Dharma Sangrah

निर्जला एकादशी का शुभ संदेश : जल ग्रहण नहीं करें जल का संग्रहण करें

Webdunia
ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है। इस बार निर्जला एकादशी पर गुरुवार होने से शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष  विद्वानों के अनुसार यह संयोग छह वर्ष बाद बन रहा है। इस दिन लोग निर्जल व्रत रखकर विधि-विधान से दान करते हैं। एकादशी व्रत विशेष रूप से  जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु के निमित्त किया जाता है। यह व्रत जीवन में सर्व समृद्धि देने वाला और सदगति प्रदान करने वाला माना गया है।  वर्ष भर में कुल 24 एकादशी आती हैं, पर निर्जला एकादशी को सभी एकादशियों में श्रेष्ठ माना गया है।
 
इस बार निर्जला एकादशी और गुरुवार का शुभ संयोग बन रहा है। गुरुवार भगवान विष्णु को सबसे ज्यादा प्रिय दिन है, इसलिए इस दिन को ही भगवान विष्णु की पूजा के लिए सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। निर्जला एकादशी का व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। 
 
 महाभारतकाल में महर्षि वेदव्यास ने भीम को निर्जला एकादशी व्रत का महत्व बताया था। इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। यह व्रत हमें जल संरक्षण का संदेश देता है। इस दिन जल को ग्रहण नहीं किया जाता है, प्रतीकात्मक रूप से यह संदेश है कि जल को बचाया जाए, ग्रहण तब ही करें जब संग्रहण और संरक्षण कर सकते हैं। हमारी संस्कृति में जल को वरूण देवता माना गया है।

भीषण गर्मी में बिना पानी के रहने का यह व्रत बताता है कि पानी की हर बूंद का महत्व क्या है यह इसके बिना रहकर ही जाना जा सकता है। 

भगवान शिव ने कहा है मैं स्वयं जल हूं। अत: जल की सुरक्षा के इस शुभ पर्व पर हमें भी अपनी जिम्मेदारी तय करना चाहिए।  
 
इस व्रत में प्रातः काल स्नान आदि से निवृत होकर मन में भगवान विष्णु के निमित्त व्रत का संकल्प करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। संध्याकाल में व्रत का पारायण करें। अगर निर्जला एकादशी का व्रत न भी कर पाएं तो इस दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान अवश्य करें। इस दिन विशेष रूप से जल का दान करना सबसे श्रेष्ठ माना गया है। भोजन और खाद्य पदार्थों का दान भी कर सकते हैं। निर्जला एकादशी पर व्रत करने और दान करने से जीवन में समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य, वैभव और परिवार में शांति की प्राप्ति होती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Diwali 2025: दिवाली की रात छिपकली देखना शुभ या अशुभ

Govatsa Dwadashi 2025: गोवत्स द्वादशी कब है? जानें व्रत के नियम, मुहूर्त, पूजा विधि और पौराणिक कथा

Shukra Gochar: शुक्र का कन्या राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल

Diwali pushya nakshatra 2025: दिवाली के पहले पुष्य नक्षत्र कब है, 14 या 15 अक्टूबर 2025?

Mangal gochar 2025: धनतेरस के बाद मंगल का वृश्चिक राशि में प्रवेश, 27 अक्टूबर से इन 4 राशियों का 'गोल्डन टाइम' शुरू

सभी देखें

नवीनतम

13 October Birthday: आपको 13 अक्टूबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 13 अक्टूबर, 2025: सोमवार का पंचांग और शुभ समय

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (12 अक्टूबर, 2025)

12 October Birthday: आपको 12 अक्टूबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 12 अक्टूबर, 2025: रविवार का पंचांग और शुभ समय

अगला लेख