स्वर्णिम ग्लोबल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और सीए सुरेश झा द्वारा निर्मित, तुषार अमरीश गोयल द्वारा लिखित और निर्देशित फिल्म 'द ताज स्टोरी' का ट्रेलर रिलीज हो गया है। इस फिल्म में परेश रावल मुख्य भूमिका में हैं, जबकि विकास राधेश्याम इसके क्रिएटिव प्रोड्यूसर हैं।
फिल्म के पहले पोस्टर रिलीज के बाद ही जमकर बवाल हुआ था। पोस्टर में ताजमहल में से भगवान शिव को निकलते हुए दिखाया गया था। इसके बाद से ही फैंस इसके ट्रेलर को लेकर काफी उत्सुक थे। फिल्म में परेश रावल एक गाइड 'विष्णुदास' का किरदार निभा रहे हैं।
फिल्म की कहानी ताजमहल के निर्माण से जुड़े विवादित सवालों और ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर गढ़ी गई है। ट्रेलर में परेश रावल कई दमदार डायलॉग्स कहते नजर आ रहे हैं। परेश रावल कहते दिख रहे हैं, 'ये देखिए, मुगल वास्तु कला का शानदार अजूबा जिसकी खूबसूरती में हर कोई डूबा।'
इसके बाद परेश से कोर्ट में सवाल पूछा जाता है, 'ये क्या वाकई ताजमहल शाहजहां ने बनवाया था?' इसपर परेश कहते हैं, 'दुनिया में कभी ऐसा मकबरा देखा है? जिसके ऊपर गुंबद हो और गुंबद पर कलश हो?'
वहीं परेश रावल के एक डायलॉग ने गहरी बहस छेड दी है। परेश रावल अपने सधे हुए अंदाज़ में कहते हैं, 'यह मामला हिंदू बनाम मुस्लिम का नहीं है, यह भारतीय इतिहास का मामला है।' उनकी आवाज़ और संवाद एक ऐसी सच्चाई को सामने लाते हैं जो आज की पीढ़ी के लिए बेहद प्रासंगिक है — कि भारत का अतीत किसी एक धर्म की नहीं, बल्कि सभी की साझा धरोहर है।
धर्म नहीं, सच्चाई और इतिहास पर केंद्रित फिल्म
द ताज स्टोरी अपने संवादों के ज़रिए यह बताती है कि इतिहास को किसी राजनीतिक या वैचारिक सुविधा के अनुसार नहीं, बल्कि सत्य के आधार पर समझना चाहिए। फिल्म यह सवाल उठाती है कि क्या हमने अपने इतिहास को ईमानदारी से समझने की कोशिश की है या फिर उसे मान्यताओं और विचारधाराओं में बाँट दिया है?
यह फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ दर्शकों को आत्मचिंतन के लिए भी प्रेरित करती है — कि इतिहास का सम्मान विभाजन से नहीं, संवाद और समझ से हो सकता है।
फिल्म में परेश रावल के साथ ज़ाकिर हुसैन, अमृता खानविलकर, स्नेहा वाघ और नमित दास जैसे सशक्त कलाकार नज़र आएंगे। फिल्म का सबसे तीखा सवाल है — 'आज़ादी के 79 साल बाद भी क्या हम अब भी बौद्धिक आतंकवाद के गुलाम हैं?' यह प्रश्न भारतीय समाज और शिक्षा व्यवस्था पर गहरी चोट करता है।
फिल्म का संगीत रोहित शर्मा और राहुल देव नाथ ने तैयार किया है। यह केवल एक ऐतिहासिक फिल्म नहीं, बल्कि सिनेमा के ज़रिए चलती एक विचार-विमर्श की बहस है। 'द ताज स्टोरी' 31 अक्टूबर 2025 को पूरे देश में भव्य रूप से रिलीज़ की जाएगी। फिल्म दर्शकों को इतिहास और स्वतंत्रता के अर्थ पर फिर से सोचने के लिए प्रेरित करेगी।