Coronavirus पर 2015 से रिसर्च कर रहा है चीन, ऑस्ट्रेलिया मीडिया का दावा- जैविक हथियार की तरह करना चाहता था इस्तेमाल

Webdunia
सोमवार, 10 मई 2021 (00:07 IST)
लंदन/मेलबर्न। चीन के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 महामारी से 5 साल पहले कथित तौर पर कोरोनावायरस को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने के बारे में जांच की थी और उन्होंने तीसरा विश्व युद्ध जैविक हथियार से लड़ने का पूर्वानुमान लगाया था। अमेरिकी विदेश विभाग को प्राप्त हुए दस्तावेजों के हवाले से मीडिया रपटों में यह दावा किया गया है।
ALSO READ: Rahul Gandhi ने केंद्र पर साधा निशाना, ट्वीट में लिखा, 'देश को PM आवास नहीं, सांस चाहिए'
ब्रिटेन के 'द सन' अखबार ने 'द ऑस्ट्रेलियन' की तरफ से सबसे पहले जारी रिपोर्ट के हवाले से कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग के हाथ लगे 'विस्फोटक' दस्तावेज कथित तौर पर दर्शाते हैं कि चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के कमांडर यह घातक पूर्वानुमान जता रहे थे। अमेरिकी अधिकारियों को मिले दस्तावेज कथित तौर पर वर्ष 2015 में उन सैन्य वैज्ञानिकों और वरिष्ठ चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा लिखे गए थे जोकि कोविड-19 की उत्पत्ति के संबंध में जांच कर रहे थे।
 
चीनी वैज्ञानिकों ने सार्स कोरोना वायरस का 'जैविक हथियार के नए युग' के तौर पर उल्लेख किया था, कोविड जिसका एक उदाहरण है। पीएलए के दस्तावेजों में दर्शाया गया कि जैव हथियार हमले से दुश्मन के चिकित्सा तंत्र को ध्वस्त किया जा सकता है।
दस्तावेजों में अमेरिकी वायुसेना के कर्नल माइकल जे के कार्यों का भी जिक्र किया गया है, जिन्होंने इस बात की आशंका जताई थी कि तीसरा विश्व युद्ध जैविक हथियारों से लड़ा जा सकता है। दस्तावेजों में इस बात का भी उल्लेख है कि चीन में वर्ष 2003 में फैला सार्स एक मानव-निर्मित जैव हथियार हो सकता है, जिसे आंतकियों ने जानबूझकर फैलाया हो।
ALSO READ: मरीजों की जान से खिलवाड़ : नमक और ग्लूकोज से बनाते नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन, मप्र में 1200 खपाए
सांसद टॉम टगेनधट और आस्ट्रेलियाई राजनेता जेम्स पेटरसन ने कहा कि इन दस्तावेजों ने कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में चीन की पारदर्शिता को लेकर चिंता पैदा कर दी है। हालांकि बीजिंग में सरकारी ग्लोबल टाइम्स समाचार-पत्र ने चीन की छवि खराब करने के लिए इस लेख को प्रकाशित करने को लेकर दी ऑस्ट्रेलियन की आलोचना की है।

हैरान करने वाली रिपोर्ट : चीन 2015 से ही SARS कोरोना वायरस को सैन्य क्षमता के तौर पर इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा था। वीकेंड ऑस्ट्रेलियन (Weekend Australian) की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। 'अननेचुरल ओरिजन ऑफ सार्स एंड न्यू स्पेसीज ऑफ मैनमेड वायरेस' नाम की जेनेटिक बायोवेपंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरा विश्व युद्ध जैविक हथियारों  के जरिये लड़ा जाएगा। दस्तावेज में खुलासा किया है कि चीनी सेना के वैज्ञानिक सार्स कोरोना वायरस को हथियार की तरह इस्तेमाल करने पर चर्चा कर रहे थे। ( इनपुुुट भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

UP : आगरा में जूता कारोबारियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी, 30 करोड़ बरामद

Swati Maliwal Case : स्वाति मालीवाल बोली- एक गुंडे के दबाव में झुकी AAP, अब मेरे चरित्र पर सवाल उठा रही है

छत्तीसगढ़ में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्‍या, फांसी पर लटका मिला एक अन्‍य शव

कोर्ट ने क्यों खारिज की विभव कुमार की जमानत याचिका, बताया कारण

अमेठी में इस बार आसान नहीं है केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की राह

गर्मी का कहर, 20 स्थानों पर पारा 45 के पार, 4 राज्यों में रेड अलर्ट

Live : 12 बजे भाजपा मुख्‍यालय जाएंगे केजरीवाल, भाजपा को दी चुनौती

जम्मू-कश्मीर में 2 जगह आतंकी हमला, शोपियां में पूर्व सरपंच की हत्या

स्वाति मालीवाल का आरोप, सिर्फ 50 सेकंड का वीडियो रिलीज किया, CCTV फुटेज भी गायब

Lok Sabha Elections 2024 : रायबरेली में भाजपा ही करेगी राहुल गांधी की जीत आसान

अगला लेख