दुकान का मुख किस दिशा में है और दुकान का वास्तु कैसा है इसी से आपके व्यापार की उन्नति तय होती है। यदि आपकी दुकान की पश्चिम दक्षिण में है या दुकान आग्नेयमुखी है तो जानिए वास्तु के 5 टिप्स।
आग्नेय मुखी दुकान ( Aagney mukhi dukan ka vastu ) :
1. आग्नेय मुखी दुकान में पूर्व और दक्षिण दोनों का प्रभाव रहता है क्योंकि यह दोनों के बीच का कोण है। अत: इसके लिए पूर्व मुखी दुकान के उपाय अपनाए जाने चाहिए। दुकान का फ्रंट फेस चौड़ा होना चाहिए और पीछे भले ही संकरा हो, परंतु फ्रंट की अपेक्षा पीछे चौड़ा नहीं होना चाहिए। इसे सिंह मुखी दुकान कहते हैं।
2. आग्नेय कोण मुखी दुकान यदि मार्केट में लाइनबद्ध है और उसके सामने की दुकानें भी लाइनबद्ध हैं तो कोई नुकसान नहीं होगा।
3. आग्नेय कोण या मुखी की दुकान बाहर शेड लगाकर रखें। शेड ऐसा लगाएं कि दक्षिण का भाग पूरा ढक जाए।
4. आग्नेय कोण दुकान है तो काउंटर को दक्षिण दिशा में रखकर आपका मुख उत्तर में रखें। मतलब दुकान मालिक का मुंह उत्तर में होना चाहिए।
5. दुकान जल्दी खोलें और जल्दी बिकने वाले उत्पाद सामने रखना चाहिए।