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Fact Check: क्या किसानों के समर्थन में 25 हजार सैनिकों ने लौटाए अपने शौर्य चक्र? जानिए पूरा सच

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, बुधवार, 16 दिसंबर 2020 (11:44 IST)
एक क्षेत्रीय भाषा के अखबार ने दावा किया है कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में भारतीय सेना के 25,000 सैनिकों ने अपने शौर्य चक्र पदक लौटा दिए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि नए किसान कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए ये पदक लौटाए गए हैं। यह मैसेज सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो रहा है।

क्या है सच-

रक्षा मंत्रालय ने किसान आंदोलन के समर्थन में 25,000 सैनिकों द्वारा शौर्य चक्र पदक वापस लौटाने की खबर का खंडन किया है। मंत्रालय ने वक्तव्य जारी कर कहा कि एक क्षेत्रीय भाषा के अखबार ने आज प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि किसान आंदोलन के समर्थन में 25,000 सैनिकों ने अपने शौर्य चक्र पदक वापस लौटा दिए हैं, जो कि पूरी तरह से गलत, निराधार और दुर्भावनापूर्ण है।

रक्षा मंत्रालय नेआगे बताया कि वर्ष 1956 से 2019 के बीच केवल 2,048 शौर्य चक्र पदक पुरस्कार स्वरूप दिए गए हैं। साथ ही, मंत्रालय ने मीडिया को सलाह दी है कि इस तरह के झूठे और दुर्भावनापूर्ण समाचारों से सावधानी बरतें, तथ्यों की जाँच करें और गलत समाचारों के प्रकाशन से बचें।



बताते चलें कि प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति अपना समर्थन दिखाते हुए पंजाब के कई प्रतिष्ठित नागरिकों ने हाल ही में पुरस्कार लौटाए हैं या इसकी घोषणा की है।

पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण लौटाया, राज्यसभा सांसद सुखदेव ढींडसा ने अपना पद्म भूषण लौटाया और बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कहा है कि वह अपना राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार लौटा देंगे।

पंजाब के मशहूर कवि सुरजीत पातर ने भी पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। पंजाब की कई खेल हस्तियों ने भी किसान आंदोलन के समर्थन में अपने पुरस्कार लौटाने की घोषणा की थी। इन खिलाड़ियों में पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड विजेता पहलवान करतार सिंह, अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित हॉकी खिलाड़ी राजबीर कौर, पूर्व राष्ट्रीय मुक्केबाजी कोच गुरबक्श सिंह संधू आदि शामिल हैं।

पंजाबी गायक एवं अभिनेता हरभजन मान ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए राज्य सरकार के ‘शिरोमणि पंजाबी’ पुरस्कार को अस्वीकार कर दिया था। वहीं, कृषि वैज्ञानिक डॉ। वरिंदरपाल सिंह ने भी हाल ही में प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए एक केंद्रीय मंत्री से पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया।

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