Dharma Sangrah

धूमकेतु किसे कहते हैं, जानिए रहस्य

अनिरुद्ध जोशी
शनिवार, 23 मई 2020 (11:53 IST)
अंतरिक्ष में दो तरह के पिंड घूम रहे हैं, एक उल्कापिंड और दूसरा धूमकेतु। धूमकेतु को पुच्छल तारा भी कहते हैं। इसके पीछे जलती हुई पूंछ दिखाई देती है इसलिए इसे पुच्छल तारा भी कहते हैं। उल्कापिंड की अपेक्षा धूमकेतु ज्यादा तेजी से घूमते हैं। हमारे सौर मंडल के अंतिम छोर पर अरबों धूमकेतु सूर्य का चक्कर लगा रहे हैं।
 
धूमकेतु के चार भाग है। पहला नुक्लेओस जो बर्फ, गैस और धूल के मिश्रण से बना होता है। दूसरा हाइड्रोजन के बादल, तीसरा धूल का गुब्बार, चौथा कोमा जो पानी, कार्बन डाइऑक्साइड और दूसरे गैसों के मिश्रण से बने घने बादलों के समुह होते हैं। पांचवां आयन टेल अर्थात पूंछ जो सूर्य के संपर्क में आने पर ही निर्मित होती है। यह पूंछ जो प्लाज्मा और किरणों से भरी हुई होती हैं।
 
धूमकेतु को सूर्य की एक परिक्रमा करने में हजारों और कभी-कभी लाखों वर्ष लग जाते हैं। हालांकि कुछ धूमकेतु ऐसे भी हैं जिन्हें 100 या सैंकड़ों वर्ष लगते हैं। इनमें से कुछ धुमकेतु का आकार कुछ किलोमीटर के एक पिंड के बराबर होता है तो कुछ चंद्रमा के बराबर तक के होते हैं और जब ये परिक्रमा करते हुए सूर्य के निकट आ जाते हैं तो बहुत गर्म हो जाते हैं और गैस एवं धूल को फैलाते हैं जिसके कारण विशालकाय चमकती हुई पिंड का निर्माण हो जाता है जो धरती बराबर के ग्रहों की तरह दिखाई देते हैं।
 
धूमकेतु जब सूर्य के नजदीक होते हैं जो जलने लगते हैं और फिर इनका सिर एक चमकते हुए तारे जैसा नजर आता है और पूंछ अतिचमकीली जलती हुई नजर आती है। सिर इनका नाभिक होता है। मतलब केंद्र होता है। फिर जब ये सूर्य से दूर चले जाते हैं तो फिर से यह ठोस रूप लेकर धूल और बर्फ पुन: नाभिक में जम जाती है। जिसके कारण इनकी पूंछ छोटी होती जाती है और अक्सर यह पूंछ विहीन हो जाते हैं।
 
कहते हैं कि 6.5 करोड़ वर्ष पहले पृथ्वी से डायनासोर समेत 70 प्रतिशत जीव-जंतुओं का सफाया करने वाला आकाशीय पिंड उल्का पिंड नहीं बल्कि धूमकेतु था। इससे धरती से टकराकर सभी विशालकाय जीव जंतुओं का सफाया कर दिया था।
 
प्रत्येक धूमकेतु के लौटने का निश्चित समय होता है। सबसे प्रसिद्ध हैली का धूमकेतु अंतिम बार 1986 में दिखाई दिया था। अगली बार यह 1986+76 = 2062 में दिखाई देगा। हैली धूमकेतु का परिक्रमण काल 76 वर्ष है। जिनका जन्म 1970 या 71 या इसके पहले हुआ है उन्होंने ये धूमकेतु जरूर देखा होगा। धुमके‍तुओं का नाम उनके खोजकर्ताओं के नाम पर रखा जाता है जैसे हैली का नाम खगोलशास्त्री एडमंड हैली के नाम पर रखा गया था।
 
सोर्स : एजेंसियां

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

बाबा वेंगा भविष्यवाणी 2026: महायुद्ध, आर्थिक संकट और सोने के दाम? जानें बुल्गारियाई भविष्यवक्ता की 4 सबसे बड़ी चेतावनियां

Vivah Panchami upaay : विवाह पंचमी पर किए जाने वाले 5 मुख्य उपाय

Money Remedy: घर के धन में होगी बढ़ोतरी, बना लो धन की पोटली और रख दो तिजोरी में

Margashirsha month: धर्म कर्म के हिसाब से मार्गशीर्ष महीने का महत्व और मोक्ष मार्ग के उपाय

Baba Vanga Prediction: बाबा वेंगा की भविष्यवाणी: साल खत्म होते-होते इन 4 राशियों पर बरसेगी माता लक्ष्मी की कृपा

सभी देखें

नवीनतम

16 November Birthday: आपको 16 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 16 नवंबर, 2025: रविवार का पंचांग और शुभ समय

Saptahik Rashifal: साप्ताहिक राशिफल, नवंबर 2025: जानें किस्मत, करियर, प्रेम और स्वास्थ्य का सटीक भविष्यफल

Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या के उपायों से जीवन में बनेगा एक नई शुरुआत का संयोग, जानें 8 प्रमुख उपाय

Astrology 2026: सूर्य गोचर 2026 की मुख्य तिथियां

अगला लेख