शी जिनपिंग फिर सत्ता में आए तो भारत के लिए क्या बदलेगा?

Webdunia
बुधवार, 18 अक्टूबर 2017 (11:00 IST)
चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का अहम सम्मेलन बुधवार को शुरू हो गया। अगले पांच साल के लिए देश की कमान किसके हाथ में रहेगी और उसकी नीतियों की घोषणा की जाएगी। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह इस सम्मेलन के अंत में पार्टी के पोलित ब्यूरो की भी घोषणा हो जाएगी। इस समिति में देश को चलाने वाले नीति-निर्माता शामिल होते हैं।
 
उम्मीद की जा रही है कि शी जिनपिंग देश के नेता बने रहेंगे और उनके राजनीतिक सिद्धांतों को पार्टी के चार्टर में शामिल कर लिया जाएगा। इसके बाद वो माओ जेडोंग और डेंग शियाओपिंग जैसे पूर्व नेताओं को समकक्ष हो जाएंगे। बीबीसी ने इसी मुद्दे पर बीजिंग में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार अतुल अनेजा से बात की।
 
अतुल अनेजा का नज़रिया
अपने शुरुआती भाषण में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बीते पांच साल की उपलब्धियां गिनाई और अगले पांच साल की योजनाओं के बारे में बताया। इसके बाद इसके ऊपर बहस होगी। इस कॉन्फ्रेंस में 2287 डेलीगेट्स हिस्सा ले रहे हैं। ये लोग मिलकर एक सेंट्रल कमिटी चुनेंगे। सेंट्रल कमिटी से 25 सदस्यों वाला पोलित ब्यूरो बनाया जाएगा।
 
इस पोलित ब्यूरो से सात लोगों की स्टैंडिंग कमिटी बनेगी जो चीन की एक बेहद ताकतवर संस्था मानी जाती है। इस वक्त चीन का रणनीतिक फोकस 2021 पर है। साल 2021 में कम्युनिस्ट पार्टी अपने 100 बरस पूरे कर रही है। तब तक पार्टी समृद्ध चीन के नारे पर जोर देती रहेगी। साल 2049 में पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना के सौ साल पूरे होने जा रहे हैं। वे उस समय तक आधुनिक समाजवादी राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं।
 
भारत पर असर?
फिलहाल ये कहना मुश्किल है कि शी जिनपिंग के फिर से सत्ता में आने का कोई सीधा असर पड़ने जा रहा है। लेकिन चीन ने अपने आर्थिक विकास और सामुद्रिक नीति का जो एजेंडा तय किया है, उससे लगता है कि हिंद महासागर में उनका असर बढ़ेगा। चीन की सप्लाई लाइन हिंद महासागर के रास्ते आती है, वो चाहे उनका ट्रेड हो, कच्चा तेल हो या फिर कच्चा माल।
 
इसलिए भारत और चीन के बीच हिंद महासागर एक मुद्दा बनने जा रहा है। इस सवाल पर दोनों देशों के बीच बातचीत भी हुई है। भारत का कहना है कि अगर हिंद महासागर में चीनी नौसेना की मौजूदगी बढ़ती है तो उसे ये भरोसा चाहिए कि ये भारतीय हितों के ख़िलाफ़ नहीं होगा।
 
भारत की चिंता
शी जिनपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन में दुनिया के बड़े फलक पर चीन की भूमिका के संकेत दिए हैं। जिस राइजिंग चीन की बात की जा रही है, उसमें साउथ चाइना सी और हिंद महासागर में चीनी नौसेना के बढ़ते असर को लेकर भारत की चिंता लाजिम है।
 
चीन की वन बेल्ट वन रोड परियोजना में नेपाल, मालदीव, पाकिस्तान, श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों की भागीदारी है। अभी तक हमने देखा है कि चीन के साथ इन देशों की पार्टनरशिप बढ़ी है और आने वाले समय में भी ये जारी रहेगी। इन सब के बीच चीन और भारत किस तरह से अपने रणनीतिक हितों को मैनेज करते हैं, दोनों देशों के सामने यही बड़ी चुनौती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

निशानेबाज योगी! सटीक निशाना साधकर मुख्यमंत्री ने लोगों को चौंकाया

EPFO Pension को लेकर बड़ी खबर, लाखों पेंशनधारकों को होगा फायदा

बधाई हो देवा भाऊ, शिवसेना UBT ने क्‍यों की फडणवीस की तारीफ

दिल्ली के अशोक विहार में नरेन्द्र मोदी को याद आया आपातकाल

भारतीय Smartphone Market होगा 50 अरब डॉलर पार, रिपोर्ट में सामने आए आंकड़े

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

नए साल पर सस्ता हुआ iphone 16, जानिए कितने घटे दाम

Vivo Y29 5G : सस्ते स्मार्टफोन में महंगे फोन के फीचर्स

Realme 14x : IP69 रेटिंग वाला सबसे सस्ता फोन, 6000mAh बैटरी के साथ धमाकेदार फीचर्स

भारत में S25 की कीमत क्या होगी, Samsung Galaxy S25 series को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

200MP कैमरा और 6000mAh बैटरी, Vivo X200 सीरीज भारत में लॉन्च, यह रहेगी कीमत

अगला लेख