Corona virus : इस तरह की जा सकती है संक्रमण की पहचान...

Webdunia
शुक्रवार, 20 मार्च 2020 (19:08 IST)
नई दिल्ली। ऐसे लोग जिनमें कोरोना वायरस (Corona virus) संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन वे संक्रमित हैं, उनसे इस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगातार सर्विलांस करना और जांच करते रहना आवश्यक है। यही एक रास्ता है जिसके जरिए साइलेंट संक्रमण को पहचाना और रोका जा सकता है।

उत्तरप्रदेश के शिव नादर विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर नगा सुरेश वीरापु ने बताया कि कुछ वायरस शरीर में वर्षों सुसुप्त पड़े रह सकते हैं। फिर जब उसका प्रतिरोध करने वाले अंग कमजोर पड़ जाते हैं, तब उनके लक्षण दिखने शुरू होते हैं।

वीरापु ने बताया कि ऐसे संक्रमण जिनमें लक्षण नजर नहीं आ रहा है, उन्हें साइलेंट संक्रमण के रूप में जाना जाता है। साइलेंट संक्रमण की पहचान करने और उसके आगे प्रसार को रोकने के लक्ष्य से सर्विलांस और परीक्षण महत्वपूर्ण है।

एक दशक से भी ज्यादा वक्त से संक्रामक बीमारियों पर अनुसंधान कर रहे वीरापु ने बताया कि कोरोना वायरस के हवा से फैलने के तरीके में जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता या खंसता है तो उस दौरान वायरस पानी की बूंदों के साथ बाहर निकलता हैं लेकिन यह बूंदें इतनी भारी होती हैं कि वह ज्यादा दूर तक हवा में तैर नहीं सकतीं, ऐसे में वे जल्दी ही नाक, मुंह, आंखों पर बैठ जाती हैं। यह ज्यादा से ज्यादा 3 फुट की दूरी तक जा सकती हैं, ऐसे में वह आसपास के वस्तुओं पर जा बैठती/ गिरती हैं।

विषाणु विज्ञानी ने बताया कि शरीर के कुछ उत्तक और अंग कुछ संक्रमणों का साथ देते हैं और उनके प्रसार में मददगार साबित होते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 फेफड़ों की एपिथिलियमी कोशिकाओं को संक्रमित करती है और प्रसार करती है इसलिए इसका प्रसार ड्रॉपलेट (छींकते या खांसते वक्त निकलने वाली पानी की बूंदों) से होता है।

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