श्रावण शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग : 15 अगस्त को रक्षा बंधन पर्व

पं. हेमन्त रिछारिया
'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए 'पाक्षिक पंचांग' श्रृंखला में प्रस्तुत है श्रावण शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग- 
 
पाक्षिक पंचांग : श्रावण शुक्ल पक्ष

संवत्सर- परिधावी
 
संवत्- 2076
 
शक संवत्- 1941
 
माह- श्रावण
 
पक्ष- शुक्ल पक्ष (1 से 15 अगस्त तक)
 
ऋतु- वर्षा
 
रवि- उत्तरायणे
 
गुरु तारा- उदितस्वरूप
 
शुक्र तारा- अस्तस्वरूप
 
सर्वार्थ सिद्धि योग- 4 अगस्त, 8 अगस्त, 9 अगस्त, 11 अगस्त
 
अमृत सिद्धि योग- अनुपस्थित
 
द्विपुष्कर योग- 6 अगस्त
 
त्रिपुष्कर योग- अनुपस्थित
 
रविपुष्य योग- अनुपस्थित
 
गुरुपुष्य योग- अनुपस्थित
 
एकादशी- 11 अगस्त (पुत्रदा एकादशी व्रत)
 
प्रदोष- 12 अगस्त (सोम प्रदोष)
 
भद्रा- 4 अगस्त (उदय-अस्त), 7 अगस्त (उदय-अस्त), 10 अगस्त (उदय)-11 अगस्त (अस्त), 14 अगस्त (उदय- अस्त)
 
पंचक- 15 अगस्त से प्रारंभ
 
मूल- 9 अगस्त से प्रारंभ, 11 अगस्त को समाप्त
 
पूर्णिमा- 15 अगस्त (श्रावणी)
 
ग्रहाचार- सूर्य- कर्क, चंद्र- (सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल- कर्क (8 अगस्त की रात्रि से सिंह राशि में), बुध- कर्क, गुरु- वृश्चिक, शुक्र- कर्क, शनि- धनु, राहु- मिथुन, केतु- धनु
 
व्रत/त्योहार- 2 अगस्त- स्वामी करपात्री जयंती, 3 अगस्त- मधुश्रवा तीज (झूला तीज), स्वर्ण गौरी व्रत, 5 अगस्त- नाग पंचमी (तक्षक पूजा), 7 अगस्त- तुलसीदास जयंती, 15 अगस्त- श्रावणी उपाकर्म/ रक्षा बंधन। 
 
(विशेष- उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।)
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया 
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र 
संपर्क : astropoint_hbd@yahoo.com
 
ALSO READ: धन, सुख-संपदा और ऐश्वर्य चाहिए तो पढ़ें श्री कनकधारा स्तोत्र का दिव्य पाठ (हिन्दी अर्थ सहित)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

सावन सोमवार से संबंधित आरती चालीसा सहित महत्वपूर्ण जानकारी

कैलाश मानसरोवर भारत का हिस्सा क्यों नहीं है? जानिए कब और कैसे हुआ भारत से अलग?

देवशयनी एकादशी की पूजा, उपाय, व्रत का तरीका, मंत्र और महत्व

नागपंचमी का त्योहार कब मनाया जाएगा, पूजा का शुभ मुहूर्त जानिए

अमरनाथ यात्रा में रखें ये 5 सावधानियां, यात्रा रहेगी पूर्ण सुरक्षित

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: 05 जुलाई का दैनिक राशिफल, आज का दिन चमकाएगा आत्मविश्वास का सितारा

05 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

पंचांग का ज्ञान, 7 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच क्या होने वाला है?

05 जुलाई 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

आषाढ़ी शुक्ल नवमी को क्यों कहते हैं भड़ली नवमी?

अगला लेख