लखनऊ। उत्तरप्रदेश विधानसभा में नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की तुलना राहुल गांधी से की। उन्होंने कहा कि ज्यादा फर्क नहीं है। फर्क केवल यही है कि राहुल गांधी देश के बाहर प्रदेश की बुराई करते हैं और आप उत्तरप्रदेश के बाहर राज्य की बुराई करते हैं।
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को बजट पर चर्चा करते हुए कहा था कि मैं एक प्राइमरी स्कूल में गया और एक बच्चे से पूछा कि मुझे पहचाना। छोटा-सा बच्चा बोला कि हां, पहचान लिया। मैंने पूछा कि कौन हूं मैं? इस पर वह बोला, राहुल गांधी। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस पर ठहाके लगाए और तंज कसा।
अखिलेश ने कहा था कि इन्हें दुख इस बात का नहीं है कि प्रदेश का स्थान शिक्षा में नीचे से चौथे नंबर पर है। इन्हें दुख इस बात का है कि मैंने कांग्रेस के नेता का नाम ले लिया। योगी ने बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने अपनी बात को मजबूती से रखा, लेकिन कभी-कभार वह फिसल भी जा रहे थे।
मुख्यमंत्री ने अखिलेश के सोमवार के भाषण की याद दिलाते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्होंने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का दौरा किया। उन्होंने एक बच्चे से पूछा कि मुझे पहचानते हो तो उसने कहा कि हां, आप राहुल गांधी हैं।
उन्होंने व्यंगात्मक लहजे में कहा कि बच्चे भोले-भाले, लेकिन मन के सच्चे होते हैं। उस बच्चे ने जो भी बोला होगा, बहुत सोच-समझकर बोला होगा। उन्होंने कहा कि फर्क बहुत ज्यादा नहीं है। फर्क केवल यही है कि राहुल गांधी देश के बाहर उत्तरप्रदेश की बुराई करते हैं और आप उत्तरप्रदेश के बाहर राज्य की बुराई करते हैं।
गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट गुरुवार को विधानसभा में वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपए का यह बजट प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट बताया जा रहा है।
बजट पर चर्चा में कुल 124 सदस्यों ने हिस्सा लिया जिसमें सत्ता पक्ष के 75 सदस्यों ने बजट के समर्थन और विपक्ष के 49 सदस्यों ने संशोधन के पक्ष में अपनी बात रखी। योगी ने सभी के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि कई वर्षों के बाद सदन में इतनी गंभीर और समृद्ध चर्चा का अवसर मिला, इससे न केवल सदन की गरिमा बढ़ी, बल्कि आम जनमानस के मन में सम्मान के भाव में भी वृद्धि होगी।
अखिलेश पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने कम से कम समाजवाद के बहाने ही प्रधानमंत्री की गरीब कल्याण योजनाओं को स्वीकार किया है, उसकी सराहना की है। लेकिन ये जो योजनाएं हैं, वे पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय की भावना से प्रेरित हैं जिसके तहत पंडितजी ने कहा था कि आर्थिक योजनाओं द्वारा आर्थिक प्रगति का माप समाज की ऊपरी सीढ़ी पर पहुंचे व्यक्ति से नहीं, बल्कि समाज के सबसे निचले पायदान के व्यक्ति से होगा।
योगी ने नेता प्रतिपक्ष के भाषण पर तंज कसते हुए कहा कि मुझे उनके भाषण से दुष्यंत कुमार की ये पंक्तियां याद आ गईं-
'कैसे मंजर सामने आने लगे हैं,
गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं।'
उन्होंने कहा कि हम यहां जो बोलते हैं, वह नष्ट नहीं होता है। हम यहां जो बोलते हैं, वह विधानसभा की संपत्ति का हिस्सा बनेगा। इसलिए जब बोलें तो सोच-समझकर बोलें ताकि वह लोगों के लिए प्रेरणा बने। योगी ने दावा किया कि 2022-23 का उत्तरप्रदेश का जो बजट है, वह प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' की परिकल्पना को साकार करने वाला बजट है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरप्रदेश में जो कुछ हुआ है, हमने कभी नहीं कहा कि सिर्फ हम ही ने किया है। सबने किया है। 4 बार सपा को भी शासन का मौका मिला। बसपा की भी सरकार बनी। कांग्रेस ने लंबे समय तक राज किया। भाजपा को भी 4थी बार सत्ता में आने का अवसर मिला।
उन्होंने कहा कि हर एक दल ने अपने-अपने शासन में कुछ अच्छा किया, यह अलग विषय है कि परिणाम क्या आए। योगी ने कहा कि परिणाम वही ला सकता है, जो समस्या पर कम और समाधान पर ज्यादा ध्यान देगा। उन्होंने कहा कि हम लोग समस्या पर बहुत ज्यादा समय खर्च नहीं करते। हम समाधान खोजने की दिशा में काम करते हैं।