्पूरी ठाकुर के जन्मशताब्दी कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर गाजीपुर के लंका मैदान में में एक कार्यक्रम में मौर्य ने कहा कि देश में बेरोजगारी पर चर्चा ना हो इसलिए ऐसे ड्रामे का उपयोग किया जा रहा है।
 
सपा नेता ने कहा कि भगवान राम तो हजारों साल से पूजे जा रहे हैं। जिनकी पूजा हजारों साल से करोड़ों लोग कर रहे हैं तो उसके अंदर प्राण प्रतिष्ठा करने की जरूरत क्या है। आज सत्ता में बैठे हुए लोग अपने पाप को छुपाने के लिए इस तरह के ड्रामा का सहारा ले रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि वाकई में अगर यह धार्मिक अनुष्ठान होता तो इसमें चारों शंकराचार्य होते और देश के राष्ट्रपति आमंत्रित होने के बाद भी यहां नहीं आई। इसलिए क्योंकि वह पूर्व में हुए अपने अपमान का घूंट भूल नहीं पाई है। यह कार्यक्रम सिर्फ भारतीय जनता पार्टी का बनकर रह गया।
Edited by : Nrapendra Gupta 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

8 बार डाला वोट, वायरल वीडियो पर अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से पूछा सवाल

कब तक पड़ेगी भीषण गर्मी, कितने दिन झेलनी होगी लू की तपिश, IMD ने दी जानकारी

अब CISF करेगी संसद की सुरक्षा, कल से संभालेगी कमान

PM मोदी बोले- सामाजिक और धार्मिक संगठनों को धमका रहीं ममता बनर्जी, TMC लांघ रही शालीनता की हदें

टूरिस्टों पर हमले से चिंता में कश्मीरी, पाकिस्तान को रास नहीं आ रही पर्यटकों की बाढ़

17 वर्षीय किशोर के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी पुणे पुलिस, जानिए क्‍या है मामला...

दिल्ली में भीषण गर्मी, छुट्टी के बावजूद खुले स्कूलों को तत्काल बंद करने के निर्देश

Weather Update : दिल्ली में गर्मी का कहर, पारा फिर 47 के पार, लू के लिए रेड अलर्ट

वाइस प्रेसिडेंट मुखबेर ईरान के अंतरिम राष्ट्रपति बने, भारत में 1 दिन का शोक

CDS General अनिल चौहान बोले- अग्निवीर केवल सैनिक नहीं, राष्ट्र की संप्रभुता के हैं रक्षक

अगला लेख