Kaal Bhairav Jayanti 2020 : महाकाल भैरव स्तोत्र का संपूर्ण पाठ यहां पढ़ें

Webdunia
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार महाकाल भैरव स्तोत्र अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है। भैरव अष्‍टमी, भैरव जयंती अथवा प्रति रविवार या बुधवार के दिन इसका पाठ करने से हर आपदा दूर होती है और ऐसे लाभ मिलते हैं कि व्यक्ति अचरज करने लगता है...। आइए पढ़ें चमत्कारी महाकाल भैरव स्तोत्र-  
 
ॐ महाकाल भैरवाय नम:
 
जलद् पटलनीलं दीप्यमानोग्रकेशं, 
त्रिशिख डमरूहस्तं चन्द्रलेखावतंसं!
 
विमल वृष निरुढं चित्रशार्दूळवास:, 
विजयमनिशमीडे विक्रमोद्दण्डचण्डम्!!
 
सबल बल विघातं क्षेपाळैक पालम्, 
बिकट कटि कराळं ह्यट्टहासं विशाळम्!
 
करगतकरबाळं नागयज्ञोपवीतं, 
भज जन शिवरूपं भैरवं भूतनाथम्!!
 
भैरव स्तोत्र
 
यं यं यं यक्ष रूपं दशदिशिवदनं भूमिकम्पायमानं।
सं सं सं संहारमूर्ती शुभ मुकुट जटाशेखरम् चन्द्रबिम्बम्।।
दं दं दं दीर्घकायं विकृतनख मुखं चौर्ध्वरोयं करालं।
पं पं पं पापनाशं प्रणमत सततं भैरवं क्षेत्रपालम्।।1।।
 
रं रं रं रक्तवर्ण कटक कटितनुं तीक्ष्णदंष्ट्राविशालम्।
घं घं घं घोर घोष घ घ घ घ घर्घरा घोर नादम्।।
कं कं कं काल रूपं घगघग घगितं ज्वालितं कामदेहं।
दं दं दं दिव्यदेहं प्रणमत सततं भैरवं क्षेत्रपालम्।।2।।
 
लं लं लं लम्बदंतं ल ल ल ल लुलितं दीर्घ जिह्वकरालं।
धूं धूं धूं धूम्र वर्ण स्फुट विकृत मुखं मासुरं भीमरूपम्।।
रूं रूं रूं रुण्डमालं रूधिरमय मुखं ताम्रनेत्रं विशालम्।
नं नं नं नग्नरूपं प्रणमत सततं भैरवं क्षेत्रपालम्।।3।।
 
वं वं वं वायुवेगम प्रलय परिमितं ब्रह्मरूपं स्वरूपम्।
खं खं खं खड्ग हस्तं त्रिभुवननिलयं भास्करम् भीमरूपम्।।
चं चं चं चालयन्तं चलचल चलितं चालितं भूत चक्रम्।
मं मं मं मायाकायं प्रणमत सततं भैरवं क्षेत्रपालम्।।4।।
 
खं खं खं खड्गभेदं विषममृतमयं काल कालांधकारम्।
क्षि क्षि क्षि क्षिप्रवेग दहदह दहन नेत्र संदिप्यमानम्।।
हूं हूं हूं हूंकार शब्दं प्रकटित गहनगर्जित भूमिकम्पं।
बं बं बं बाललील प्रणमत सततं भैरवं क्षेत्रपालम्।।5।।
 
ॐ तीक्ष्णदंष्ट्र महाकाय कल्पांत दहन प्रभो!
भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातु महर्षि!!

ALSO READ: काल भैरव अष्टमी : जानिए 16 रहस्य और पाएं संकटों से मुक्ति

ALSO READ: Kaal Bhairav Ashtami : भैरवाष्टमी पर पढ़ें श्री भैरव चालीसा का पवित्र पाठ

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Dhanteras Rashifal: धनतेरस पर बन रहे 5 दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

Shopping for Diwali: दिवाली के लिए क्या क्या खरीदारी करें?

दिवाली को लेकर कंफ्यूजन खत्म, जानिए सही तारीख और शुभ मुहूर्त के साथ

बहुत रोचक है आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति की कथा, जानिए कौन हैं भगवान धन्वंतरि?

Dhanteras 2024: अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस पर कितने, कहां और किस दिशा में जलाएं दीपक?

सभी देखें

नवीनतम

28 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

28 अक्टूबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 28 से 03 नवंबर तक

Aaj Ka Rashifal: 27 अक्टूबर के दिन इन 4 राशियों को मिलेगा भाग्य का साथ, पढ़ें अपना राशिफल

27 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

अगला लेख