शनि वक्री : शनि की दृष्टि से बचने के लिए सटीक हैं 8 शुभ दान, 7 उपाय और 5 मंत्र

Webdunia
सोमवार, 6 जून 2022 (11:13 IST)
Shani vakri 2022 : 5 जून 2022 से शनि ग्रह कुंभ राशि में वक्री चाल चलेंगे जो 23 अक्टूबर तक इसी वक्री अवस्था में ही गोचर करेंगे। करीब 141 दिन तक शनि ग्रह वक्री रहेंगे। शनि की वक्री चाल से बचने के लिए 8 शुभ दान, 7 उपाय और 5 मंत्र।
 
 
शनि की वक्री दृष्‍टि से बचाव के 7 उपाय :-
1. शनिग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सर्वप्रथम हनुमानजी की पूजा करें।
 
2. शनि की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप भी कर सकते हैं।
 
3. कौवे, भैंस या कुत्ते को प्रतिदिन रोटी खिलावें।
 
4. छायादान करें, अर्थात कटोरी में थोड़ा-सा सरसो का तेल लेकर अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में अपने पापों की क्षमा मांगते हुए रख आएं।
 
5. अंधे-अपंगों, सेवकों और सफाईकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखकर उन्हें दान करने से भी शनि ग्रह के शुभ प्रभाव प्रारंभ हो जाते हैं। मंदिर के बाहर बैठे गरीबों को भोजन कराएं और काला सफेद कंबल दान करें।
 
6. शनि ग्रह को शुभ करने के लिए भगवान भैरव की उपासना करें। भैरव महाराज को कच्चा दूध चढ़ाएं। भैरव महाराज के समक्ष शराब छोड़कर उन्हें शराब अर्पित करने से भी शनि के शुभ प्रभाव प्रारंभ हो जाते हैं।
 
7. दांत साफ रखें। नशा न करें। पेट साफ रखें।
lord shani dev
8 शुभ दान : तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ, और जूता दान देना चाहिए।
 
5 शनि मंत्र : 
1. सामान्य मंत्र : ॐ शं शनैश्चराय नमः।
 
2. शनि बीज मंत्र : ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
 
3. वैदिक मंत्र :  ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
 
4. शनि का तंत्रोक्त मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:। या ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
 
5. शनि गायत्री मंत्र : ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

वृश्चिक संक्रांति का महत्व, कौनसा धार्मिक कर्म करना चाहिए इस दिन?

Indian Calendar 2025 : जानें 2025 का वार्षिक कैलेंडर

December Month Festival Calendar : दिसंबर पर्व एवं त्योहार 2024

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Surya in vrishchi 2024: सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर, 4 राशियों के लिए बहुत ही शुभ

सभी देखें

नवीनतम

16 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

16 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

काल भैरव जयंती पर करें मात्र 5 उपाय, फिर देखें चमत्कार

अगला लेख