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क्यों फीका पड़ा तेजस्वी यादव का 'तेज'? तेज प्रताप का चौंकाने वाला हाल और RJD-कांग्रेस की हार के कारण?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 14 नवंबर 2025 (12:02 IST)
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और महागठबंधन के लिए एक बड़ा झटका लेकर आए हैं। मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव का जिस 'तेज' और 'बदलाव' का नारा गूंज रहा था, वह निर्णायक नतीजों के सामने फीका पड़ गया। जहां NDA स्पष्ट बहुमत की ओर बढ़ रहा है, वहीं RJD और कांग्रेस अपने पिछले प्रदर्शन से भी काफी नीचे खिसक गए हैं।

इस निराशाजनक प्रदर्शन के पीछे कई कारण हैं, जिसमें लालू परिवार के भीतर का विवाद और तेज प्रताप यादव के चौंकाने वाले चुनावी हाल ने भी अहम भूमिका निभाई है।

1. तेजस्वी यादव का 'तेज' क्यों फीका पड़ा? तेजस्वी यादव ने अपनी चुनावी रैलियों में जबरदस्त भीड़ जुटाई और '10 लाख नौकरियों' के वादे पर चुनाव लड़ा, लेकिन उनका यह 'तेज' सीटों में तब्दील नहीं हो पाया। इसके पीछे के प्रमुख कारण ये हैं:

भरोसे का संकट ('जंगलराज' का डर): भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने 'जंगलराज' की वापसी का डर दिखाकर वोटरों को एकजुट किया। लालू यादव के जेल में होने और RJD की पुरानी छवि ने कई अति-पिछड़ों और मध्यम वर्ग के वोटरों को NDA से जोड़े रखा।

पुराने सहयोगियों पर अधिक निर्भरता: RJD ने अति-पिछड़ा वर्ग (EBC) और महादलितों के बीच अपनी पैठ बनाने के लिए कोई मजबूत आधार तैयार नहीं किया। वह अब भी मुख्य रूप से MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण पर अधिक निर्भर रही, जबकि नीतीश कुमार ने EBC और महिलाओं के बीच मजबूत पकड़ बनाए रखी।

कांग्रेस का निराशाजनक प्रदर्शन: महागठबंधन में कांग्रेस सबसे कमज़ोर कड़ी साबित हुई। 61 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद, कांग्रेस मात्र 6-14 सीटों पर ही आगे चल पाई। कांग्रेस अपने वोट RJD को ट्रांसफर कराने में सफल नहीं हो पाई, जिसने महागठबंधन की जीत की संभावनाओं को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाया।

नीतीश कुमार की 'महिला फैक्टर' पर पकड़: नीतीश कुमार ने महिला मतदाताओं के बीच अपनी छवि बनाए रखी। शराबबंदी, साइकिल योजना, और पंचायती राज में आरक्षण जैसे कदमों ने महिलाओं के बीच उनके प्रति विश्वास को बरकरार रखा, जिसने NDA के पक्ष में निर्णायक रूप से मतदान किया।

खुद तेजस्वी का अपनी सीट पर संघर्ष: तेजस्वी यादव राघोपुर विधानसभा सीट पर भी शुरुआती रुझानों में प्रतिद्वंद्वी से पिछड़ने के बाद, कड़े संघर्ष के बाद ही बढ़त बना पाए। उनके अपने राजनीतिक केंद्र में यह संघर्ष पूरे राज्य में उनकी लोकप्रियता पर सवाल खड़े करता है।

क्या है तेज प्रताप यादव का हाल? लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का चुनावी हाल महागठबंधन के लिए एक अलग ही शर्मिंदगी का कारण बना है। तेज प्रताप यादव ने अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) बनाकर महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा।

चौंकाने वाला प्रदर्शन: शुरुआती रुझानों में, तेज प्रताप यादव महुआ सीट पर चौथे नंबर पर चल रहे हैं। उन्हें अपनी ही पार्टी (RJD) के उम्मीदवार और LJP (रामविलास) के उम्मीदवार से भी कम वोट मिले।

परिवार का कलह: तेज प्रताप का यह कदम लालू परिवार के भीतर के कलह को सार्वजनिक रूप से दिखाता है। उनका अलग लड़ना और चौथे नंबर पर आना परिवार की एकजुटता पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है और RJD के कैडर को भी भ्रमित किया।

बिहार चुनाव 2025 में तेजस्वी यादव का 'तेज' फीका पड़ने की मुख्य वजह NDA का सफल जातिगत और विकास का संतुलन और महागठबंधन के भीतर कांग्रेस का निराशाजनक प्रदर्शन व आंतरिक कलह रहा। तेजस्वी की युवा अपील और नौकरी के वादे को JDU के स्थापित सुशासन मॉडल और BJP के मजबूत संगठन के सामने पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पाया। तेज प्रताप यादव का अलग लड़ना और चौंकाने वाला प्रदर्शन परिवार की एकजुटता पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है।
Edited By: Navin Rangiyal

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