Dharma Sangrah

क्या शनिदेव सभी को दण्ड व कष्ट देते हैं...!

पं. हेमन्त रिछारिया
सोमवार, 31 मार्च 2025 (16:15 IST)
Justice Lord Shani: ज्योतिष शास्त्र के फलित में शनि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शनि को शास्त्रानुसार सूर्यपुत्र एवं दण्डाधिकारी माना गया है। शनिदेव का नवग्रहों में महत्वपूर्ण स्थान है। शनि न्यायाधिपति भी हैं जो जीव को अपने कर्मानुसार कर्मफल या कर्मदण्ड देने उसके जीवन में शनि की दशा के रूप में आते हैं। इन दशाओं को शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या के नाम से जाना जाता है।ALSO READ: मीन राशि में शनि का उदय, 4 राशियों को होगा बड़ा फायदा
 
शनि मन्द गति से चलने वाले ग्रह हैं उनकी इस धीमी गति के कारण उनका एक नाम शनैश्चर भी है। शनि एक राशि में सर्वाधिक ढाई वर्षों तक रहते हैं। शनि का नाम सुनते ही जनमानस के मन-मस्तिष्क में भय व्याप्त होने लगता है, लेकिन क्या शनिदेव सभी जातकों कष्ट व पीड़ा देते हैं? 
 
नहीं; ऐसा कदापि नहीं है, शनिदेव की कृपा से जातक उच्च न्यायाधिकारी, धनाढ्य व्यापारी, एवं शीर्ष स्तर का राजनेता भी बन सकता है। 
 
आइए जानते हैं वे कौन सी ग्रहस्थितियां व ग्रहयोग होते हैं जिनमें शनिदेव लाभदायक सिद्ध होते हैं।
 
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि दो राशियों क्रमश: मकर एवं कुंभ के अधिपति होते हैं। अब यदि जातक के लग्नानुसार ये दोनों राशियां केन्द्र में हो अर्थात् शनि दो केन्द्रों के भावाधिपति होकर शुभ स्थानों केन्द्र, त्रिकोण या लाभ स्थान में स्थित हों तो ऐसे जातकों को शनिदेव आशातीत लाभ प्रदान करते हैं। ऐसे जातकों को शनि की महादशा, अंतर्दशा, ढैय्या, साढ़ेसाती और योगिनी दशा में अपने जीवन की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियां प्राप्त होती हैं।ALSO READ: शनि का मीन राशि में परिवर्तन, जानें 12 राशियों पर प्रभाव, करें ये उपाय
 
- यदि शनि पंचमहापुरुष राजयोगकारक हैं तब भी वे जातक के लिए लाभप्रद सिद्ध होते हैं। पंचमहापुरुष राजयोग की गणना ज्योतिष शास्त्र के सर्वोत्तम राजयोगों में होती है। पंचमहापुरूष राजयोग तब बनता है जब शनि, मंगल, बृहस्पति, बुध एवं शुक्र अपनी स्वराशि या उच्चराशिस्थ होकर केन्द्र में स्थित हों। शनि से बनने वाले पंचमहापुरुष राजयोग को 'शश' नामक पंचमहापुरुष राजयोग कहा जाता है। 
 
यदि किसी जातक की जन्मपत्रिका में 'शश' नामक पंचमहापुरुष राजयोग बना है, तब उस जातक के लिए शनिदेव अतीव शुभ व लाभदायक सिद्ध होते हैं। ऐसे जातक को शनि की दशाओं में विशेष लाभ होता है।
 
- यदि शनि लग्नेश होकर केन्द्र, त्रिकोण या एकादश जैसे शुभ स्थान में स्थित हों तब भी शनिदेव जातकों के लिए लाभदायक व शुभ होते हैं।

आइए जानते हैं वे कौन से जातक होते हैं जिनके लिए शनि शुभ एवं लाभदायक सिद्ध होते हैं।
 
मेष, वृषभ व तुला लग्न के जातकों के लिए शनिदेव होते है विशेष शुभ- जैसा कि पूर्व में बताया जा चुका है कि जिन लग्नों में शनि दो केन्द्रों के भावाधिपति होकर शुभ स्थानों केन्द्र, त्रिकोण या लाभ स्थान में स्थित हों तो ऐसे जातकों को शनिदेव आशातीत लाभ प्रदान करते हैं। 
 
मेष लग्न में शनि दशम् व एकादश के अधिपति होने से केन्द्र व लाभ भाव के अधिपति होते हैं। वृषभ लग्न के लिए शनि नवम् व दशम् के भावाधिपति होते हैं जो त्रिकोण एवं केन्द्र स्थान हैं। तुला लग्न में शनि चतुर्थ एवं पंचम् होने से पुन: केन्द्र व त्रिकोण के अधिपति बन जाते हैं।

अत: इन तीनों लग्नों के जातकों की जन्मपत्रिका में यदि शनि शुभ स्थानों में स्थित हैं और उन पर किसी ग्रह का पाप प्रभाव नहीं है तो इन तीनों लग्नों के जातकों के लिए शनि शुभ व लाभप्रद होते हैं। 
 
इन तीन लग्नों के अतिरिक्त मकर एवं कुंभ लग्न के जातकों के लिए भी शनिदेव लग्नेश होने से शुभ होते हैं।यदि वे जन्मपत्रिका में शुभ स्थानों में स्थित हों और उन पर किसी ग्रह का पाप प्रभाव ना हो। अत: उपर्युक्त ज्योतिषीय तथ्यों से यह सुस्पष्ट है कि शनिदेव सभी जातकों के लिए अशुभ एवं कष्टकारक नहीं होते हैं।
 
(विशेष-उपर्युक्त विश्लेषण में जिन लग्नों व ग्रह योगों का वर्णन किया गया है वह केवल शनि के सन्दर्भ में है। जातक की जन्मपत्रिका में बन रहे अन्य शुभाशुभ ग्रहयोगों से फलित में न्यूनाधिक परिवर्तन होना संभव है।)
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
 
ALSO READ: इन तीन तारीखों पर जन्मे लोगों पर शनि देव रहते हैं मेहरबान, दुनिया जीतने का रखते हैं दम

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा पर कौनसा दान रहेगा सबसे अधिक शुभ, जानें अपनी राशिनुसार

Bhishma Panchak 2025: भीष्म पंचक क्या होता है, क्यों लगता हैं, जानें पंचक की तिथियां

Monthly Horoscope November 2025: नवंबर 2025: क्या आपकी राशि के लिए खुलेंगे धन-समृद्धि के द्वार? पढ़ें मासिक राशिफल

Shukra gochar 2025: शुक्र का तुला राशि में गोचर, 2 राशियों को रहना होगा सतर्क

Guru gochar 2025: बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा लाभ ही लाभ, चमक जाएगी किस्मत

सभी देखें

नवीनतम

When is Dev Diwali: देव दिवाली कब हैं- देव उठनी एकादशी पर या कार्तिक पूर्णिमा पर?

T Point House Vastu Tips: टी’ पॉइंट वाला घर लेना शुभ या अशुभ, जानें बर्बाद होंगे या आबाद

kartik purnima kab hai: कार्तिक पूर्णिमा कब है?

Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और पौराणिक कथा

Dev Diwali 2025: देव दिवाली पर 5 जगहों पर करें दीपदान, देवता स्वयं करेंगे आपकी हर समस्या का समाधान

अगला लेख