घर के वास्तु दोष को बिना तोड़-फोड़ के कैसे सुधारें : 10 Vastu Ideas

अनिरुद्ध जोशी
Vastu Dosh Nivaran : यदि आपका शौचालय, बाथरूम, किचन या बैठरूप किसी अनुचित दिशा में बन गया है या घर की दिशा ही गलत है तो आपके लिए यह परेशानी का कारण बन सकते है। ऐसे में बिना तोड़ फोड़ के आप किस तरह इस वास्तु दोष को दूर कर सकते हैं। आओ जानते हैं 10 वास्तु टिप्स।
 
 
1. शौचालय : यदि आपका शौचालय गलत दिशा में बन गया है तो आप उसके बाहर शिकार करते हुए शेर का चित्र लगा दें।
 
2. किचन : यदि आपका किचन गलत दिशा में बन गया है तो आप किचन स्टेंड के उपर यज्ञ करते हुए ऋषि या सिंदूरी गणेशजी की तस्वीर लगाएं।
 
3. बाथरूम : बाथरूम के वास्तुदोष को दूर करने के लिए वहां पर नीली बाल्टी और मग रखें और एक कटोरे में खड़ा नमक रखें।
 
4. शयन कक्ष : वैसे तो दक्षिण-पश्चिमी दिशा में होना चाहिए या उत्तर दिशा भी ठीक है लेकिन यदि शयन कक्ष अग्निकोण में हो तो पूर्व-मध्य दीवार पर शांत समुद्र का चित्र लगाना चाहिए। सिर हमेशा पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर ही रखना चाहिए।
 
5. ईशान दिशा : यदि ईशान दिशा में किसी भी प्रकार का दोष है तो आप इस दिशा को खाली करके इस दिशा में एक पीतल के बर्तन में जल भरकर रख दें या तुलसी का पौधा लगाकर उसमें नित्य जल देते रहें। पीतल के बर्तन का पानी नित्य बदलते रहें।
6. दक्षिण का घर : यदि आपका घर दक्षिण दिशा में है तो आप द्वारा से तीन गुनी दूरी पर नीम का पेड़ लगा सकते हैं परंतु किसी वास्तु शास्त्री से पूछकर। हालांकि आपके चाहते हैं पंचमुखी हनुमान की तस्वीर द्वार के उपर लगा सकते हैं या आदमकद आईना भी लगा सकते हैं।
 
7. एक ही सीध में हैं द्वार : यदि आपके मुख्‍य द्वार के बाद भीतर के द्वार भी एक ही सीध में हैं तो यह भी वास्तुदोष निर्मित करता है। इसके लिए घर में बीच वाले द्वार के मध्य मोटा परदा लगाएं या विंड चाइम लगाएं।
 
8. बेडरूम : मुख्य शयन कक्ष, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता हें, घर के दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या उत्तर-पश्चिम (वायव्य) की ओर होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं रहै तो आप पश्‍चिम या उत्तर में पैर करके सोएं और बेडरूम में राधा-कृष्ण या हंसों के जोड़े का सुंदर-सा मन को भाने वाला चित्र लगा सकते हैं। इसके अलावा हिमालय, शंख या बांसुरी के चित्र भी लगा सकते हैं। ध्यान रखें, उपरोक्त में से किसी भी एक का ही चित्र लगाएं।
 
9. बैठक रूम : बैठक रूम में घर के मुखिया की सीट के पीछे हरेभरे सुंदर पहाड़ या उड़ते हुए पक्षी का चित्र लगा सकते। बैठक रूम की पूर्वी दीवार को उगते हुए सूरज, फलों और फूलों की कुछ चित्रों द्वारा सजाया जा सकता है। यह मन में प्रसन्नता और ताजगी देता है। बैठक रूम में उत्तर और ईशान दिशा को छोड़कर कहीं भी सोफा सेट लगाएं। बैठक रूप में बैठते वक्त मुखिया का मुख या चेहरा द्वारा की ओर होना चाहिए।
 
10. स्टडी रूम : पूर्व, ईशा, उत्तर, वायव्य, पश्चिम और नैऋत्य में अध्ययन कक्ष बनाया जा सकता है। इसमें खासकर पूर्व, उत्तर और वायव्य उत्तम है। अध्ययन कक्ष का ईशान कोण खाली हो। अध्ययन कक्ष के वास्तु दोष को दूर करने के लिए यहां पर माता सरस्वती, वेदव्यास या तोता, हंस, मोर, वीणा, कलम, पुस्तक, जंपिंग फिश, डॉल्फिन, मछलियों के जोड़े, हरियाली या चहकते हुए पक्षियों का चित्र लगाएं। 

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