कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर सरकार का बड़ा फैसला, घरेलू मांग पूरी करने पर ध्यान

Webdunia
गुरुवार, 25 मार्च 2021 (08:09 IST)
नई दिल्ली। भारत आगामी कुछ महीनों तक कोविड-19 टीकों के निर्यात को संभवत: विस्तार नहीं देगा, क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर उसका ध्यान घरेलू मांग को पूरा करने पर केंद्रित हो गया है।
 
इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि भारत विभिन्न देशों से की जा चुकी मौजूदा प्रतिबद्धताएं पूरी करेगा, लेकिन घरेलू मांग पूरा करने के लिए आगामी कुछ महीनों के लिए निर्यात नहीं बढ़ाएगा।
 
उन्होंने बताया कि दो-तीन महीनों बाद हालात की समीक्षा की जाएगी। भारत ने विदेशों में टीके की आपूर्ति करना 20 जनवरी से शुरू किया था। भारत अब तक करीब 80 देशों में टीके की छह करोड़ चार लाख खुराक भिजवा चुका है।
 
उल्लेखनीय है कि देश में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी। अब तक 5 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की खुराक लगाई जा चुकी है। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया। इसके बाद 60 वर्ष के ऊपर के लोगों और 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को टीका लगाया गया। अब 1 अप्रैल से 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाया जाएगा।
 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोविड-19 से जान गंवाने वालों में करीब 88 प्रतिशत लोग 45 साल या उससे ज्यादा आयुवर्ग के थे। इस आयुवर्ग में मामलों से जुड़ी मृत्युदर 2.85 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1.37 प्रतिशत है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

CM धामी ने बदले 18 स्थानों के नाम, औरंगजेबपुर हुआ शिवाजी नगर

कौन हैं निधि तिवारी, बनीं पीएम मोदी की Personal Secretary?

जानिए कौन हैं घिबली' आर्ट की शुरुआत करने वाले हयाओ मियाजाकी, कितनी संपत्ति के हैं मालिक

सावधान! अप्रैल-जून में पड़ेगी सामान्य से ज्यादा गर्मी, लू से होगा सामना

1 अप्रैल की रात से बैंकिंग से लेकर यूपीआई तक बदल रहे हैं ये नियम

सभी देखें

नवीनतम

MP : अहमदाबाद-बरौनी एक्सप्रेस के डिब्बे में लगी आग, यात्रियों में मचा हड़कंप, कोई हताहत नहीं

बंगाल में गैस सिलेंडर विस्फोट, 4 बच्चों समेत 7 लोगों की मौत

साइबर अपराधियों ने ओडिशा के पूर्व IT मंत्री से ठगे 1.4 करोड़

Chhattisgarh : बीजापुर में 13 माओवादी गिरफ्तार, बारूदी सुरंग विस्फोट में थे शामिल

जल संवर्धन के साथ उसका संरक्षण आज की महती आवश्यकता : मोहन यादव

अगला लेख