वास्तु और त्रिशक्ति यंत्र : साल भर की खुशियों के लिए श्रावण में घर के बाहर लगाएं Trishakti Yantra

Webdunia
शुक्रवार, 15 जुलाई 2022 (15:32 IST)
Trishakti Yantra : यदि आपने श्रावण मास में घर के बाहार त्रिशक्ति यंत्र लगा लिया तो पूरे वर्ष खुशियां रहेगी आपके घर में। वास्तु अनुसार इस यंत्र से बुरी शक्तियों और बुरी नजर का घर पर असर नहीं होता है। यह यंत्र स्वास्तिक, ॐ और त्रिशूल से मिलकर बनता है।
 
तीनों का मिलाजुला रूप त्रिशक्ति यंत्र ( Tri Shakti Yantra ) : आजकल बाजार में स्वास्तिक, ॐ और त्रिशूल इन तीनों का मिलाजुला एक चिन्ह मिलता है। सबसे ऊपर त्रिशूल, बीच में ओम और अंत में स्वस्तिक। तीनों को मिलाकर बना यह चिन्ह द्वार के ऊपर लगाया जाता है। इससे लगाने से जहां बुरी नजर से, नकारात्मक शक्ति से और भूत प्रेतों से बचा जा सकता हैं वहीं इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है जिसके चलते घर में सुख, शांति और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है।
 
1. त्रिशूल ( Trishul ) : त्रिशूल 3 प्रकार के कष्टों दैनिक, दैविक, भौतिक के विनाश का सूचक भी है। यह तीनों तरह के कष्टों को मिटाकर व्यक्ति की हर तरह से रक्षा करता है।
 
2. ओम ( Om ) : ॐ अनहद नाद का प्रतीक है। ब्रह्मांड में इसी तरह का नाद लगातार गूंज रहा है। ॐ शब्द तीन ध्वनियों से बना हुआ है- अ, उ, म।यह तीनों ध्वनियां भू: लोक, भूव: लोक और स्वर्ग लोक का प्रतीक है।
 
3. स्वस्तिक ( Swastika ) : स्वस्तिक शब्द को 'सु' और 'अस्ति' दोनों से मिलकर बना है। 'सु' का अर्थ है शुभ और 'अस्तिका' अर्थ है होना यानी जिससे 'शुभ हो', 'कल्याण हो' वही स्वस्तिक है। द्वार पर और उसके बाहर आसपास की दोनों दीवारों पर स्वस्तिक को चिन्न लगाने से वास्तुदोष दूर होता है और शुभ मंगल होता है। इसे दरिद्रता का नाश होता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, रह जाएंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित

सूर्य की शत्रु ग्रह शनि से युति के चलते 4 राशियों को मिलेगा फायदा

असम में मौजूद है नॉर्थ ईस्ट का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, महाशिवरात्रि पर उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब

Mahashivaratri 2025: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, आरती और कथा सभी एक साथ

सभी देखें

नवीनतम

जानकी जयंती 2025: माता सीता का जन्म कब और कैसे हुआ था?

Mahashivratri 2025: कैसे करें महाशिवरात्रि का व्रत?

Aaj Ka Rashifal: इन 5 राशियों को मिलेगा आज कारोबार में अपार धनलाभ, पढ़ें 17 फरवरी का दैनिक भविष्यफल

17 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

17 फरवरी 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख