सोने-चांदी के पात्र पूजा में शुभ होते हैं, जानिए क्या है खास बात

Webdunia
धर्मग्रंथों में सोने को सर्वश्रेष्ठ धातु स्वीकार किया गया है। इसी कारण देवी-देवताओं की मूर्तियां, आभूषण, सिंहासन आदि सोने से बनाए जाते हैं या सोने का आवरण चढ़ाया जाता है।
 
सोने को कभी जंग नहीं लगता और न ही यह धातु विकृत होती है। इसकी कांति सदा बनी रहती है जिस कारण इसे पवित्र माना जाता है।
 
इसी तरह चांदी को भी पवित्र धातु माना गया है। सोना-चांदी आदि धातुएं केवल जल अभिषेक से ही शुद्ध हो जाती है।
 
आयुर्वेद के अनुसार सोना बल और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है। यद्यपि मंदिरों में तांबा, पीतल और कांसे के पात्र भी उपयोग में लाए जाते हैं, किंतु एल्युमीनियम, लोहा और स्टील के पात्र पूजा-अर्चना में पूर्णतया वर्जित हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा क्या है, कहां से कहां तक होती है, क्या है इसका महत्व?

नीम में शक्ति है शनि और मंगल को काबू में करने की, 10 फायदे

जगन्नाथ मंदिर जाने का बना रहे हैं प्लान तो वहां जाकर जरूर करें ये 5 कार्य

मंगल का सिंह राशि में गोचर, 3 राशियों के जीवन में होगा मंगल

चीन से निकलने वाली ब्रह्मपुत्र नदी के बारे में 10 खास जानकारी

सभी देखें

नवीनतम

12 जून 2025 : आपका जन्मदिन

12 जून 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

क्या फिर कहर बरपाएगा कोरोना, क्या है जापानी बाबा वेंगा की भविष्यवाणी

शीघ्र विवाह बंधन में बंधना चाहते हैं आजमाएं ये 5 प्रभावी उपाय

मांगलिक दोष शुभ या अशुभ, जानें इसके फायदे और ज्योतिषीय उपाय

अगला लेख