Corona का कहर, मध्य प्रदेश में 6500 कैदियों को किया रिहा

Webdunia
रविवार, 17 मई 2020 (16:44 IST)
भोपाल। कोरोना वायरस कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 की महामारी के मद्देनजर जेलों में भीड़ कम करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को दिए गए निर्देश के बाद मध्यप्रदेश की जेलों से करीब अब तक 6500 कैदियों को रिहा किया गया है।

मध्यप्रदेश जेल उप महानिरीक्षक संजय पाण्डेय ने रविवार को बताया कि कोविड-19 के मद्देनजर जेलों में भीड़ कम करने के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए मध्यप्रदेश में करीब 6,500 कैदियों को पेरोल एवं अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है।

उन्होंने कहा कि इनमें से करीब 3,900 सजायाफ्ता कैदियों को 60 दिन के पेरोल पर रिहा किया गया है, जबकि अन्य करीब 2,600 विचाराधीन बंदियों को 45 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है।

पाण्डेय ने बताया कि हमने पैरोल पर रिहा किए गए इन कैदियों की रिहाई का समय 60 दिन और बढ़ा दिया है, जबकि अंतरिम जमानत पर छोड़े गए इन बंदियों की रिहाई का समय 45 दिन के लिए और बढ़ा दिया है। इस प्रकार पेरोल पर रिहा कैदियों को 120 दिन और अंतरिम जमानत पर रिहा इन बंदियों को 90 दिन तक की रिहाई मिल गई है।

उन्होंने कहा, हमने उच्चतम न्यायालय के निर्देश का पालन करते हुए इन कैदियों को रिहा किया है। इसी बीच, मध्यप्रदेश जेल विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मध्यप्रदेश में करीब 131 जेल हैं, जिनमें से 75 प्रतिशत से अधिक जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की जेलों में 28,500 कैदी रखने की क्षमता है, जबकि वर्तमान में करीब 39,000 कैदी रह रहे हैं। जिन 6,500 कैदियों को कोविड-19 के चलते भीड़ कम करने के लिए छोड़ा गया है, वे अलग हैं।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार कुल मिलाकर मध्य प्रदेश की जेलों में क्षमता से बहुत ज्यादा कैदी हैं। अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस की महामारी के चलते मध्य प्रदेश सरकार कैदियों को एक बार में अधिकतम 120 दिन की आपात छुट्टी देगी और इन छुट्टियों को उस बंदी के कुल दंड की अवधि में सम्मिलित करेगी।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में मध्यप्रदेश जेल विभाग ने 13 मई को आदेश जारी किया है। अधिकारी ने बताया कि आदेश के अनुसार, महामारी के खतरे एवं प्राकृतिक आपदा जैसी आपात स्थितियों की दशा में या किसी अन्य परिस्थितियों की दशा में, जो जेल के बंदियों की संख्या को तत्काल कम करने का समर्थन करती है, उन मामलों में बंदी को एक बार में अधिकतम 120 दिन के लिए आपात छुट्टी की पात्रता होगी।

इसमें कहा गया है कि ऐसे बंदी द्वारा जेल के बाहर व्यतीत की गई इस आपात छुट्टी की अवधि की गणना, बंदी के कुल दंडादेश की अवधि में सम्मिलित की जाएगी। मालूम हो कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर मार्च के दूसरे पखवाड़े में उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे उच्चस्तरीय समितियों का गठन कर जेलों में भीड़ कम करने के लिए सात साल की जेल की अवधि वाले कैदियों और विचाराधीन कैदियों को पेरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने पर विचार करे।
इसके तुरंत बाद मध्यप्रदेश सरकार ने जेलों में भीड़ कम करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया, जिसके बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 29 मार्च को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मानवीय आधार पर प्रदेश की जेलों में बंद कुछ कैदियों को राहत देने का निर्णय लिया था। मध्यप्रदेश में अब तक कोविड-19 के मरीजों का आंकड़ा 4,790 तक पहुंच गया। इनमें से 244 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख