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ईस्टर संडे का क्या है महत्व, क्यों मनाते हैं इसे?

WD Feature Desk
शनिवार, 19 अप्रैल 2025 (12:45 IST)
Easter Sunday April 20th: ईस्टर संडे ईसाई धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह यीशु मसीह के पुनरुत्थान का दिन है। पश्चिमी ईसाई धर्म में ईस्टर संडे रविवार, 20 अप्रैल को मनाया जाएगा। ईस्टर संडे ईसाई धर्म का हृदय है, जो यीशु मसीह के पुनरुत्थान का जश्न मनाता है और विश्वासियों को नई आशा और अनंत जीवन का वादा दिलाता है। यह खुशी, उत्सव और कृतज्ञता का दिन है। जानें महत्व...ALSO READ: गुड फ्राइडे को कैसे मिला ये नाम? क्या है गुड फ्राइडे का इतिहास, जानिए ईसाई धर्म के लोग कैसे मनाते हैं गुड फ्राइडे
 
महत्व : ईस्टर की घटना ईसाई धर्म के सिद्धांतों और विश्वासों का केंद्र है। यह यीशु मसीह को ईश्वर के पुत्र और मानव जाति के उद्धारकर्ता के रूप में पुष्टि करता है। ईस्टर संडे उस दिन को याद करता है, जब यीशु मसीह को उनके क्रूस पर चढ़ने और मरने के तीन दिन बाद मृतकों में से जीवित पाया गया था। यह घटना ईसाई धर्म की नींव है और इसे बुराई और मृत्यु पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है।

यीशु का पुनरुत्थान ईसाइयों के लिए नई आशा और उद्धार का प्रतीक है। यह विश्वास दिलाता है कि मृत्यु अंतिम नहीं है और जो लोग यीशु में विश्वास करते हैं उन्हें अनंत जीवन मिलेगा। ईस्टर संडे लेंट एक धार्मिक परंपरा है जो 40 दिनों के उपवास और तपस्या की अवधि का समापन भी करता है। यह शोक और पश्चाताप के समय के बाद खुशी और उत्सव का दिन है। यह निम्नलिखित कारणों से मनाया जाता है। 
 
ईसाई ईस्टर संडे क्यों मनाते हैं: क्योंकि यीशु मसीह का पुनरुत्थान उनके विश्वास की सबसे महत्वपूर्ण घटना है। यह पाप और मृत्यु पर यीशु की विजय का प्रतीक है। यह सभी विश्वासियों के लिए अनंत जीवन की आशा प्रदान करता है। यह ईश्वर के प्रेम और मानव जाति के लिए उनके उद्धार की योजना का प्रदर्शन है। यह एक ऐसा समय है जब ईसाई यीशु के बलिदान और उनके पुनरुत्थान के महत्व पर चिंतन करते हैं।
 
इस दिन क्या करते हैं: 
ईस्टर संडे को दुनिया भर के ईसाई विभिन्न तरीकों से मनाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. चर्च जाना: विशेष ईस्टर सेवाओं में भाग लेना, जिसमें बाइबल के पाठ, भजन और यीशु के पुनरुत्थान के बारे में उपदेश शामिल होते हैं। कई चर्च ईस्टर की पूर्व संध्या पर आधी रात की सतर्कता सेवा या सुबह सूर्योदय सेवा भी आयोजित करते हैं।
 
2. खुशी और उत्सव: यह दिन खुशी और उत्सव का होता है। चर्चों को फूलों से सजाया जाता है, और पादरी चमकीले वस्त्र पहनते हैं।
 
3. ईस्टर अंडे: अंडे नए जीवन और पुनर्जन्म का प्रतीक हैं, और ईस्टर अंडे सजाना और उन्हें खोजना एक लोकप्रिय परंपरा है, खासकर बच्चों के बीच।
 
4. ईस्टर बनी: ईस्टर बनी वसंत और नए जीवन का एक और लोकप्रिय प्रतीक है, खासकर पश्चिमी संस्कृतियों में।
 
5. पारिवारिक भोजन: परिवार और प्रियजन एक साथ विशेष भोजन करते हैं, जिसमें अन्य पारंपरिक व्यंजन भी शामिल होते हैं।
 
6. उपहार देना: ईस्टर की टोकरियां कैंडी, चॉकलेट और छोटे खिलौनों से भरकर बच्चों को दी जाती हैं।
 
7. बधाई देना: लोग एक दूसरे को 'हैप्पी ईस्टर' कहकर बधाई देते हैं।
 
8. दान और सेवा: कई ईसाई इस दिन जरूरतमंदों की मदद करके और दान करके यीशु के प्रेम और करुणा के संदेश को व्यक्त करते हैं।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: गुड फ्राइडे 2025: क्या है यीशु मसीह के बलिदान की कहानी और युवाओं के जीवन में इस दिन का महत्व

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