Hanuman Chalisa

Fact Check: क्या 5G टावर में वाकई मिली ये COV 19 चिप? जानिए वायरल VIDEO का सच

Webdunia
मंगलवार, 8 जून 2021 (12:34 IST)
(Photo:Screenshot of viral video)
देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर काफी हद तक काबू में आ गई है। दो महीनों से भी ज्यादा समय के बाद मंगलवार को देश में कोरोना के एक लाख से कम मामले दर्ज किए गए हैं। लेकिन कोरोना को लेकर अफवाहों का दौर अब भी जारी है। 5G तकनीक को कोरोना से जोड़ने वाली कई कांस्पिरेसी थ्योरीज सोशल मीडिया पर शेयर की जाती रही हैं। ऐसा ही दावा करते हुए एक वीडियो इन दिनों फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि 5G मोबाइल टावर में COVID-19 की चिप मिली है।

क्या है वायरल वीडियो में-

वीडियो शेयर करते हुए यूजर्स लिख रहे हैं- “5G टॉवर पे काम करने वाला लेबर है इस 5G टावर पर टैक्निकल खराबी पर रिपेयरिंग करना था और खास तौर पर मना किया गया था एक प्लेट को खोलकर नही देखना है उस ने हुक्म की खिलाफ उस प्लेट को खोलकर देखा तो उस मे Covid-19 की चिप नजर आई साफ जाहिर होता है के इंसानियत के खिलाफ कुछ साजिश है।”

इस वीडियो में एक शख्स नारंगी रंग का युनिफॉर्म और पीले रंग का हैट पहने नजर आता है। इस शख्स को कहते सुना जा सकता है कि उसे टावर में एक सर्किट बोर्ड मिला है, जिसपर “COV 19” लिखा हुआ है। वह वीडियो के आखिर में आश्चर्य जताते हुए कहता है कि 'मोबाइल टावर में इस तरह का सर्किट क्यों लगाया गया है?'

क्या है सच्चाई-

पड़ताल शुरू करते हुए हमने गूगल क्रोम के InVID टूल की मदद से वायरल वीडियो के कुछ कीफ्रेम्स निकाले। जिन्हें हमने गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। सर्च रिजल्ट में हमें हेडन प्रॉसी नाम के ट्विटर अकाउंट पर जुलाई 2020 में शेयर किया गया एक वीडियो मिला।

वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था- “कांस्पिरेसी थ्योरीज शुरू करना कितना आसान है?” 12 मिनट के इस वीडियो को हेडन प्रॉसी ने ही बनाया है। इसमें हेडन ने बताया कि किस तरह उन्होंने मोबाइल नेटवर्क इंजीनियर बनकर अफवाह फैलाई। हेडन ने एक सर्किट बोर्ड पर स्टिकर से COV 19 लिखा और 5G टावर के पास खड़े होकर वीडियो बनाया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।

हेडन प्रॉसी एक ब्रिटिश एक्टिविस्ट, जर्नलिस्ट और सटायरिस्ट हैं। हेडन ने इस वीडियो में बताया कि अफवाह फैलाना कितना आसान है, ये उन्होंने खुद एक वीडियो बनाकर साबित कर दिया। उन्होंने कहा कि इस वीडियो को बनाने का मकसद सिर्फ लोगों को अफवाहों से सचेत करना है।

वेबदुनिया की पड़ताल में सामने आया कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो को ब्रिटिश एक्टिविस्ट हेडन प्रॉसी ने अफवाहों से सचेत करने के लिए बनाया था।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

अमेरिका ने फिर खेला भारत के साथ खेल- कहा- ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को बड़ी सैन्य कामयाबी, पहलगाम हमले को बताया विद्रोही हमला

SIR पर संग्राम, ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को प्रक्रिया रोकने को क्यों कहा

नीतीश कुमार ने रचा कीर्तिमान, सबसे लंबे समय तक मुख्‍यमंत्री रहने का रिकॉर्ड तो किसी और के नाम है दर्ज

किसी बच्चे को मेरी तरह न झेलना पड़े, जीने की इच्छा खो बैठा हूं, ट्रेन के आगे कूदा 10वीं का छात्र, सुसाइड नोट में दिल दहलाने वाली बातें

Al-Falah University कैसे बनी आतंक का अड्डा, पढिए अब तक क्या क्या हुआ

सभी देखें

नवीनतम

आखिरी 45 मिनट में 5 बार शिक्षक के पास मांगी मदद, 18 महीने से ज्यादा समय तक किया परेशान

नीतीश कुमार मुख्‍यमंत्री तो बने पर ताकत कम हुई, गृह मंत्रालय अब भाजपा के पास

Labor Code : देश में 4 नए लेबर कोड लागू, समय पर सैलरी और मिनिमम वेतन देना होगा

अदालत कक्ष से आखिरी बार निकल रहा हूं, मगर पूरी संतुष्टि के साथ

stock market : 2 दिन से जारी तेजी पर लगा ब्रेक 400 अंक लुढ़का सेंसेक्स, निफ्टी 124 अंक टूटा

अगला लेख