Biodata Maker

वरलक्ष्मी व्रत 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

WD Feature Desk
गुरुवार, 7 अगस्त 2025 (10:30 IST)
Varalakshmi Vratham 2025 Timings: वरलक्ष्मी व्रत, जिसे वरलक्ष्मी पूजा के नाम से भी जाना जाता है, माता लक्ष्मी को समर्पित एक पवित्र हिन्दू पर्व है। यह व्रत विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा अपने परिवार की सुख-समृद्धि, सौभाग्य और ऐश्वर्य के लिए रखा जाता है।ALSO READ: 16 अगस्त को होगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानें क्यों और कैसे मनाएं?

यह माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से देवी वरलक्ष्मी की पूजा करने से धन, ऐश्वर्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार श्रावण मास की चतुर्दशी तिथि और श्रावण पूर्णिमा से पहले पड़ने वाला वरलक्ष्मी व्रत धन एवं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की पूजा का एक खास और सर्वाधिक महत्वपूर्ण अवसर है। यह देवी भगवान श्रीविष्णु की पत्नी वरलक्ष्मी, देवी महालक्ष्मी के रूपों में से एक हैं। 
 
आइए जानते हैं कि साल 2025 में यह व्रत कब है, इसका शुभ मुहूर्त क्या है और इसकी पूजा विधि क्या है... 
 
When is Varalakshmi Vrat 2025 | वरलक्ष्मी व्रत 2025 की तिथि:
साल 2025 में वरलक्ष्मी व्रत शुक्रवार, 8 अगस्त, 2025 को मनाया जाएगा। यह व्रत सावन मास की पूर्णिमा से पहले आने वाले आखिरी शुक्रवार को रखा जाता है।
 
वरलक्ष्मी व्रत 2025 के शुभ मुहूर्त: Varalakshmi Vrat 2025 shubh muhurat
इस व्रत की पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त होते हैं, जो इस प्रकार हैं- 
 
- सिंह लग्न पूजा मुहूर्त: सुबह 06:58 से 09:06 बजे तक।
अवधि- 02 घंटे 08 मिनट्स
- वृश्चिक लग्न पूजा मुहूर्त: अपराह्न 01:24 से 03:38 बजे तक।
अवधि - 02 घंटे 14 मिनट्स
- कुम्भ लग्न पूजा मुहूर्त: शाम 07:33 से 09:10 बजे तक।
अवधि - 01 घंटा 37 मिनट्स
- वृषभ लग्न पूजा मुहूर्त: मध्यरात्रि 12:28 से 09 अगस्त को सुबह 02:28 बजे तक।
अवधि - 02 घंटे 00 मिनट्स
 
वरलक्ष्मी व्रत 2025 की पूजा विधि:Varalakshmi Vrat puja vidhiALSO READ: यहां पर आदिवासी समाज साढ़े 3 माह तक मनाते हैं राखी का पर्व
 
1. व्रत की तैयारी: वरलक्ष्मी व्रत रखने से एक दिन पहले घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
 
2. कलश स्थापना: एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। उस पर कलश स्थापित करें, जिसमें चावल या जल भरकर, आम के पत्ते लगाकर नारियल रखें।
 
3. देवी की मूर्ति: मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें (आप विशेष रूप से वरलक्ष्मी मुख का भी उपयोग कर सकते हैं)। उन्हें सुंदर वस्त्र, आभूषण और फूलों से सजाएं।
 
4. पूजा और पाठ: देसी घी का दीपक जलाकर मां लक्ष्मी का आवाहन करें। वरलक्ष्मी व्रत कथा का पाठ करें और लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली या श्रीसूक्त का पाठ करें।
 
5. भोग और आरती: मां लक्ष्मी को फल, खीर और मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
 
6. व्रत का समापन: अगले दिन कलश का जल तुलसी के पौधे में या किसी पवित्र स्थान पर डालें। नारियल को प्रसाद के रूप में बांटें।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: भाई के कौन से हाथ में बांधना चाहिए राखी?

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

बाबा वेंगा भविष्यवाणी 2026: महायुद्ध, आर्थिक संकट और सोने के दाम? जानें बुल्गारियाई भविष्यवक्ता की 4 सबसे बड़ी चेतावनियां

Vivah Panchami upaay : विवाह पंचमी पर किए जाने वाले 5 मुख्य उपाय

Money Remedy: घर के धन में होगी बढ़ोतरी, बना लो धन की पोटली और रख दो तिजोरी में

Margashirsha month: धर्म कर्म के हिसाब से मार्गशीर्ष महीने का महत्व और मोक्ष मार्ग के उपाय

Baba Vanga Prediction: बाबा वेंगा की भविष्यवाणी: साल खत्म होते-होते इन 4 राशियों पर बरसेगी माता लक्ष्मी की कृपा

सभी देखें

नवीनतम

16 November Birthday: आपको 16 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 16 नवंबर, 2025: रविवार का पंचांग और शुभ समय

Saptahik Rashifal: साप्ताहिक राशिफल, नवंबर 2025: जानें किस्मत, करियर, प्रेम और स्वास्थ्य का सटीक भविष्यफल

Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या के उपायों से जीवन में बनेगा एक नई शुरुआत का संयोग, जानें 8 प्रमुख उपाय

Astrology 2026: सूर्य गोचर 2026 की मुख्य तिथियां

अगला लेख