अमर्त्य सेन बोले, भारत में सरकार के स्किजोफ्रेनिया के कारण Covid 19 संकट गंभीर हुआ

Webdunia
शनिवार, 5 जून 2021 (10:48 IST)
मुंबई। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि भारत सरकार ने भ्रम में रहते हुए कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए काम करने के बजाय अपने कामों का श्रेय लेने पर ध्यान केंद्रित किया जिससे स्किजोफ्रेनिया की स्थिति बन गई और काफी दिक्कतें पैदा हुईं। स्किजोफ्रेनिया एक गंभीर मनोरोग है जिसमें रोगी वास्तविक और काल्पनिक संसार में भेद नहीं कर पाता।

ALSO READ: कोरोना टीकाकरण : प्रधानमंत्री मोदी ने की समीक्षा बैठक, इस बात पर दिया जोर...
 
प्रख्यात अर्थशास्त्री ने शुक्रवार देर शाम को राष्ट्र सेवादल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत अपने दवा निर्माण के कौशल और साथ ही उच्च रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण महामारी से लड़ने के लिए बेहतर स्थिति में था। सेन की ये टिप्पणियां कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर की पृष्ठभूमि में आई हैं। कुछ प्रतिष्ठित लोगों का कहना है कि पहले ही विजयी होने की भावना से यह संकट पैदा हुआ।
 
सेन ने कहा कि सरकार में भ्रम के कारण संकट से खराब तरीके के निपटने की वजह से भारत अपनी क्षमताओं के साथ काम नहीं कर सका। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो किया, उसका श्रेय लेने की इच्छुक दिखाई दी जबकि उसे यह सुनिश्चित करना था कि भारत में यह महामारी न फैले। इसका नतीजा काफी हद तक स्किजोफ्रेनिया जैसा था।

 
हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र और दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर सेन ने 1769 में एडम स्मिथ के लिखे एक लेख के हवाले से कहा कि अगर कोई अच्छा काम करता है तो उसे उसका श्रेय मिलता है और श्रेय कई बार एक संकेत होता है कि कोई व्यक्ति कितना अच्छा काम कर रहा है। सेन ने कहा कि लेकिन श्रेय पाने की कोशिश करना और श्रेय पाने वाला अच्छा काम न करना बौद्धिक नादानी का एक स्तर दिखाता है जिससे बचना चाहिए। भारत ने यही करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि भारत पहले से ही सामाजिक असमानताओं, धीमे विकास और बेरोजगारी से जूझ रहा है, जो इस महामारी के दौरान बढ़ गया है।

 
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की विफलता और सामाजिक एकजुटता की विफलता, महामारी से निपटने में नाकामी की भी वजह है। शिक्षा संबंधी सीमाओं के चलते शुरुआती स्तर पर लक्षणों और इलाज के प्रोटोकॉल पता लगाने में मुश्किलें हुईं। सेन ने स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा के क्षेत्र के साथ ही अर्थव्यवस्था और सामाजिक नीतियों में भी बड़े सार्थक बदलाव की पैरवी की।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

राम मंदिर के प्रसाद के नाम पर अमेरिका में ठगी, लूटें 10.49 करोड़, चौंका देगी ये रिपोर्ट

महाराष्ट्र की राजनीति में होगा धमाका, उद्धव और राज ठाकरे ने साथ आने के दिए संकेत

मोदी जी! मेरा तो डिमोशन हो गया, उम्मीद है आप जल्द फैसला लेंगे

ट्रंप को झटका, हार्वर्ड मामले में अमेरिकी जज ने दी विदेशी छात्रों को राहत

जानिए कैसा होगा चिनाब ब्रिज से होकर जाने वाली कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस का सफर

सभी देखें

नवीनतम

Petrol Diesel Prices: तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल डीजल के ताजा रेट, टंकी भरवाने के पहले जानें भाव

क्या ट्रंप से मस्क की नाराजगी से अमेरिका को मिलेगी नई राजनीतिक पार्टी, क्या होगा नाम?

LIVE: पीएम मोदी ने दी ईद की बधाई

G7 समिट में शामिल होंगे पीएम मोदी, कनाडाई पीएम कार्नी ने दिया था निमंत्रण

Weather Update: मानसून ने फिर लिया ब्रेक, क्या है IMD का अलर्ट

अगला लेख