ऐसे घर में रहती है शांति, जानिए 10 वास्तु टिप्स

अनिरुद्ध जोशी
गुरुवार, 24 जून 2021 (12:06 IST)
घर में यदि आपको अच्छी सुकून की नींद, अच्छा सेहतमंद भोजन और भरपूर प्यार-अपनत्व नहीं मिल रहा है तो घर में वास्तुदोष है। घर है तो परिवार और संसार है। आप निम्नलिखित 10 नियम मानें या न मानें लेकिन जानें जरूर।
 
 
1. घर की कौनसी हो दिशा?
*हमारे अनुसार सबसे उत्तम दिशा- पूर्व, ईशान और उत्तर है। वायव्य और पश्‍चिम सम है। आग्नेय, दक्षिण और नैऋत्य दिशा सबसे खराब होती है।
 
 
2. घर के अंदर किस दिशा में क्या हो?
उत्तर : इस दिशा में खिड़की, दरवाजे, घर की बालकनी होना चाहिए।
दक्षिण : इस दिशा में घर का भारी सामान रखें।
पूर्व : यदि घर का द्वार इस दिशा में है तो मात्र उत्तम है। खिड़की रख सकते हैं।
पश्चिम : रसोईघर या टॉयलेट इस दिशा में होना चाहिए। रसोईघर और टॉयलेट पास-पास न हो।
ईशान : इस दिशा में बोरिंग, पंडेरी, स्वीमिंग पूल, पूजास्थल या घर का मुख्य द्वार होना चाहिए।
वायव्य : इस दिशा में आपका बेडरूम, गैरेज, गौशाला आदि होना चाहिए।
आग्नेय : इस दिशा में गैस, बॉयलर, ट्रांसफॉर्मर आदि होना चाहिए।
नैऋत्य : इस दिशा में घर के मुखिया का कमरा यहां बना सकते हैं। कैश काउंटर, मशीनें आदि आप इस दिशा में रख सकते हैं।
 
3. घर का आंगन कैसा हो?
*घर के आगे और घर के पीछे छोटा ही सही, पर आंगन होना चाहिए। आंगन में तुलसी, अनार, जामफल, कड़ी पत्ते का पौधा, नीम, आंवला आदि के अलावा सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने वाले फूलदार पौधे लगाएं। चंद्र और गुरु से युक्त वृक्ष या पौधें हो।
 
 
4. कैसा हो स्नानघर और शौचालय?
* स्नानगृह में चंद्रमा का वास है तथा शौचालय में राहू का। शौचालय और बाथरूम एकसाथ नहीं होना चाहिए।
* शौचालय मकान के नैऋत्य (पश्चिम-दक्षिण) कोण में अथवा नैऋत्य कोण व पश्चिम दिशा के मध्य में होना उत्तम है। 
* इसके अलावा शौचालय के लिए वायव्य कोण तथा दक्षिण दिशा के मध्य का स्थान भी उपयुक्त बताया गया है।
* शौचालय में सीट इस प्रकार हो कि उस पर बैठते समय आपका मुख दक्षिण या उत्तर की ओर होना चाहिए।
* स्नानघर पूर्व दिशा में होना चाहिए। नहाते समय हमारा मुंह अगर पूर्व या उत्तर में है तो लाभदायक माना जाता है। पूर्व में उजालदान होना चाहिए। * बाथरूम में वॉश बेशिन को उत्तर या पूर्वी दीवार में लगाना चाहिए। दर्पण को उत्तर या पूर्वी दीवार में लगाना चाहिए। दर्पण दरवाजे के ठीक सामने नहीं हो।
 
5. शयन कक्ष कैसा हो?
* मुख्य शयन कक्ष, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता हें, घर के दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या उत्तर-पश्चिम (वायव्य) की ओर होना चाहिए। 
* अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो मास्टर बेडरूम ऊपरी मंजिल के दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए। 
* शयन कक्ष में सोते समय हमेशा सिर दीवार से सटाकर सोना चाहिए। पैर उत्तर या पश्चिम दिशा की ओर करने सोना चाहिए।
 
6. अध्ययन कक्ष : 
* पूर्व, उत्तर, ईशान तथा पश्चिम के मध्य में अध्ययन कक्ष बनाया जा सकता है। 
* अध्ययन करते समय दक्षिण तथा पश्चिम की दीवार से सटाकर पूर्व तथा उत्तर की ओर मुख करके बैठें। 
* अपनी पीठ के पीछे द्वार अथवा खिड़की न हो। अध्ययन कक्ष का ईशान कोण खाली हो। 
 
7. रसोईघर : 
* यदि रसोई कक्ष का निर्माण सही दिशा में नहीं किया गया है तो परिवार के सदस्यों को भोजन से पाचन संबंधी अनेक बीमारियां हो सकती हैं। * रसोईघर के लिए सबसे उपयुक्त स्थान आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्वी दिशा है, जो कि अग्नि का स्थान होता है। दक्षिण-पूर्व दिशा के बाद दूसरी वरीयता का उपयुक्त स्थान उत्तर-पश्चिम दिशा है। 
 
8. अतिथि कक्ष : 
* अतिथि देवता के समान होता है तो उसका कक्ष उत्तर-पूर्व  (ईशान कोण) या उत्तर-पश्चिम (वाव्यव कोण) दिशा में ही होना चाहिए। यह मेहमान के लिए शुभ होता है।
 
9. भूमि का ढाल कैसा हो?
* पूर्व, उत्तर एवं ईशान की और जमीन का ढाल होना चाहिए।
* भूमि कैसी है और कहां है यह देखना जरूरी है। भूमि भी वास्तु अनुसार है तो आपके मकान का वास्तु और भी अच्छे फल देने लगेगा।
 
10. कहां हो आपका घर?
* आपका मकान मंदिर के पास है तो अति उत्तम। थोड़ा दूर है तो मध्यम और जहां से मंदिर नहीं दिखाई देता वह निम्नतम है। 
* मकान उस शहर में हो जहां 1 नदी, 5 तालाब, 21 बावड़ी और 2 पहाड़ हो। 
* मकान पहाड़ के उत्तर की ओर बनाएं। 
* मकान शहर के पूर्व, पश्‍चिम या उत्तर दिशा में बनाएं। 
* मकान के सामने तीन रास्ते न हों। अर्थात तीन रास्तों पर मकान न बनाए। 
* मकान के एकदम सामने खंभा या वृक्ष न हो। मकान अपनों के ही के पास बनाएं। * माकान ऐसी जगह हो जहां आसपास सज्जन या स्वजातीय के लोग रहते हों।
* शराब, मटन या अन्य अवैध गतिविधियों की जगह मकान ना हो।
* फैक्ट्री, भट्टी या मशिनरी कार्य जहां हो रहा हो वहां मकान ना हो।
 
अंत में एक बाद वैसे तो घर में पूजाघर नहीं होना चाहिए लेकिन यदि आप बनाना ही चाहते हैं तो ईशान की दिशा में घर से बाहर आंगन में बनाएं या उसका एक कमरा अलग ही रखें। इसके अलावा द्वार को देहरी सुंदर और सजावटी हो। दरवाजा और खिड़कियां दो पुड़ वाली हो। उचित हवा और प्रकाश के सुगम रास्ते हों।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Oldest religion in the world: दुनिया का सबसे पुराना धर्म कौनसा है?

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Mahabharat : महाभारत में जिन योद्धाओं ने नहीं लड़ा था कुरुक्षेत्र का युद्ध, वे अब लड़ेंगे चौथा महायुद्ध

Daan punya: यदि आप भी इस तरह से दान करते हैं तो कंगाल हो जाएंगे

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

19 मई 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Vaishakha Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा के दिन करें ये 5 अचूक उपाय, धन की होगी वर्षा

Shani sade sati: कब और किस समय शुरू होगी इन 3 राशियों पर शनि की साढ़े साती?

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

अगला लेख